टू स्टेज टू ऑर्बिट
टू स्टेज टू ऑर्बोट (हिंदी:कक्षा के लिए दो चरण) (TSTO या DSTO - डबल / दोहरा स्तर ऑर्बिट की ओर) प्रक्षेपण यान एक अंतरिक्ष यान होता है, जिसमें दो अलग चरणों के द्वारा आदेशीय कक्षीय वेग को प्राप्त करने के लिए लगातार प्रणोदन (प्रपलशन) प्रदान किया जाता है। यह तीन चरण के कक्षा लांचर और एकल चरण के लिए कक्षा (SSTO) लांचर का मध्यवर्ती है।
लिफ्टऑफ में पहला चरण वाहन को तेज करने के लिए जिम्मेदार होता है। कुछ बिंदु पर दूसरा चरण पहले चरण से खिसक कर अलग हो जाता है और अपनी शक्ति से कक्षा के लिए उड़ान जारी रखता है।
एकल चरण की तुलना में ऐसी प्रणाली का यह लाभ है कि अंतरिक्ष यान के पूरे द्रव्यमान (मास) को कक्षा में नहीं ले जाया जाता। यह लागत, संरचना और इंजन के आकार को कम रखने में सहायता करता है।
तीन या अधिक चरणों के स्थान पर इसमें एक फायदा यह है कि इसमें जटिलता, लागत और असफलता का जोखिम को कम रहता है।[१]