वेल्डिंग
झलाई या वेल्डन, निर्माण (fabrication) की एक प्रक्रिया है जो चीजों को जोडने के काम आती है। झलाई द्वारा मुख्यतः धातुएँ तथा थर्मोप्लास्टिक जोड़े जाते हैं। इस प्रक्रिया में सम्बन्धित टुकड़ों को गर्म करके पिघला लिया जाता है और उसमें एक फिलर सामग्री को भी पिघलाकर मिलाया जाता है। यह पिघली हुई धातुएं एवं फिलर सामग्री ठण्डी होकर एक मजबूत जोड़ बन जाता है। झलाई के लिये कभी-कभी उष्मा के साथ-साथ दाब का प्रयोग भी किया जाता है।
झलाई, दबाव द्वारा और द्रवण द्वारा किया जाता है। लोहार लोग दो धातुपिंडों को पीटकर जोड़ देते हैं यह दबाव द्वारा झलाई है। दबाव देने के लिए आज अनेक द्रवचालित दाबक (Hydraulic press) बने हैं, जिनका उपयोग उत्तरोत्तर बढ़ रहा है। द्रवण द्वारा झलाई में दोनों तलों को संपर्क में लाकर गलित अवस्था में कर देते हैं, जो ठंडा होने पर आपस में मिलकर ठोस और स्थायी रूप से जुड़ जाते हैं। गलाने का कार्य विद्युत् आर्क द्वारा संपन्न किया जाता है।
झलाई प्रक्रिया के आधार पर विभिन्न प्रकार
- कुट्टित झलाई (सबसे पुरानी)
- गैस झलाई
- लेजर किरण झलाई
- इलेक्ट्रॉन पुंज झलाई
- पराश्रव्य (अल्ट्रासाउन्ड) झलाई
- घर्षण झलाई (फ्रिक्शन झलाई)
- प्रतिरोध झलाई (रेजिस्टैंस झलाई)
- स्पॉट झलाई
- सीम झलाई
- चमक झलाई (फ्लैश झलाई)
- अपसेट झलाई
- प्रक्षेपण झलाई (प्रोजेक्शन झलाई)
विद्युत् आर्क झलाई (Arc Welding)
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इस विधि में जोड़ी जानेवाली वस्तुओं की टक्करों को गलाने के लिए एक विद्युदग्र (इलेक्ट्रोड) तो झलाई की बत्ती के रूप में होता है और दूसरा उन जोड़नेवाले भागों के रूप में होता है तथा इन दोनों इलेक्ट्रोडों के बीच में विद्युत् आर्क स्थापित कर, आवश्यक ऊष्मा प्राप्त कर ली जाती है। इस काम के लिए दिष्ट और प्रत्यावर्ती किसी भी धारा का प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन दिष्ट धारा अधिक सुविधाजनक रहती है।
प्रतिरोध झलाई
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कुट्टित झलाई (Forge Welding)
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गैस झलाई (Gas Welding)
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गैसों की सहायता से झलाई की क्रिया एक सी होती है, लेकिन उनका विभाजन उपयोग में आनेवाली गैस के अनुसार किया जाता है। ये गैसें बहुधा जारक (ऑक्सीजन) और शुक्तलेन्य (ऐसीटिलीन (का मिश्रण, कोल गैस और उदजन (हाइड्रोजन) आदि हुआ करती हैं। इनमें से जार-शुक्तलेन्य (ऑक्सी-ऐसीटिलीन) झलाई सबसे अधिक प्रचलित है। वेल्डनो-पयोगी गैसें तैयार करनेवाली व्यापारिक कंपनियाँ इस्पात के मजबूत बेलनों (cylinders) में गैस को कई वायुमंडलों के दबाव पर भरकर झलाई के लिए बेचा करती हैं। झलाई के बड़े बड़े कारखानों में निजी गैस जनित्रों द्वारा चूर्णातु प्रांगेय (कैल्सियम कार्बाइड) और पानी के मिश्रण से यह गैस कम दाबस पर तैयार की जाती है। शुक्तलेन्य को शुक्तला (ऐसीटोन) में घुला देने से उसे विस्फोटन का डर नहीं रहता।
ठोस अवस्था झलाई
कुछ वेल्डिंग विधियाँ ऐसी हैं जिनमें जोड़े जाने वाले पदार्थों को पिघलाने की आवश्यकता नहीं होती। इन्हें ठोस अवस्था वेल्डिंग (सॉलिड स्टेट वेल्डिंग) कहते हैं।
वेल्डन जोड़
इन्हें भी देखें
- टाँका लगाना
- ब्रेजिंग
- इलेक्ट्रॉन पुंज वेल्डिंग
- वेल्डन विद्युत प्रदाय (वेल्डिंग पॉवर सप्लाई)