जयपत्र
जयपत्र (Laurel sp.) नाम से प्रचलित पौधे अधिकतर "लॉरोसेरासस" कुल के होते हैं, पर कुछ पौधों का वर्णन "मैगनीलियेसी" तथा "रोजेसी" कुलों में भी पाया जाता है, क्रमश: उदाहरणार्थ मैगनोलिया ग्रैंडीफ्लोरा (Magnolia grandiflora) एवं प्रनूस लॉरोसेरसस (Prunus laurocerasus) इस वर्ग के पौधे उष्ण तथा शीतोष्ण प्रदेशों में पाए जाते हैं।
जयपत्री वर्ग के पौधों की पत्तियाँ साधारणतया मोटी तथा सदाबहार होती है। इन पत्तियों से सुगंधित तेल निकाला जाता है, जिसका उपयोग कीड़ों के मारने में होता है। उत्तरी अमरीका में पाए जानेवाले पर्वतीय जयपत्र (Kalmia sp.) से एक जहरीला पदार्थ निकलता है और इसकी पत्तियाँ खा लेने पर जानवर मर जाते हैं।
जयपत्र विजयचिह्न माना जाता है। इसकी पत्तियाँ अपोलो देवता तथा रण में विजयी वीरों को चढ़ाई जाती हैं। इस वर्ग के कुछ पेड़ों की लकड़ी मेज आदि बनाने के काम आती है। दालचीनी (Cinnamomum), कपूर और बेनजोइन (Lindera) के पौधे भी इसी कुल के हैं।