जरीब

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गुंटर्स जरीब, जिसे सर्वेक्षकों की जरीब भी कहते हैं 66 फीट लम्बी होती है और इसमें सौ कड़ियाँ होती हैं।

जरीब (साँचा:nq) लम्बाई नापने की एक इकाई है, साथ ही जिस जंजीर से यह दूरी नापी जाती है उसे भी जरीब कहते हैं। एक जरीब की मानक लम्बाई 66 फीट अथवा 22 गज अथवा 4 लट्ठे (Rods) होती है। जरीब में कुल 100 कड़ियाँ होती हैं, इस प्रकार प्रत्येक कड़ी की लम्बाई 0.6 फ़ुट या 7.92 इंच होती है।[१]

10 जरीब की दूरी 1 फर्लांग के बराबर और 80 जरीब की दूरी 1 मील के बराबर होती है। 1 मील में 1.609 किलोमीटर होता है।

बनावट

जरीब, लोहे की कड़ियों की बनी होती है और इसके दोनों सिरों पर पीतल के हैंडल बने होते हैं।

इतिहास

इंग्लैण्ड में जरीब (चेन) का निर्माण सर्वेक्षक और खगोलशास्त्री एडमंड गुंटर ने 1620 ईसवी में किया।[२]

भारत में इसका प्रयोग कब से शुरू हुआ स्पष्ट नहीं पता। आम तौर पर इसके आविष्कार का श्रेय राजा टोडरमल (अकबर के दीवान) को दिया जाता है जिन्होंने 1570 ईसवी के बाद भूमापन के क्षेत्र में कई सुधार किये।[३][४][५] इससे पूर्व शेरशाह के ज़माने में जमीन नापने के लिए जो जरीब प्रयोग में लाई जाती थी वो रस्सी की बनी होती थी और इससे माप में काफी त्रुटियाँ आती थीं। टोडरमल ने इसकी जगह बाँस के डंडों की बनी कड़ियों (जो आपस में लोहे की पत्तियों से जुड़ी होती थीं) की बनी जरीब का प्रयोग शुरू किया[३][४] जिसे वर्तमान अर्थों में पहली जरीब (जंजीर या चेन) कहा जा सकता है। इस जरीब की लम्बाई 60 इलाही गज होती थी और 3600 इलाही गज (1 ×1 जरीब का रक़बा) एक बीघा कहलाया।

दक्कन में शिवाजी ने रस्सी के माप की जगह, काठी (डंडा या लट्ठा) द्वारा माप की पद्धति अपनाया था और मलिक अम्बर ने पहली बार जरीब (बांस वाली जंजीर) का प्रयोग शुरू करवाया।

प्रकार

66 फ़ीट लम्बाई वाली आम जरीब, जिसे गुण्टर्स जरीब भी कहते हैं, के आलावा अन्य कई प्रकार की जरीबें भी विविध कार्यों अनुसार प्रयोग में लाई जाती हैं। इस तरह जरीब के निम्नलिखित प्रकार हैं[१]:

  1. गुंटर्स जरीब (सर्वेक्षकों की जरीब) - 66 फ़ीट लम्बाई वाली जरीब, मुख्यतः सर्वेक्षण और रकबा नापने के काम आती है। एक जरीब चौड़ा और 10 जरीब लम्बा खेत 1 एकड़ होता है।
  2. रैम्स्डेन जरीब या इंजीनियर्स जरीब - 100 फ़ीट लम्बाई वाली, प्रत्येक कड़ी 1 फ़ुट की; हर दस कड़ी के बाद एक फूल का टैग लगा होता है जिस पर दहाइयों का उल्लेख होता है।
  3. मीटरी जरीब - 5, 10, 20 तथा 30 मीटर लम्बाई में उपलब्ध; प्रत्येक मीटर पर फूल का टैग और बीस और तीस मीटर की जरीबों में प्रत्येक पाँच मीटर पर गोल छल्ला लटका रहता है।
  4. भूमापन जरीब (Revenue chain) - दो प्रकार की होती है:
    1. 33 फ़ीट लम्बी (11 गज लम्बी)
    2. 165 फ़ीट लम्बी (55 गज लम्बी) - इससे नापा गया एक वर्ग जरीब क्षेत्रफल (1 ×1 जरीब का रक़बा) एक बीघे या 20 बिस्से/बिस्वे के बाराबर होता है।[६][७]

उपयोग

  • खेतों के क्षेत्रफल नापने में
  • थियोडोलाइट सर्वेक्षण में आधार रेखा के मापन हेतु
  • सामान्य जरीब-फीता (चेन-टेप) सर्वेक्षण द्वारा दूरियाँ नापने में

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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  2. Trevor Homer (2012). "The Book Of Origins: The first of everything – from art to zoos". Hachette UK
  3. साँचा:cite book
  4. साँचा:cite book
  5. साँचा:cite book
  6. साँचा:cite web
  7. साँचा:cite web