कौशल्या बैसंत्री
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कौशल्या बैसन्त्री (जन्म - ८ सितंबर १९२७ , निधन २४ जून २०११) एक दलित लेखिका थीं। महाराष्ट्र में जन्मीं बैसंत्री अम्बेडकर की समकालीन छात्र नेता और सामजिक कार्यकर्त्री थीं।२४ जून २०११ को इनका निधन हो गया।
आरंभिक जीवन
माता-पिता नागपुर एम्प्रेस मिल में मजदूरी करते थे। उनकी माँ धागा बनाने का और पिता मशीन में तेल डालने का काम करते थे। इनके माता-पिता की १३ संतानें - १० लड़कियाँ ओर तीन लड़के थे ,जिन में कुल ५ लड़कियाँ व एक लड़का जीवित रहे।
कृतियाँ
बैसंत्री की आत्मकथा "दोहरा अभिशाप" एक चर्चित पुस्तक है। यह कृति कौशल्या बैसंत्री द्वारा ही लिखित पहली व आख़िरी लेख मानी जाती है।