डेविड हेडली
डेविड कॉलमेन हेडली | |
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जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
आरोप | २००८ के मुंबई हमले |
साँचा:nowrap | १८ मार्च २०१० |
स्थिति | अमेरिकी कारावास में बंदी |
व्यवसाय |
वीडियो स्टोर डीईए |
जीवनसाथी | शाज़िया हेडली |
मातापिता |
सैयद सलीम गिलानी (पिता) अलिस सरील हेडली (मां) |
बच्चे | ४[१] |
डेविड कॉलमेन हेडली (जन्म दाऊद सैयद गिलानी ३० जून १९६०) जन्म से एक अमेरिकी नागरिक और पाकिस्तान से संबन्धित एक आतंकवादी है।[२] लश्कर-ए-तैयबा के लिये काम करने वाले हेडली ने २००८ के मुंबई हमले की योजना बनाने और अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उस पर कई बार पाकिस्तान जाकर लश्कर से प्रशिक्षण लेने के आरोप लगे जिसे उसने अमेरिकी अदालत में कबूला। उसने मुंबई के कई स्थानों के मानचित्र, चित्र लेने हमले की जगहों को चुनने में मदद करने व योजना बनाने की बात भी कबूली।[३]
मुंबई हमलों के लिये ५ से अधिक बार जासूसी करने जैसे ही काम उसने कोपेनहेगन में भी किये जहाँ उसे एक डेनिश समाचार पत्र जाइलान्ड्स पोस्टेन के कार्यालय पर हमले की योजना बनानी थी। इस समाचार पत्र ने पैगंबर मोहम्मद का चित्र बना के छापा था जो इस्लाम के नियमों के खिलाफ है। हेडली को २००९ में पाकिस्तान जाते हुए शिकागो के अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया और मुंबई हमलों में भूमिका सिद्ध करने के लिये मुकदमा चलाया गया। इस मुकदमें में मौत की सजा से बचने के लिये वो सरकारी गवाह बन गया और अपना जुर्म कबूल लिया।[४] मुकदमे की गवाही के दौरान उसने बताया कि मुंबई हमला पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था इंटर सर्विसेज़ इंटेलीजेंस ने प्रायोजित किया था।[५] सरकारी गवाह बनाने के बाद हेडली ने अमेरिकी व भारतीय जांच अधिकारियों के साथ सहयोग किया।[६][७] मुंबई हमलों में संलिप्तता के मामले में २४ जनवरी २०१३ को एक अमेरिकी न्यायालय ने हेडली को ३५ वर्षों के कारावास की सजा सुनाई। [७]
जीवन
डेविड हेडली का जन्म वॉशिंगटन डीसी में हुआ था। इनके पिता [८]का नाम सैयद सलीम गिलानी तथा मां का नाम अलिस सेरील हेडली था। पिता गिलानी एक पाकिस्तानी डिप्लोमेंट तथा प्रस्तुतकर्ता के रूप में जाने जाते थे। हेडली की मां मुख्यतया बर्वन मार्वन ,पेंसिल्वेनिया की थीं जो एक पाकिस्तान दूतावास के कार्य के तहत [९]वॉशिंगटन मन कार्यरत थीं। दाऊद हेडलीकी एक बहिन भी तथा एक सौतेला भाई भी।
पुणे हमले में दावा
२०१० पुणे हमला में लगभग १५ जर्मन लोगों की जाने गई तथा इसमें कुल ५३ जनें घायल हुए थे। उस वक़्त भारतीय गृह सचिव जी. के. पिल्लई और हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक इस हमले के पीछे हेडली का हाथ था। हिन्दुस्तान टाइम्स ने कहा था कि यह २००८ में पुणे में देखा गया था साथ ही यह भी दावा किया था कि इनका फुटेज सीसीटीवी में कैद हुए थे। साथ ही द टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,द टेलीग्राम तथा पायोनियर समाचार पत्र ने भी यही दावा किया था।
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
सन्दर्भ
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