गैंग्स ऑफ वासेपुर

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गैंग्स ऑफ वासेपुर (या Gangs of वासेपुर) सन् 2012 की एक भारतीय अपराध-गाथा फिल्म है, जिसे अनुराग कश्यप द्वारा सह-लिखित, निर्मित और निर्देशित किया गया है। यह धनबाद, झारखंड के कोयला माफिया और तीन आपराधिक परिवारों के बीच अंतर्निहित शक्ति-संघर्ष, राजनीति और प्रतिशोध पर केंद्रित दो भागों में विभाजित एक फ़िल्म-शृंखला है। फ़िल्म के पहले भाग में मनोज वाजपेयी, ऋचा चड्ढा, रीमा सेन, तिग्मांशु धूलिया, पंकज त्रिपाठी आदि कलाकार प्रमुख भुमिकाओं में है। दूसरे भाग में मनोज वाजपेयी के स्थान पर नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी प्रमुख भूमिका में है तथा पूर्वोक्त अन्य कलाकारों के अतिरिक्त हुमा कुरेशी, ज़ीशान कादरी एवं राजकुमार राव भी प्रमुख भूमिकाओं में सम्मिलित हैं। इसकी कहानी 1940 के दशक से 2000 के दशक तक के कालक्रम में फैली हुई है।

फिल्म के दोनों हिस्सों को एक फिल्म के रूप में शूट किया गया था, जो कुल 319 मिनट की थी और इसे 2012 के कान फ़िल्मोत्सव में प्रदर्शित किया गया था,[१] लेकिन चूंकि कोई भी भारतीय सिनेमाघर पाँच घंटे की फिल्म को नहीं दिखाना चाहते थे, इसिलिये इसे भारतीय बाजार के लिए दो भागों (160 मिनट और 159 मिनट क्रमशः) में विभाजित किया गया था।

पहले भाग को 22 जून 2012 को भारत भर के 1000 से अधिक थिएटर स्क्रीनों में प्रदर्शित किया गया था। इसे फ्रांस में 25 जुलाई और मध्य पूर्व में 28 जून को प्रदर्शित किया गया था लेकिन कुवैत और कतर में इसे प्रतिबंधित कर दिया गया था।[२][३] जनवरी 2013 में 'सनडांस फ़िल्म समारोह' में गैंग्स ऑफ वासेपुर फ़िल्म दिखायी गयी थी।[४][५] गैंग्स ऑफ वासेपुर ने 55वें एशिया-प्रशांत फ़िल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक सहित चार नामांकन प्राप्त किये थे।[६] सन् 2013 में इस फ़िल्म को 'सर्वश्रेष्ठ संवाद', 'सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म (आलोचकीय)', 'सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (आलोचकीय)' तथा 'सर्वश्रेष्ठ एक्शन' पुरस्कार के रूप में चार फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

फ़िल्म के भाग

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निर्माण

अनुराग कश्यप इस फिल्म के निर्माण से कुछ समय पहले से बिहार पर केन्द्रित 'बिहार' नाम से एक फिल्म बनाना चाहते थे, लेकिन परियोजना चल नहीं सकी। 2008 में, उनकी मुलाकात 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' के लेखक जीशान कादरी से हुई, जिसने उन्हें वासेपुर की कहानी के बारे में बताया। धनबाद और वासेपुर की अराजकता में उनका पुराना फिल्म-निर्माण का सपना पूरा होते दिखने लगा। ज़ीशान ने कहानी का वर्णन विस्तृत रूप से किया था, हालाँकि किसी गिरोह की लड़ाई से ज्यादा एक माफिया के जन्म लेने की कहानी उन्हें ज्यादा आकर्षक लगी। कश्यप के मुताबिक, कुछ परिवारों की आंखों देखी कहानी बताने में उनकी दिलचस्पी है, लेकिन इसका मतलब है कि यह एक लंबी फ़िल्म भी है। "हम सभी जानते हैं माफिया मौजूद है लेकिन वे क्या करते हैं, वे कैसे काम करते हैं, वे क्यों करते है ये हम नहीं जानते हैं और यह ऐसा कुछ है जो फिल्म का आधार बनता है।"[७] अनुराग कश्यप ने शुक्रवार को 17 अगस्त, को देर रात मुंबई के बांद्रा के एक उपनगरीय होटल में एक इफ्तार पार्टी देकर, गैंग्स ऑफ वासेपुर - भाग 2 की सफलता मनाई।[८][९][१०]

फिल्मांकन

फ़िल्म के अभिनेता, रिचा चड्ढा और हुमा कुरेशी (दायें) 2012 में.

दिसम्बर 2010 में वाराणसी में फिल्मांकन करते समय फिल्म के मुख्य सहायक निर्देशक साहिल शाह की स्टंट दृश्य करते समय गोली लगने से मृत्यु हो गई थी।[११] इस फ़िल्म को साहिल शाह को समर्पित किया गया था। फिल्म के शुरुआती हिस्सों मधानखोर्ची, केरल में फ़िल्माये गये थे। फिल्म का मार्च 2011 के अंत तक निर्माण पूरा हो गया। फिल्म के प्रमुख हिस्सों को बिहार के पास के गाँवों में फिल्माया गया था।[१२][१३] चुनार में भी फिल्म की शूटिंग की गई।[१४] सुनील बोहरा के साथ फिल्म का सह-निर्माण करने वाले अनुराग कश्यप ने कहा है कि यह उनकी सबसे महंगी फिल्मों में से है और उन्हें अभिनेताओं को भुगतान करने पर 150 मिलियन खर्च करना पड़ा।[१५] 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' के दोनों भागों को एक साथ बनाने में 184 मिलियन की लागत आयी, इस प्रकार फिल्म के एक भाग को 92 मिलियन (9.2 करोड़) में बनाया गया। फिल्म के निर्देशक अनुराग कश्यप ने ट्विटर पर घोषित किया कि: "मीडिया में 45 करोड़ रूपये की सूचना गलत है।" फिल्म के विपणन पर 260 मिलियन (26 करोड़) खर्च किए गए थे।[१६]

समीक्षा

'जहन्नुम के अंधेरों को जिंदगी के उजालों से रोशन कर पाने की आवारा तमन्ना' शीर्षक अपने समीक्षालेख में सुप्रसिद्ध फ़िल्म-समालोचक प्रहलाद अग्रवाल ने शीर्षक के द्वारा ही फ़िल्म के उद्देश्य के साथ ही अनुराग कश्यप द्वारा निर्माण-निर्देशन के साहस एवं ताकत को भी अभिव्यक्त कर दिया है। उन्होंने लिखा है : साँचा:quote

समीक्षा-संकलक (रिव्यू एग्रीगेटर) वेबसाइट 'रॉटन टोमैटोज़' की सूचना के अनुसार इस फ़िल्म ने, 27 समीक्षाओं के आधार पर, 96% अनुमोदन रेटिंग प्राप्त की है, जिसका औसत स्कोर 8.36 /10 है।[१७] एक अन्य समीक्षा संकलक वेबसाइट 'मेटाक्रिटिक' के अनुसार यह फिल्म 10 समीक्षाओं के आधार पर 89% स्कोर रखती है, जो इसकी वैश्विक प्रशंसा दर्शाती है।[१८] डैनी बोवेस ने इसे "अब तक की सबसे महत्त्वाकांक्षी गैंगस्टर फिल्मों में से एक कहा, बल्कि इसे सर्वश्रेष्ठ में से एक होने की प्रबल संभावना जतायी", उन्होंने लिखा है कि साँचा:quote एक अन्य अमेरिकन वेबसाइट 'सैलून' के एंड्रयू ओ'हीर ने लिखा है: "एक समृद्ध और विपुल चरित्र-चालित अपराध-गाथा के रूप में, जिसका आपने पहले कभी सामना नहीं किया है, और उत्तर औपनिवेशिक दुनिया के हाशिये पर लोकतंत्र, पूंजीवाद और गैंगस्टरवाद के बीच के टकराव का एक घना, भावुकतारहित चित्रण है। 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' 21वीं सदी के सिनेमा में एक पथ-प्रदर्शक जैसी उपलब्धि है।”[१९]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite news
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  3. Gangs of Wasseypur banned in Qatar, Kuwait साँचा:webarchive
  4. साँचा:cite news
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  6. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  7. साँचा:cite web
  8. साँचा:cite news
  9. साँचा:cite web
  10. साँचा:cite web
  11. साँचा:cite news
  12. My role in Wasseypur Part 2 will be bigger and better: Anurita Jhaसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
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बाहरी कड़ियाँ