गुनुंग मुलु राष्ट्रीय उद्यान

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गुनुंग मुलु राष्ट्रीय उद्यान मलेशिया के सारावाक में सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है।[३] 52,864 हेक्टेयर के क्षेत्र को कवर करते हुए, यह उद्यान यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में से एक है जो अपनी कार्स्ट विशेषताओं के लिए जाना जाता है।[४][५]

इतिहास

1974 में, मुलु पर्वत और इसके आसपास के क्षेत्रों को सारावाक सरकार द्वारा राष्ट्रीय उद्यान के रूप में राजपत्रित किया गया था। 1978 में, रॉयल जियोग्राफिकल सोसाइटी ने मुलु राष्ट्रीय उद्यान में एक अभियान दल का आयोजन किया।[३] अभियान 15 महीने तक चला और गुफाओं के 50 किलोमीटर की खोज की। उस समय, मुलु में कोई हवाई अड्डा और कोई प्रवेश सड़क उपलब्ध नहीं थी। इसलिये लांग पाला में एक बेस कैंप स्थापित किया गया था।[६]

दिसंबर 1980 में, एक अन्य ब्रिटिश अभियान दल 4 महीने के लिए मुलु गुफाओं में भेजा गया था। इस अभियान में सारावाक चैंबर की खोज की गई थी।[७] 1984 में, गुनुंग मुलु को आसियान हेरिटेज पार्क के रूप में नामित किया गया[८] और 1985 में, उद्यान को आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक रूप से खोला गया था। 2000 में, गुनुंग मुलु राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।

भूगोल

उद्यान में तीन पहाड़ों का प्रभुत्व है: मुलु पर्वत (2,376 मीटर), आपी पर्वत (1,750 मीटर) और बनारट पर्वत (1,858 मीटर)।[९] मुलु पर्वत एक बलुआ पत्थर का पहाड़ है। लेकिन आपी पर्वत और बनारट पर्वत चूना पत्थर के पहाड़ हैं।[१०] राष्ट्रीय उद्यान में तीन उल्लेखनीय गुफाएँ भी हैं: सारावाक चैंबर,[११] डीर गुफा[१२] और क्लियरवॉटर गुफा (दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे लंबी गुफा प्रणाली)।[१३][१४] सारावाक चैंबर दुनिया के सबसे बड़े भूमिगत कक्षों में से एक है जिसको 700 मीटर (2,300 फीट) लंबा, 396 मीटर (1,299 फीट) चौड़ा और कम से कम 70 मीटर (230 फीट) ऊंचा है। डीर गुफा दुनिया की सबसे बड़ी गुफाओं में से एक है।

मौसम

मुलु राष्ट्रीय उद्यान में जलवायु पूर्वोत्तर मानसून (दिसंबर से मार्च) और दक्षिण-पश्चिम मानसून (मई से अक्टूबर) से प्रभावित होती है। उद्यान में बारिश 4,000 मिलीमीटर (160 इंच) से 5,000 मिलीमीटर (200 इंच) तक होती है।[८]

वनस्पति और जीव

उद्यान में 8 अलग-अलग प्रकार के जंगल हैं और 52,864-हेक्टेयर उद्यान में सत्रह वनस्पति क्षेत्र हैं, जो संवहनी पौधों की लगभग 3,500 प्रजातियों का प्रदर्शन करते हैं। मुलु के वन्यजीव में स्तनधारियों की 75 प्रजातियाँ, पक्षियों की 262 प्रजातियाँ, साँपों की 25 प्रजातियाँ, मेंढकों की 74 प्रजातियाँ, मछलियों की 47 प्रजातियाँ, तितलियों की 281 प्रजातियाँ और चींटियों की 458 प्रजातियाँ शामिल हैं।[१५]

सन्दर्भ

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