जिमी एन्जिल

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जिमी एन्जिल के विमान के नाम से सिउदाद बोलिवर हवाई अड्डे के बाहर प्रदर्शित एल रिओ कारोनी

जेम्स क्रॉफर्ड "जिमी" एन्जिल (1 अगस्त १८९९साँचा:ndash ८ दिसम्बर १९५६), संयुक्त राज्य अमेरिका का एक हवाबाज़ था, जिसके नाम पर दुनिया के सर्वोच्च जलप्रपात एन्जिल जलप्रपात का नाम रखा गया है।

जीवनी

जेम्स क्रॉफर्ड एन्जिल का जन्म 1 अगस्त 1899 को सीडर घाटी, मिसौरी के पास हुआ था। इनके पिता ग्लेन डेविस एन्जिल और माता बेले मार्गरेट (मार्शल) एन्जिल थीं। क्योंकि इनके दादा, जेम्स एडवर्ड एन्जिल, उस समय जीवित थे इसलिए बचपन में इन्हें क्रॉफर्ड कह कर बुलाया जाता थासाँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">क्यों?]। अपने जीवन के दूसरे दशक के दौरान उन्होंने उपनाम जिमी अपनाया, जिसके बाद वो जीवनपर्यंत इसी नाम से जाने जाते रहे।[१]

एन्जिल जलप्रपात

18 नवम्बर 1933 को अपने विमान में मूल्यवान स्वर्ण अयस्क भंडार की खोज में निकले, जिमी एन्जिल, वेनेजुएला के ग्रान सबाना के दूरदराज में स्थित ऑयनटेपुई से निकलने वाले विश्व के उस सर्वोच्च जलप्रपात एन्जिल जलप्रपात के ऊपर से उड़ने वाले पहले व्यक्ति बन गये, जिसके अस्तित्व से विश्व पूरी तरह से अनभिज्ञ था।[२]

9 अक्टूबर 1937 को, जिमी एन्जिल एक बार फिर यहां वापस लौटे पर इस बार उनका इरादा यहां उतरने का था। उस दिन उनके एकलविमान फ्लेमिंगो एल रिओ कारोनी पर उनके साथ उनकी दूसरी पत्नी मैरी, गुस्तावो हेनी और मिगुएल देल्गादो जो कि हेनी के माली थे, सवार थे।

जिमी एन्जिल ने उतरने (अवतरण) का प्रयास किया लेकिन सफल टचडाउन के बावजूद, उनके विमान ने नाक के बल डुबकी लगाई और अवतरण पथ के अंत में नरम कीचड़ में धंस गया। विमान के पहियों के कीचड़ में धंसने के कारण दोबारा उड़ान भरना असंभव हो गया।

सभी सवार सुरक्षित थे लेकिन उन्हें इस दुर्गम क्षेत्र को पार कर निकट की किसी मानव बस्ती में पहुंचने के लिए टेपुई से उतरने के लिए पैदल यात्रा करनी पड़ी। पहाड़ उतरने की यह यात्रा भोजन की कमी और पूरी तरह से अंजान क्षेत्र के कारण काफ़ी कष्टप्रद थी लेकिन अंतत: 11 दिनों की यात्रा के बाद सभी यात्री नीचे कामाराता में पहुँचने में सफल रहे। जब लोगों ने एन्जिल के इस कारनामें के बारे मे जाना तो उन्हें वेनेजुएला में एक नायक का दर्जा प्राप्त हो गया।

एन्जिल का विमान ऑयनटेपुई के ऊपर 1970 तक फंसा रहा, उसके बाद इसके कल पुर्जों को अलग कर वेनेजुएला के सैन्य हेलीकाप्टरों द्वारा इसे नीचे लाया गया। इसके बाद इस हवाई जहाज के कल पुर्जों को माराके विमानन संग्रहालय में पुनः जोड़ा गया। आज एल रिओ कारोनी को सिउदाद बोलिवर हवाई अड्डे के टर्मिनल के बाहर पर देखा जा सकता है।

मृत्यु

17 अप्रैल 1956 को अपने विमान को डेविड, चिरीक़ी, पनामा में उतारने के दौरान जिमी एन्जिल के सिर पर चोट आई, इसके ठीक बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उसके बाद 8 महीनों तक वो विभिन्न बीमारियों से पीड़ित रहे और अंतत: 8 दिसम्बर 1956 को पनामा शहर के गोरगास अस्पताल में निमोनिया के कारण उनका निधन हो गया। उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार 2 जुलाई 1960 को उनकी पत्नी, दो बेटों और दो दोस्तों ने उनकी अस्थियाँ, एन्जिल जलप्रपात में विसर्जित कर दीं।[३]

सन्दर्भ

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  2. National Geographic, "Venezuela's Islands in Time," Volume 175 #5, May 1989, Page 549
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बाहरी कड़ियाँ

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