चिंकारा

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चिंकारा
Chinkara.jpg
गीर, गुजरात में चिंकारा
Scientific classification
Binomial name
गज़ॅला बॅनॅटि
(साइक्स, 1831)
पाये जाने वाले क्षेत्र

चिंकारा दक्षिण एशिया में पाया जाने वाला एक प्रकार का गज़ॅल है। यह भारत, बांग्लादेश के घास के मैदानों और मरुभूमि में तथा ईरान और पाकिस्तान के कुछ इलाकों में पाया जाता है। इसकी ऊँचाई कन्धे तक ६५ से.मी. होती है और वज़न २३ कि. तक होता है। गर्मियों में इसकी खाल का रंग लाल-भूरा होता है और पेट तथा अंदुरुनी टांगों का रंग हल्का भूरा लिये हुये सफ़ेद होता है। सर्दियों में यह रंग और गहरा हो जाता है। इसके चेहरे के किनारों में आँख के किनारे से नथुनों तक एक काली धारी होती है जिसके किनारे में सफ़ेद धारी होती है। सींग ३९ से.मी. तक लम्बे हो सकते हैं।[१] यह शर्मीला प्राणी है और इन्सानी आबादी से बचते रहता है। बिना पानी के यह लम्बे समय तक रह सकता है। हालांकि यह एकाकी प्राणी है लेकिन कभी-कभी यह १-४ प्राणियों के झुण्ड में पाये जा सकते हैं।

परिचय

यह हिरण-जैसा एक जानवर है जिसे भारतीय गजेला के नाम से भी पहचाना जाता हैं. इसका वैज्ञानिक नाम गजेला बेनेट्टी हैं. मुख्य रूप से दक्षिण एशिया में यह पाया जाता हैं. देखने में यह हिरण जैसा ही होता हैं. घास मैदानों में चिकारा को विचरण करते हुए आसानी से देखा जा सकता हैं. इसका वजन 25 किलो के आसपास होता है तथा यह विभिन्न ऋतुओं के अनुसार अपना रंग बदलता रहता हैं. यह शर्मिला प्राणी है मनुष्य तथा मानव प्रजाति से दूर बसना पसंद करता हैं.

22 मई 1981 को इसे राजस्थान का राज्य पशु घोषित किया गया था. वर्तमान में राजस्थान का वन्य श्रेणी का राज्य पशु चिंकारा तथा पालतू पशु श्रेण में ऊँट को रखा गया हैं. राजस्थान में जयपुर के नाहरगढ़ में इसे अक्सर देखा जा सकता हैं.

सन्दर्भ

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