कोबो ई रीडर

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साँचा:asbox कोबो ई कॉर्परेशन द्वारा कोबो ई रीडर का उत्पादन किया जाता है। मूल अवतरण मई २०१० में बाजार में उतरा गया था बाद में जापानी समूह रकूटें द्वारा इसे खरीद लिया गया। अन्य ई रीडरों के सामान ही कोबो में भी इलेक्ट्रॉनिक इंक स्क्रीन का उपयोग किया जाता है। इसका एल सी डी अवतरण वर्ष २०१० -१३ में लाया गया।

सभी कोबो ई -रीडर एक विशिष्ट पेज गणना प्रणाली पर आधारित है ,जो अध्याय के पेजों का अलग-अलग विवरण रखती है।

कोबो टच

एंट्री लेवल का ई-रीडर है, जिसमें ६ इंच की स्क्रीन है और यह पर्ल ई-इंक टचस्क्रीन पर काम करता है। स्लीक बॉडी और १८५ ग्राम वजन के साथ इसमें एक महीने की बैटरी लाइफ है। २ जीबी के संग्रहण में करीब १००० किताबें सुरक्षित कर सकते हैं। मैंमरी को ३२ जीबी तक बढ़ाने की सुविधा है।

औरा एचडी

इस वक्त दुनिया की सबसे बेहतरीन ई-रीडर डिवाइस है, जिस पर १४४०x१०८० पिक्सल्स का [१] रेजॉलूशन मिलता है, जो किसी भी और रीडर से सबसे ज्यादा है। इसमें चार जीबी इनबिल्ट स्टॉरेज और ६.८ इंच की स्क्रीन है। इसकी बैटरी दो महीने तक चल सकती है। एमाज़ॉन.कॉम की किंडल फायर एचडी के जवाब में कोबो ने भी अपनी टैबलेट और रीडिंग डिवाइस का कॉम्बो उतारा है। यह हैकोबो आर्क, जो ऐंड्रॉयड 4.1 पर ऑपरेट होता है। इसमें 10 घंटे की बैटरी लाइफ है। 1.5 जीबी ड्यूल कोर प्रोसेसर है। 16/32/64 जीबी मेमरी ऑप्शन हैं। 7 इंच स्क्रीन है और यह गूगल प्ले से कनेक्टेड है। इसका ये सभी केवल वाई-फाई डिवाइस हैं।

हिंदी फॉन्ट

कोबो पर हिंदी फॉन्ट के लिए पब्लिशर्स से [२]बातचीत चल रही है, इसमें कामयाबी मिलने की संभावना है। अभी कोबो पर ४० लाख से ज्यादा किताबें हैं, शामिल हैं। गौरतलब है कि अमेजन ने कुछ अर्सा पहले ही भारत में अपने किंडल ई-रीडर पेश किए हैं।

सन्दर्भ

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  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।