गगनदीप बक्शी

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Major General
G. D. Bakshi,
SM, VSM
जन्मजात नाम Gagandeep Bakshi
उपनाम GD sir
जन्म साँचा:br separated entries
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निष्ठा साँचा:flag
सेवा/शाखा साँचा:army
सेवा वर्ष 1971 - 2008.4
उपाधि Major General of the Indian Army.svgMajor general
युद्ध/झड़पें Indo-Pakistani War of 1971 and Kargil War
सम्मान See साँचा:section link
सम्बंध SP Bakshi
मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) जी डी बक्शी

मेजर जनरल (डॉ.) गगनदीप बक्शी (सेना पदक, विशिष्ट सेवा पदक) भारतीय सेना के एक सेवानिवृत अधिकारी एवं लेखक हैं। वे 'जी डी बक्शी' नाम से प्रसिद्ध हैं। वे जम्मू एवं कश्मीर राइफल्स में थे। उन्हे कारगिल युद्ध में एक बटालियन का नायकत्व (कमाण्ड) करने के लिए विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया। उन्होंने अंग्रेजी भाषा में बोस: एन इंडियन समुराई ए मिलेट्री एसेस्मेंट नेताजी एंड द आई एन ए (BOSE: AN INDIAN SAMURAI (A Military Assessment of Netaji and the INA)[१] नामक पुस्तक भी लिखी है। सरस्वती सभ्यता पुस्तक लिखकर इन्होंने भारत के प्राचीनतम सभ्यता होने को सिद्ध किया है। बाद में उन्होंने जम्मू और कश्मीर के राजौरी-पुंछ जिलों में उग्रवाद विरोधी अभियानों के दौरान रोमियो फोर्स (कुलीन राष्ट्रीय राइफल्स का हिस्सा) की कमान संभाली और इस क्षेत्र में सशस्त्र उग्रवाद को दबाने में सफल रहे। उन्होंने सैन्य संचालन महानिदेशालय में दो कार्यकालों की सेवा की है और वह मुख्यालय उत्तरी कमान (भारत) में पहले बीजीएस (आईडब्ल्यू) थे, जहां उन्होंने सूचना युद्ध और मनोवैज्ञानिक संचालन से निपटा था। सेना और रक्षा से संबंधित विषयों पर विचार प्रदान करने के लिए उन्हें अक्सर भारत भर के समाचार चैनलों पर बुलाया जाता है।[२]

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

बख्शी का जन्म जबलपुर, मध्य प्रदेश में हुआ था। उन्होंने सेंट एलॉयसियस सीनियर सेकेंडरी स्कूल, जबलपुर और मद्रास विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की।[३]

सन्दर्भ

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