तनोट माता

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
तनोट माता मंदिर
लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found।
धर्म संबंधी जानकारी
सम्बद्धतासाँचा:br separated entries
शासी निकायसाँचा:csv
अवस्थिति जानकारी
अवस्थितिसाँचा:if empty
लुआ त्रुटि Module:Location_map में पंक्ति 422 पर: No value was provided for longitude।
निर्मातासाँचा:if empty
ध्वंससाँचा:ifempty
साँचा:designation/divbox
साँचा:designation/divbox

साँचा:template otherस्क्रिप्ट त्रुटि: "check for unknown parameters" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।साँचा:main otherसाँचा:main otherसाँचा:main other

तनोट माँ (तन्नोट माँ) का मन्दिर जैसलमेर जिले से लगभग एक सौ तीस कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित हैं। देवी आवड़ को तनोट राय नाम से पूजा जाता है , तनोट राय को हिंगलाज माँ का ही एक रूप कहा कहा जाता है। हिंगलाज माता जो वर्तमान में बलूचिस्तान जो पाकिस्तान में है , वहाँ स्थापित है। भाटी राजपूत नरेश तणुराव ने वि॰सं॰ 828 में तनोट का मंदिर बनवाकर मूर्ति को स्थापित किया था। इसी बीच भाटी तथा जैसलमेर के पड़ौसी इलाकों के लोग आज भी इस माता को पूजते आ रहे हैं।

भारत-पाक लड़ाई और माता का चमत्कार

माना गया है कि भारत और पाकिस्तान के मध्य जो सितम्बर 1965 को लड़ाई हुई थी , उसमें पाकिस्तान के सैनिकों ने मंदिर पर कई बम गिराए थे लेकिन माँ की कृपा से एक भी बम नहीं फट सका था। तभी से सीमा सुरक्षा बल के जवान इस मन्दिर के प्रति काफी श्रद्धा भाव रखते हैं। [१]

इतिहास

मंदिर के एक पुजारी ने मंदिर के इतिहास के बारे में उल्लेख किया कि बहुत समय पहले एक मामड़िया चारण नाम का एक चारण था, जिनके कोई 'बेटा-बेटी' अर्थात कोई संतान नहीं थी, वह संतान प्राप्ति के लिए लगभग सात बार हिंगलाज माता की पूरी तरह से पैदल यात्रा की। एक रात को जब उस चारण (गढवी ) को स्वप्न में आकर माता ने पूछा कि तुम्हें बेटा चाहिए या बेटी , तो चारण ने कहा कि आप ही मेरे घर पर जन्म ले लो।

हिंगलाज माता की कृपा से उस चारण के घर पर सात पुत्रियों और एक पुत्र ने जन्म लिया। इनमें से एक आवड मा थी जिनको तनोट माता के नाम से जाना जाता है।

घुमने के लिए हैं अच्छी जगह

दोस्तों अगर आप तनोत माता के दरबार में धोक देने आने वाले हैं यह आपके लिए एक अच्छा प्लेस हो सकता हैं. तनोत माता आने से पहले आपको इस के बारे जानकारी होनी चाहिए की आप तनोत माता कैसे पहुचेंगे ( How to reach tanot mata ). तनोत माता के दरबार में आने के लिए आपको जैसलमेर से गाडी या आप अपनी खुद की गाडी लेकर आ सकते हैं. इस जगह पर आने के बाद आपको शांति की अनुभूति मिलती हैं.

तनोत माता को रक्षा की देवी भी कहा जाता हैं. ऐसा माना जाता हैं की भारत और पाकिस्तान के बीच में हुए घमासान युद्ध के दोहरान माता के दरबार में पाकिस्तान की और से कई बम फेंके गये हैं पर माता जी मंदिर को कुछ नही हुआ. इसी करते हैं चमत्कार.

सन्दर्भ

  1. आवड़ माँ तनोट राय मन्दिर जैसलमेर में स्थित स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। अभिगमन तिथि.15 जून 2016

तनोटमाता का जन्म स्थान चालकना बाडमेर राजस्थान माना जाता है वि. से. 808 में मामड़ जी घर जन्म हुआ