जॉन मैकार्थी

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जॉन मैकार्थी
जन्म 4 सितंबर, 1927
बोस्टन, मैसाचुसेट्स
मृत्यु 24 अक्टूबर, 2011 (आयु 84 वर्ष)
स्टैनफोर्ड, कैलिफोर्निया , अमेरिका
शिक्षा प्रिंसटन यूनिवर्सिटी , कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी

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जॉन मैकार्थी अमरीका मे रहने वाले कंप्युटर और संज्ञानात्मक विज्ञान के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। उनका जन्म 4 सितमबर, 1927 को हुआ था और मृत्यु 24 अक्टूबर, 2011 मे हुई थी। आज भी मैकार्थी को कृत्रिम बुद्धि के अनुशासन के प्रमुख संस्थापकों में से एक माना जाता है।[१] उन्होंने "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" (एआई) शब्द को गढ़ा है।[२] इसके इलवा उन्होंने लिस्प प्रोग्रामिंग भाषा को भी विकसित किया है । आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बनाने मे इनका काफी योगदान रहा । मैकार्थी ने अपने करियर का अधिकांश समय स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में बिताया था।[३] उन्होंने अपने जीवन मे कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए, जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विषय में उनके योगदान के लिए उनहे ट्यूरिंग पुरस्कार[४], यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल मेडल ऑफ़ साइंस और क्योटो पुरस्कार जैसे सम्मानों से नवाजा गया था।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

जॉन मैकार्थी का जन्म बोस्टन, मैसाचुसेट्स में 4 सितंबर, 1927 को हुआ था। उनके पिता जॉन पैट्रिक एक आयरिश अप्रवासी थे और उनकी माता इडा (ग्लैट) मैकार्थी एक लिथुआनियाई यहूदी अप्रवासी थीं।[५] उनके पिता आयरलैंड के एक मछली पकड़ने वाले गाँव से आए थे।[६] महामारी के दौरान जॉन के परिवार को कई बार घर बदलना पड़ा। उनके घर बदलने का सिलसिला तब खतम हुआ जब मैक्कार्थी के पिता को लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया में अमलगमेटेड क्लॉथ वर्कर्स के लिए एक आयोजक के रूप में नौकरी मिली। उनकी माता की मृत्यु सन 1957 में हुई।[७]

बचपन से ही मैकार्थी असाधारण रूप से बुद्धिमान थे। वह बेलमोंट हाई स्कूल से दो साल पहले ही स्नातक हो गए।[८] इसके बाद सन 1944 मे उन्होंने कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी(कैलटेक) मे दाखिला ले लिया। शुरुआत से ही मैकार्थी ने गणित मे काफी योग्यता दिखाई। ऊनहोने बचपन मे ही कॉलेज के पहले दो साल की पढ़ाई पूरी कर ली थी जिसकी बदौलत उनको पहले दो साल पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ी।[९] शारीरिक शिक्षा पाठ्यक्रमों में भाग ना लेने के कारण उनहे कैलटेक से निलंबित कर दिया गया था।[१०] ईसके बाद जॉन अमेरिकी सेना मे शामिल हो गए और फिर उन्होंने सन 1944 मे गणित मे डिग्री प्राप्त कर ली।[११] एक बार उन्होंने जॉन वॉन न्यूमैन के एक व्याख्यान में भाग लिया , जिसने उनहे बहुत प्रभावित किया। उनहोने अपनी पीएचडी प्रोजेक्शन ऑपरेटरों और आंशिक अंतर समीकरणों पे शोध प्रबंध पूरा करने के बाद प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से हासिल की।[१२]

निजी जीवन

मैकार्थी की तीन बार शादी हुई थी। उनकी दूसरी पत्नी का नाम वेरा वाटसन था, जो एक प्रोग्रामर होने के साथ साथ एक पर्वतारोही भी थी। वेरा की सन 1978 में मृत्यु हो गई थी। फिर उन्होंने कैरोलिन टैलकोट से शादी की जो के स्टैनफोर्ड में एक मशहूर कंप्यूटर वैज्ञानिक थीं।[१३][१४] मैकार्थी खुद को नास्तिक मानते थे।[१५][१६] सन 1968 में सोवियत आक्रमण के बाद वो एक रूढ़िवादी रिपब्लिकन बन गए।[१७] मैक्कार्थी का 24 अक्टूबर सन 2011 में स्टैनफोर्ड में उनके घर पर ही निधन हो गया था।[१८]

योगदान

जॉन मैकार्थी कृत्रिम बुद्धिमत्ता के संस्थापक पिता में से एक हैं। मैकार्थी ने 1950 के दशक के उत्तरार्ध में लिस्प का आविष्कार किया था। मैकार्थी ने 1955 में "कृत्रिम बुद्धिमत्ता" शब्द गढ़ा और 1956 में प्रसिद्ध डार्टमाउथ सम्मेलन का आयोजन किया। मैकार्थी ने तीन सबसे शुरुआती समय-साझाकरण प्रणाली के निर्माण में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सार्वजनिक रूप से उपयोगिता कंप्यूटिंग के विचार का सुझाव देने वाला वह पहले व्यक्ति थे।.[१९]1966 में मैक्कार्थी और उनकी टीम ने स्टैनफोर्ड में एक कंप्यूटर प्रोग्राम लिखा था जो सोवियत संघ में समकक्षों के साथ शतरंज का खेल खेलने के लिए इस्तेमाल किया गया था ; मैकार्थी की टीम ने दो गेम गंवाए और दो गेम ड्रॉ किए।

पुरस्कार और सम्मान

सन्दर्भ