गाँधीजी के आर्थिक विचार
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
गांधीजी के आर्थिक विचार अहिंसात्मक मानवीय समाज की अवधारणा से ओत-प्रोत हैं। उनके आर्थिक विचार आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित करने वाले एवं भौतिकवाद के विरोधी हैं। ' गांधीवादी अर्थशास्त्र ' (Gandhian economics) नामक यह शब्द सबसे पहले उनके प्रसिद्ध अनुयायी जे.सी. कुमारप्पा ने प्रयोग किया था।
बाहरी कड़ियाँ
- गांधीजी का वैज्ञानिक दृष्टिकोण (स्वतंत्र वार्ता)
- महात्मा गांधी का सर्वोदय दर्शन (प्रवक्ता)
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गांधीजी के विचार
- मनुष्यता का घोषणा पत्र है हिन्द स्वराज (प्रो॰ आनंद कुमार)
- गांधीजी की अर्थनीति
- Gandhian Trusteeship as an "Instrument of Human Dignity"
- Review of "Gandhian economics"
- Gandhian economics is relevant
- Gandhian Economics blog