जांगिड़

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जांगिड़ भारत में एक ब्राह्मण जाति है।[१][२] हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र्, चंडीगढ़़, गुड़गांव (गुरुग्राम), नोएडा (यूपी), जम्मू-कश्मीर और पंजाब राज्यों में उनकी उल्लेखनीय उपस्थिति है और उनका पारंपरिक व्यवसाय बढ़ईगीरी, विशेषकर फर्नीचर बनाना है। आज, जांगिड़ को आमतौर पर पेंटिंग[३] [४] और सजावटी मूर्तियों जैसे धार्मिक मूर्तियों के लिए सीट या रथ बनाने के लिए जाना जाता है।[५][६] भारत की महत्व्वपूर्ण जातियों में यह भी शाामिल है। ग्रामीण क्षेत्रों में 'जांगिङ' को खाती नाम से बुुुलाया जाता है लेेकिन खाती इनकी व्यवसायिक कला है ना कि जाति। मुख्यतः पंजाब में जांगिड़़ को रामगढ़िया, हरियाणा में जांगड़ा उपनाम से जाना जाता है। भारत में कई लोग जांगिड़़ की जगह शर्मा उपनाम भी लगाते है। जांगिड़, सुथार, भारद्वाज, विश्वकर्मा, जांगड़ा, रामगढ़िया, बढई, तारखन, कंवलेेचा आदि उपनाम जांगिड़ समाज में ही सम्मिलित है, राजस्थान में कुछ जांगिड़ समाज के लोगोंं को दादूपंथी उपनाम सेे भी जाना जाता है। जांगिड़ समाज में कुल 1500 गोत्र है।



संदर्भ

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  2. साँचा:cite book
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  6. साँचा:cite book

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