ख़ूनी रविवार, 22 जनवरी, 1905 को रूस की ज़ार सेना ने शांतिपूर्ण मजदूरों तथा उनके बीबी-बच्चों के एक जुलूस पर गोलियाँ बरसाई, जिसके कारण हजारों लोगों की जान गईं। इस दिन चूँकि रविवार था, इसलिए यह ख़ूनी रविवार के नाम से जाना जाता है।
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सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ