चार साहिबज़ादे (फ़िल्म)

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चार साहिबज़ादे
चित्र:Chaar sahibzaade movie poster.jpg
Chaar Sahibzaade official movie poster
निर्देशक हैरी बावेजा
निर्माता पम्मी बावेजा
कथावाचक ओम पुरी
प्रदर्शन साँचा:nowrap [[Category:एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"। फ़िल्में]]
  • November 6, 2014 (2014-11-06)
समय सीमा 129 मिनट[१]
देश भारत
भाषा पंजाबी, हिंदी, अंग्रेजी
लागत 26 करोड़ रु०[२]

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चार साहिबज़ादे 2014 में हैरी बावेजा द्वारा निर्देशित एक पंजाबी 3डी एनिमेटिड फिल्म है। यह सिखों के दशम गुरु श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी के चार सुपुत्रों - साहिबज़ादा अजीत सिंह, जुझार सिंह, ज़ोरावर सिंह, व फतेह सिंह के बलिदान पर आधारित है। फिल्म का निर्माण बावेजा मूवीज़ के बैनर तले पम्मी बावेजा द्वारा किया गया। ओम पुरी ने इस फिल्म में सूत्रधार के रूप में आवाज़ दी है। अन्य पात्रों को आवाज़ देने वाले कलाकारों का नाम गुप्त रखा गया है।

संक्षेप

यह फिल्म तुर्कों व मुग़लों द्वारा भारत पर हमलों से शुरु होती है। गुरु गोबिन्द सिंह ने हमलावरों का सामना करने के लिए खालसा की स्थापना की जिनके लिए धर्म की रक्षा हेतु मर मिटना ही जीवन का ध्येय था। इस फिल्म में चमकौर के युद्ध का चित्रण किया गया है जिसमें गुरु जी के दोनों बड़े पुत्र अजीत सिंह व जुझार सिंह अतुलनीय वीरता का प्रदर्शन करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। दोनों छोटे पुत्रों ज़ोरावर सिंह व फतेह सिंह को सरहिंद के नवाब वज़ीर खान द्वारा जीवित ही दीवार में चिनवा दिया गया।

निर्माण

इस फिल्म का निर्माण बावेजा मूवीज़ के बैनर तले पम्मी बावेजा द्वारा किया गया है। बॉलीवुड के प्रसिद्ध कलाकार हरमन बावेजा फिल्म के क्रिएटिव प्रोड्यूसर हैं तथा हैरी बावेजा फिल्म के निर्देशक हैं। यह फिल्म बनने में लगभग ५ साल लगे। दो साल तो हैरी बावेजा ने इस फिल्म हेतु शोध करने में ही लगाए। उन्होंने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की धर्म प्रचार समिति से मिले व इस परियोजना की चर्चा की। सिख धर्म में गुरुओं की नकल उतारना (एक्टिंग करना) व उन्हें चलित (या एनिमेटिड) रूप में प्रदर्शित करने की मनाही है। इसलिए इस फिल्म में गुरु के स्थिर चित्रों का ही प्रयोग किया गया। बाकी पात्रों के लिए भी आवाज़ देने वाले कलाकारों के नाम गुप्त रखे गए।[३][४] इस फिल्म का निर्मान पंजाबी व हिंदी में किया गया तथा इसे अमेरिकन अंग्रेजी में डब भी किया गया।[५] फिल्म में एनिमेशन का कार्य आईरियल्टीज़ द्वारा किया गया और इसके ट्रेलर का विमोचन मुंबई में किया गया।[६]

संगीत

चार साहिबज़ादे का शीर्षक गीत सुखविंदर की आवाज़ में है। अमरिंदर गिल ने मित्तर प्यारे नूँ शबद गाया है।[७][८] जसपिंदर नरुला व शिप्रा गोयल ने वेला आ गया है[९][७] फिल्म के बाकी गाने/शबद हैं - , सतगुरु नानक परगटया and सोचते हुए गुरु.[७] हैरी बाजवा, जयदेव कुमार, अमर मोहिले तथा आनंद राज आनंद ने संगीत निर्देशन किया है। गीत लिखे हैं हैरी बाजवा व मसरूर ने।[७]

प्रदर्शन

The film received mostly positive reviews from the critics for its story and in depth research. Jasmine Singh of The Tribune gave the movie 4.5 stars out of 5. He praised its story calling it a realistic portrayal, dialogue delivery, and narration by Puri. He praised the animation quality especially as it was the first animated Punjabi film.[९] Shubha Shetty Saha at mid-day.com gave the film 3 stars and praised the story for its sincerity but criticized the animation for the lack of flexibility and expressions on the faces of characters.[१०] Jesse Brar of PunjabiReviews.com also praised the story. He praised the pace of the story and called it realistic by showing younger sons more like children and not morally objectified. He also praised the film for keeping the story historical and "saving itself from becoming religious propaganda."[११] Renuka Vyavahare of Times of India gave the film 3.5 starts. She also praised the film overall and recommended it for children to show them the real Indian heroes.[३]

In India, the film earned 3.5–4 crore in the first week.[१२] In the USA, the film earned $91,505 (₹56.24 lakh) and £81,348 (₹79.45 lakhs) in the UK. In total it earned $369,598 (₹2.27 crore) at the international box office in its opening weekend.[१३][१४]

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ