ग्रैमेटिका दि ला लैंग्वा कैस्टेलाना
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ग्रैमेटिका दि ला लैंग्वा कैस्टेलाना (स्पेनी: Gramática de la lengua castellana) एंटोनियो दि नैबरिजा द्वारा लिखी पुस्तक है जिसका प्रकाशन १४९२ में किया गया था। स्पैनिश भाषा और उसकी नियमावली को समर्पित यह पहली पुस्तक थी। इससे पुर्व लैटिन भाषा के प्रयोग से संबंधित पुस्तकें छपती थीं जैसे लौरेंजो वाला की दि एलिगैनटीस लैटिना लिंग्वे (De Elegantiis Latinae Linguae (१४९१))।
विषय-सूची
नैबरिजा ने अपने भाषा पठन अध्ययन को चार पुस्तकों में बाँटा।
- वर्तनी शास्त्र
- छंदशास्त्र और शब्दांश
- व्युत्पत्तिशास्त्र और उच्चारण
- वाक्यविन्यास
एक पांचवीं पुस्तक लिखी गई जो केस्टेलियन भाषा के एक विदेशी भाषा के रूप में शिक्षण के लिए समर्पित थी। इस पुस्तक ने भाषण के दस भागों को स्थापित किया: संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, कृदंत, पूर्वसर्ग, क्रियाविशेषण, विस्मयादिबोधक, संयोजन, क्रियावाचक संज्ञा और ढालुआं।