चपटी पृथ्वी मॉडल

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एक अज्ञात कलाकार द्वारा की गई एक लकड़ी की नक्काशी है,
फ्लेमरियन उत्कीर्णन 1888

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बाइबिल में वर्णित सपाट पृथ्वी
ऑरलैंडो-फर्ग्यूसन द्वारा समतल-पृथ्वी-मानचित्र

चपटी पृथ्वी मॉडल प्राचीन काल की एक अवधारणा थी कि पृथ्वी का आकर चपटा या एक डिस्क के जैसा है। सपाट या चपटी धरती की मान्यता कई प्राचीन संस्कृतियों में आसानी से देखी सकती है, जिसमें ग्रीस भी शामिल है। ग्रीस में शास्त्रीय काल (323 ईसा पूर्व) तक, पूर्व की कांस्य युग और लौह युग सभ्यताओ में हेलेनिस्टिक काल (31 ईसा पूर्व) तक, भारत में गुप्त काल ( प्रारंभिक शताब्दी ईस्वी ) तक और चीन में 17 वीं शताब्दी तक यह अवधारणा कायम रही।

प्राचीन भारतीय दर्शन

वैदिक काल के ग्रंथों में पृथ्वी के आकार को लेकर विभिन्न विद्यावानो के अलग-अलग मत हैं । परंतु पृथ्वी का सौरमंडल के केन्द्र में होने की बात लगभग स्वीकार किया गया है ‌।

इसके अलावा सूर्य सिद्धांत तथा अन्य ज्योतिष ग्रंथों में पृथ्वी को गोल ,परंतु (अन्य ग्रहों से अलग) सौरमंडल के केन्द्र में माना गया है।

जैन[१] तथा बौद्ध[२] धर्म ग्रंथों में पृथ्वी के स्थिर तथा एक-तल में होने की बात स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है।

प्राचीन ग्रीक दर्शन में ,पाइथागोरस (6 वीं शताब्दी ईसा पूर्व) के रूप में गोल पृथ्वी का विचार[३] दिखाई दिया, हालांकि अधिकांश पूर्व-सुकरात दर्शन (6ठीं शताब्दी ईसा पूर्व) ने सपाट पृथ्वी मॉडल को बनाए रखा। 4 वीं शताब्दी की शुरुआत में प्लेटो ने एक गोलाकार पृथ्वी के बारे में लिखा था और लगभग 330 ईसा पूर्व में उनके पूर्व छात्र, अरस्तू ने इसके लिए मजबूत अनुभवजन्य साक्ष्य प्रदान किए थे।

समकालीन चपटी पृथ्वी अवधारणा[४]

वर्तमान में , सपाट पृथ्वी अवधारणा को उन संगठनों और व्यक्तियों द्वारा बढ़ावा दिया जाता है जो दावा करते हैं कि पृथ्वी सपाट है, य़ह पृथ्वी के गोलाकार होने को नकारते है।इसका एक उदाहरण 1956 में सैमुएल शैंटन द्वारा स्थापित की गई द फ्लैट अर्थ सोसाइटी (अंग्रेज़ी: The Flat Earth Society) है।

उन्होने इस धारणा को साबित करने के लिए, उनके पास अपने ही प्रमाण[५] है । जिनमे से कुछ निम्नलिखित है ↓

  1. बेडफोर्ड नहर प्रयोग (The Bedford Canal Experiments)
  2. बिशप प्रयोग (The Bishop Experiment)
  3. डूबते जहाज का प्रभाव (Sinking Ship Effect)
  4. इसके अलावा एरिक दुबे द्वारा लिखित किताब "200 सबूत पृथ्वी एक घूमती गेंद नहीं है|"(200 Proofs Earth is Not a Spinning Ball)[१]

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

वर्तमान मे , गोल आकार की पृथ्वी मुख्यधारा के वैज्ञानिको द्वारा स्वीकार की गई ।

इन्हें भी देखें

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