ठाकुर

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ठाकुर लखजीराजसिंहजी द्वितीय राजकोट के बावजीराजसिंहजी

ठाकुर एक उपाधि है जो बड़ी और छोटी रियासतों के राजाओं,बड़े ज़मीदारों को दी गई थी। ठाकुर शब्द का अर्थ "स्वामी" माना जाता है, जैसे की "ठाकुर घर" अर्थात पूजाघर है।[१] भारत में यह विभिन्न ब्राह्मण,[२] राजपूत[३] , अहीर,[४]जाट[५] समुदायों के उपनाम के लिए प्रयुक्त होता रहा है।[६][७]

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite book
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  3. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  4. साँचा:cite book
  5. https://books.google.co.in/books?id=UbsgVL4AGkoC&pg=PA60&redir_esc=y#v=onepage&q&f=false
  6. साँचा:cite book
  7. साँचा:cite book