गिरीन्द्रशेखर बोस
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गिरीन्द्रशेखर बोस (30 जनवरी 1887 – 3 जून 1953) दक्षिण एशिया के मनोविश्लेषक थे। वे भारतीय मनोविश्लेषण सोसायटी के प्रथम अध्यक्ष थे (1922 से 1953)। उन्होने सिग्मुंड फ़्रोइड के साथ २० वर्षों तक वार्ता की। फ्रायड के कुछ सिद्धान्तों पर विवाद खड़ा करने के लिये वे प्रसिद्ध हैं।
परिचय
गिरीन्द्रनाथ का जन्म दरभंगा में हुआ था। उनके पिता चन्द्रशेखर दरभंगा रियासत के दीवान थे। उनकी स्कूली शिक्षा दरभंगा में ही हुई। उन्होने कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज में रसायन विज्ञान का अध्ययन किया। इसके पश्चात उन्होने चिकित्साशास्त्र की शिक्षा प्राप्त की जो १९१० में समाप्त हुई। वे योग, जादू तथा सम्मोहन में बहुत रुचि रखते थे। 'द कांसेप्ट ऑफ रिप्रेसन' (The Concept of Repression) पर उन्हें कोलकाता विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि मिली थी।