गोरखपुर अस्पताल हादसा

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गोरखपुर अस्पताल हादसा
India Uttar Pradesh districts 2012 Gorakhpur.svg
उत्तर प्रदेश में गोरखपुर जिले का मानचित्र
समय अगस्त 2017
स्थान गोरखपुरउत्तर प्रदेशभारत
निर्देशांक साँचा:coord
मृत्यु 85

गोरखपुर अस्पताल हादसा अगस्त २०१७ के मध्य में घटित एक हादसा है जिसमें गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के राज्य सरकार द्वारा संचालित बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में ८५ से अधिक बच्चों की मौत हो गयी।[१] राज बब्बर सहित कुछ लोगों की मान्यता है कि राज्य सरकार द्वारा भुगतान नहीं होने के कारण तरल ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता द्वारा ऑक्सीजन बन्द करने को कारण बताया लेकिन आपूर्तिकर्ता ने इससे इनकार किया है।

घटनायें

बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता ने कथित तौर पर यूएस$ ५०,००० का भुगतान नहीं होने के कारण ऑक्सीजन देना बन्द कर दिया।[२] १० अगस्त २०१७ से ४८ घण्टों में ३० बच्चों की मौत हो गयी: १७ बच्चे नवजात विभाग में, ५ बच्चे एईएस (मस्तिष्क ज्वर) में और आठ बच्चों ने सामान्य कक्ष में दम तोड़ दिया।

दिनांक मौतों की संख्या
एनआइसीयू  एईएस गैर-एईएस कुल
7 अगस्त[३] 4 2 3 9
8 अगस्त 7 3 2 12
9 अगस्त 6 2 1 9
10 अगस्त 14 3 6 23
11 अगस्त 3 2 2 7
12 अगस्त 11
13 अगस्त 0 1 0 1
कुल 72[४]

जाँच

अस्पताल के प्राचार्य आरके मिश्रा को १२ अगस्त को लापरवाही के कारण उत्तर प्रदेश सरकार ने निलम्बित कर दिया जिसके बाद उन्होंने त्यागपत्र दे दिया।[५] १३ अगस्त को मस्तिष्क कलाशोध विभाग के प्रमुख कफ़ील खान को नोडल अधिकारी के पद से हटा दिया गया। [६]

१४ अगस्त को पुष्पा सेल्स ने एक बयान जारी कर बताया कि बकाया राशि के बावजूद उन्होंने कभी भी ऑक्सीजन की आपूर्ति को नहीं रोका। कंपनी के प्रबन्ध संचालक मनीष भण्डारी ने कहा, "सरकार को मौतों के दिन ४०० के स्थान पर केवल ५० सिलेण्डर पाये जाने की जाँच करनी चाहिये। मुझे संदेह है कि वहाँ से बड़ी मात्रा में सिलेण्डर चोरी हुये हैं जिन्हें बाहर खोजना चाहिए।"[७]

प्रतिक्रिया

१२ अगस्त को, भारत के प्रधानमंत्री ने कहा कि वो राज्य के स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल और केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव के साथ स्थिति पर लगातार नज़र रखे हुये हैं।[८] उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मौतों के लिए ऑक्सीजन की कमी होना कारण होने से मना किया है।[९] उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटना के जाँच के आदेश दे दिये हैं। उन्होने १३ अगस्त २०१७ को अस्पताल का दौरा किया।[१०]

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत के उच्चतम न्यायालय की देखरेख में अलग से जाँच करवाने की माँग की है।[११]

सन्दर्भ

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