क्रिमिनल जस्टिस- बिहाइंड क्लोज़्ड डोर्स
लुआ त्रुटि: expandTemplate: template "italic title" does not exist।साँचा:template other क्रिमिनल जस्टिस- बिहाइंड क्लोज़्ड डोर्स अपूर्वा असरानी द्वारा लिखित और रोहन सिप्पी और अर्जुन मुखर्जी द्वारा निर्देशित हॉटस्टार स्पेशल के लिए एक भारतीय हिंदी भाषा की कानूनी नाटक वेब श्रृंखला है।[२][३] श्रृंखला में पंकज त्रिपाठी, कीर्ति कुल्हारी, खुशबू अत्रे, अनुप्रिया गोयनका और जीशु सेनगुप्ता हैं, और इसे डिज़्नी + हॉटस्टार के माध्यम से 24 दिसंबर 2020 को रिलीज़ किया गया था।[१][४]
कहानी
कहानी है कि बिक्रम चंद्रा (जिशु सेनगुप्ता) बॉम्बे हाई कोर्ट का एक नामी और कामयाब वकील है। घर में पत्नी अनुराधा चंद्रा (कीर्ति कुल्हरी) और 12 साल की बेटी रिया (अदरीजा सिन्हा) है, जो स्कूल में पढ़ती है। अनुराधा खोई-खोई सी रहती है। उसको डिप्रेशन और तनाव है, जिसका इलाज डॉ. मोक्ष सिंघवी (अयाज़ हुसैन ख़ान) के यहां चल रहा है। सिंघवी की बेटी रिद्धि, रिया की दोस्त है। दोनों परिवार एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं।
बिक्रम और अनुराधा की ज़िंदगी मुकम्मल लगती है, मगर एक रात अनुराधा बिक्रम की चाकू मारकर जान लेने की कोशिश करती है। विक्रम गंभीर रूप ज़ख़्मी हो जाता है। अनुराधा के इस क़दम से हर कोई हैरान है। बिक्रम की साफ़-सुथरी छवि और मिलनसार स्वभाव की वजह से अनुराधा को किसी से सहानुभूति नहीं मिलती।
यहां तक कि बेटी रिया भी उससे नफ़रत करने लगती है। अनुराधा पुलिस के समक्ष इकबाले-जुर्म कर लेती है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी रघु सालियान (पंकज सारस्वत) वकील माधव मिश्रा (पंकज त्रिपाठी) को उसका केस लड़ने के लिए बुलाते हैं, क्योंकि कोई दूसरा वकील अनु चंद्रा का केस लड़ने के लिए तैयार नहीं है।
माधव उसे समझाता है कि कोर्ट में नॉट गिल्टी प्लीड करना। मगर, अपराध बोध से ग्रस्त अनुराधा अदालत में भी अपना जुर्म कुबूल कर लेती है। माधव मिश्रा के लाख समझाने के बावजूद उसकी चुप्पी नहीं टूटती। इस बीच बिक्रम की अस्पताल में मौत हो जाती है और अनुराधा पर हत्या की कोशिश के बजाय क़त्ल करने की धाराएं लग जाती हैं।
अनुराधा को बचाने के लिए माधव के सामने एक ही रास्ता है कि वो ख़ुद इनवेस्टीगेशन करके सही और ग़लत का पता लगाये। मगर अनु चंद्रा की चुप्पी उसके रास्ते की सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है। माधव के इनवेस्टीगेशन और ट्रायल के दौरान कई चौंकाने वाली बातें सामने आती हैं और ऐसे राज़ खुलते हैं, जो आज के दौर में भी महिलाओं के अधिकारों को लेकर सवाल खड़े करते हैं।
कलाकार
- जिशु सेनगुप्ता - बिक्रम चंद्रा
- कीर्ति कुल्हारी -अनुराधा चंद्रा
- अदरीजा सिन्हा -रिया
- अयाज़ हुसैन ख़ान - डॉ. मोक्ष सिंघवी
- पंकज सारस्वत - रघु सालियान
- पंकज त्रिपाठी - माधव मिश्रा
- खुशबू अत्रे - रत्ना , माधव मिश्रा की पत्नी
- दीप्ति नवल - (विक्रम चंद्रा की मां विज्जी चंद्रा)
- मीता वशिष्ठ (सीनियर लॉयर मंदिरा माथुर)
- अनुप्रिया गोयनका
- आशीष विद्यार्थी (पब्लिक प्रोसीक्यूटर- धीपन प्रभु)
- शिल्पा शुक्ला (ईशानी नाथ- क़ैदी)
- कल्याणी मुले (महिला पुलिस अधिकारी गौरी प्रधान)
- अजीत सिंह पहलावत (इनवेस्टिगेटिंग ऑफ़िसर हर्ष प्रधान और गौरी प्रधान का पति)