जूठन
लुआ त्रुटि: expandTemplate: template "italic title" does not exist।साँचा:template otherसाँचा:main other जूठन हिंदी भाषा के लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि द्वारा लिखित आत्मकथा है। पुस्तक दलित जाति में जन्मे लेखक की कठिनाइयों और संघर्षों का वर्णन प्रस्तुत करती है और साथ ही भारतीय जाति प्रथा, सवर्ण मानसिकता और आरक्षण जैसे सवालों को भी उठाती है।[१] पुस्तक केवल एक व्यक्तिविशेष की अपनी आत्मकथा होने के अतिरिक्त उस समुदाय विशेष की त्रासद कथा भी वर्णित करती है जिसमें लेखक पैदा हुआ।[२][३] पहली बार इसका प्रकाशन 1997 में हुआ। बाद में 2003 इसका अंग्रेजी अनुवाद छपा[४] और 2008 में अरुण प्रभा मुखर्जी द्वारा किया गया अनुवाद कोलंबिया प्रेस, न्यूयार्क द्वारा प्रकाशित किया गया।[५] आत्मकथा का दूसरा खण्ड 2015 में प्रकाशित हुआ।
जूठन का भारतीय साहित्य में अपना एक विशेष स्थान है और दलित साहित्य में यह एक अग्रदूत रचना मानी जाती है।[६] इसका शीर्षक जूठन हिंदी के प्रसिद्ध लेखक राजेन्द्र यादव द्वारा सुझाया गया था।[७]
पुस्तक विवादों में रही जब 2018 में इसके अंग्रेजी संस्करण के कुछ अंशों को हिमाचल विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम से बाहर किये जाने का मुद्दा उठा।[८] जाति और अन्य कई आधारों पर विभेद के मुद्दों को उठाने वाली फ़िल्म आर्टिकल 15 (2019) के मुख्य अभिनेता आयुष्मान खुराना ने अपने एक साक्षात्कार में जूठन से प्रेरणा लेने की बात स्वीकार की।[९]
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- जूठन खंड 1, ई-पुस्तकालय पर।
- साँचा:cite book
- साँचा:cite web