चिंतामणि
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चिंतामणि सन् १९३९ में प्रकाशित आचार्य रामचंद्र शुक्ल द्वारा रचित हिन्दी का निबंधात्मक (समालोचना)ग्रंथ है। इस पुस्तक के चार भाग हैं। चिन्तामणि के प्रमुख निबन्ध हैं- भाव या मनोविकार, उत्साह, श्रद्धा और भक्ति, करुणा, लज्जा और ग्लानि, घृणा, ईर्ष्या, भय, क्रोध, कविता क्या है, काव्य में लोक [१] मंगल की साधनावस्था। पुस्तक का दूसरा भाग सन् १९४५ ई. में विश्वनाथ प्रसाद मिश्र के संपादन में प्रकाशित हुआ था। चिंतामणि का तीसरा भाग नामवर सिंह के संपादन में सन् १९८३ में प्रकाशित हुआ था। चौथा भाग सन् 2002 में कुसुम चतुर्वेदी एवं ओमप्रकाश सिंह के संपादन में प्रकाशित हुआ जिसमें 47 निबंध हैं।
यह भी देखे
सन्दर्भ
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
बाहरी कड़ियाँ
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल का चिंतन (ओमप्रकाश सिंह; 'हिन्दी समय' पर)
- चिन्तामणि, भाग-३ (गूगल पुस्तक)