घुड़सवारी
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
घुड़सवारी एक प्रकार की कला है, जिसमें व्यक्ति घोड़े पर बैठ कर सवारी करता है। इसमें उसे दिशा निर्देश देना और बिना गिरे उसकी सवारी करना ही इसमें एक कला का रूप लेता है। पहले जब गाड़ी आदि वाहन नहीं होते थे। तब मनुष्य इसी पर बैठ कर दूर दूर तक सवारी करता था। यह तेजी से भागता है, इस कारण किसी व्यक्ति को किसी स्थान पर जल्दी पहुँचना होता था तो वह इसी की सवारी करता था।[१]
इतिहास में उपयोग
कुछ तथ्य और सबूत बताते हैं कि मनुष्य 6,000 वर्ष पूर्व भी घोड़ों का उपयोग करता था।
घोड़ा गाड़ी
साँचा:sister जब मनुष्य चक्कों आदि का विकास करने में सक्षम हो गया, तब वह घोड़ों, बैलों आदि को गाड़ी से जोड़कर अपना एक गाड़ी बना दिया करता था। इसे घोड़ा गाड़ी कहते हैं।