छ्त्रक शिला
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मरुस्थली भागों मे यदि कठोर शैल के रूप मे ऊपरी आवरण के नीचे कोमल शैल लम्बवत रूप में मिलती हैं तो उस पर पवन के अपघर्षण के प्रभाव से विचित्र प्रकार के स्थलरुप ला निर्मान होता हैं, किसकी आक्रती छतरीनुमा होती हैं।