ढाकेश्वरी मन्दिर
ढाकेश्वरी मंदिर | |
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ঢাকেশ্বরী জাতীয় মন্দির | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | साँचा:br separated entries |
देवता | ढाकेश्वरी |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | साँचा:if empty |
ज़िला | ढाका |
राज्य | ढाका |
देश | बांग्लादेश |
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भौगोलिक निर्देशांक | साँचा:coord |
वास्तु विवरण | |
प्रकार | सेन वंश |
निर्माता | साँचा:if empty |
निर्माण पूर्ण | 12वीं सदी |
ध्वंस | साँचा:ifempty |
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ढाकेश्वरी मन्दिर ढाका नगर का सबसे महत्वपूर्ण मन्दिर है। इन्हीं ढाकेश्वरी देवी के नाम पर ही ढाका का नामकरण हुआ है। भारत के विभाजन से पहले तक ढाकेश्वरी देवी मन्दिर सम्पूर्ण भारत के शक्तिपूजक समाज के लिए आस्था का बहुत बड़ा केन्द्र था। 12वीं शताब्दी में सेन राजवंश के बल्लाल सेन ने ढाकेश्वरी देवी मन्दिर का निर्माण करवाया था। ढाकेश्वरी पीठ की गिनती शक्तिपीठ में की जाती है क्योंकि यहां पर सती के आभूषण गिरे थे।
इतिहास
ढाका कर्णाट क्षत्रियों की राजधानी रही है, सेन वंश जो कर्णाट क्षत्रिय थे,उनके काल में इस नगर का अभूतपूर्व विकास हुआ.
स्थापत्य
महात्म्य
सुरक्षा समस्या
वर्तमान स्थिति
दीर्घा
Shiva temple structures inside the Dhakeshwari Temple complex. by Ragib Hasan
Main temple structure. Photo by Ragib
Main temple structure from the west side. Photo by Ragib
The Goddess statue at the Dhakeshwari Temple. Photo by Ragib Hasan