चूरामन अहीर
गोंड इतिहास में अहीरों का नाम बार-बार आता है।[१][२] मंडला, जबलपुर, होशंगाबाद, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, बेतूल व नागपुर के समस्त इलाके गोंड साम्राज्य के कब्जे में आ गए थे, जो कि पहले नागवंशियों, अहीर राजाओं व कुछ अन्य राजपूतों के कब्जे में थे।[३]
चूरामन अहीर
चूरामन अहीर, गोंड दुर्ग का सेनापति था जो बाद में मध्य भारत के वर्तमान जबलपुर जिले में केमोर के पास 22 गावों की रियासत का राजा बना। यह जागीर उसे गढ़ मंडला के राजा नरेन्द्र सा (A.D. 1617–1727) ने भेंट की थी।[४][५]
हमीर देव
गोंड साम्राज्य के नरेंद्र शाह के शासन काल में जबलपुर के कटंगी में एक सैनिक चौकी थी, जिसके सेनापति चूरामन अहीर की सैनिक उपलब्धियों के उपलक्ष में कमोर या क्य्मोरी के पास के 22 गाँव की सनद दी गयी थी, यहाँ पर चूरामन ने सन 1722 में अपने पुत्र हमीरदेव को स्थापित किया। बाद में चूरामन ने अपना प्रभुत्व देवरी (सागर जिला) तक बढ़ा लिया था जहाँ उसने 1731 तक शासन किया। सन 1731 में नरेंद्र शाह ने देवरी चूरामन से छीन लिया था।[६]
कैमोरी में चूरामन की दस पीढ़ियों तक कब्जा बरकरार रहा।[७]