डिम्पल यादव
डिंपल यादव | |
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डिंपल यादव | |
पद बहाल 5 मई 2012 – 23 मई 2019 | |
पूर्वा धिकारी | अखिलेश यादव |
जन्म | साँचा:br separated entries |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राजनीतिक दल | समाजवादी पार्टी |
जीवन संगी | अखिलेश यादव |
संबंध | मुलायम सिंह यादव (ससुर) |
बच्चे | अदिति यादव टीना यादव अर्जुन यादव |
निवास | सैफ़ई, इटावा, उत्तर प्रदेश |
शैक्षिक सम्बद्धता | लखनऊ विश्वविद्यालय |
पेशा | राजनीतिज्ञ |
धर्म | हिन्दू |
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डिम्पल यादव एक चर्चित भारतीय राजनेत्री हैं, तथा वह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, विधान मण्डल दल के नेता व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमन्त्री युवा अखिलेश यादव की धर्मपत्नी हैं, जो कि कन्नौज से लगातार दो बार सांसद रह चुकी हैं।[१]
डिंपल यादव का जन्म 1978 में पुणे, [[महाराष्ट्र] में हुआ था। वह सेवानिवृत्त भारतीय सेना कर्नल आर.एस. रावत और चम्पा रावत की तीन पुत्रियों में से मंझली पुत्री हैं। उनका परिवार मूल रूप से उत्तराखंड का है। उनकी शिक्षा पुणे, बठिंडा और अंडमान निकोबार द्वीप और आर्मी पब्लिक स्कूल, नेहरू रोड, लखनऊ में हुई थी। डिम्पल यादव का विवाह अखिलेश यादव के साथ 1999 मे हुआ था। अखिलेश यादव को "भईया" कहने के कारण उ.प्र. मे युवा इन्हें "डिम्पल भाभी" के नाम से भी सम्बोधित करते है।
डिंपल यादव ने 2009 में फिरोजाबाद के लोकसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव लड़ा, लेकिन अभिनेता राज बब्बर के खिलाफ चुनाव में हार का सामना करना पड़ा ।
उप-चुनाव उनके पति अखिलेश द्वारा इस क्षेत्र में और साथ ही कन्नौज में मई 2009 के आम चुनावों में दोनो सीटो के जीतने के कारण हुआ था और क्योकि उन्होने कन्नौज से अपनी सीट ले ली थी।
2012 में उनके पति द्वारा उत्तर प्रदेश विधान परिषद में प्रवेश करने के लिए सीट खाली करने के कारण एक अन्य उपचुनाव के कारण उन्हें कन्नौज निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए निर्विरोध चुना गया था।
डिंपल देश की 44 वीं व्यक्ति बनीं और भारत की स्वतंत्रता के बाद से उत्तर प्रदेश में केवल चौथा निर्विरोध चुना गया। यह स्थिति तब पैदा हुई जब दो उम्मीदवारों, दशरथ सिंह शंखवार (संयुक्ता समाजवादी दल) और संजू कटियार (निर्दलीय) ने अपना नामांकन वापस ले लिया। भारतीय जनता पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने उप-चुनाव के लिए किसी भी उम्मीदवार को नामित नहीं किया था; हालांकि भाजपा ने बाद में स्पष्ट किया कि उनका उम्मीदवार उनकी ट्रेन से चूक गया था इसलिए वह अपना नामांकन दाखिल करने में समय पर पहुंचने में विफल रहे।
इसने लोकसभा उपचुनाव में निर्विरोध निर्वाचित होने वाली उत्तर प्रदेश की पहली महिला और 1952 में प्रयागराज (इलाहाबाद पश्चिम) से पुरुषोत्तम दास टंडन के निर्वाचन के बाद दूसरी महिला बनीं। वह एकमात्र ऐसी महिला सांसद बनीं, जिनके पति मुख्यमंत्री थे, और वह भी जिसका ससुर भी उसी सदन का सदस्य था।
डिम्पल यादव ने 2017 के उ.प्र. के विधानसभा के चुनाव मे समाजवादी पार्टी के लिए कई रैलियाॅ की थी। उनके भाषणो को जनता द्वारा खूब सराहा गया।
डिम्पल यादव देश मे महिला मुद्दो को लेकर अक्सर बोलती नजर आती है। उन्होने समाजवादी पार्टी द्वारा चलायी गयी महिला सुरक्षा के लिए 1090 हेल्पलाइन नं. का समर्थन किया।
डिम्पल यादव ने 2019 के लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में कन्नौज से चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा के सुब्रत पाठक से 10,000 से अधिक मतों के अंतर से हार गयी थी।[२]
डिम्पल का यहाँ से चुनाव हारना सपा के लिए निराशाजनक था,क्योकि यह यादव बाहुल्य सीट दशकों से सपा का गढ़ रही है। अखिलेश यादव द्वारा मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान कन्नौज लोकसभा मे उच्च स्तर का विकास किया गया था।