कैलाश सांखला

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
कैलाश सांखला
Indira Gandhi giving Kailash Sankhala the Padma Shri award.png
इंदिरा गांधी से पुरस्कृत होते हुए सांखला
जन्म 30 जनवरी 1925
जोधपुर, राजस्थान, भारत
मृत्यु 15 अगस्त 1994
जयपुर , राजस्थान , भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
व्यवसाय प्रकृतिवादी, संरक्षणवादी, बाघ प्रेमी

कैलाश सांखला (30 जनवरी 1925 - 15 अगस्त 1994) एक भारतीय प्रकृतिवादी और संरक्षणवादी थे। ये दिल्ली जूलॉजिकल पार्क के निदेशक और राजस्थान के चीफ वन्यजीव वार्डन थे। ये बाघों के संरक्षण के लिए काफी लोकप्रिय हुए हैं। इन्हें "भारत का टाइगर मैन" के रूप [१] में भी जाना जाता था, और 1973 में भारत में स्थापित एक संरक्षण कार्यक्रम प्रोजेक्ट टाइगर के गठन में भी शामिल थे।[२]

वन्यजीव प्रबंधक

सांखला 1964 तक सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान,[३]भरतपुर, बनवीर और रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान जैसे वन्यजीव अभ्यारण्य और [४] राजस्थान के वन विभागों में कार्य किया। 1975 में उन्हें दिल्ली जूलॉजिकल पार्क के निदेशक के रूप नियुक्त किया गया। पांच साल के लिए सांखला चिड़ियाघर के प्रमुख के रूप में कार्यरत रहे थे। [५] फिर 1973 में उन्हें प्रोजेक्ट टाइगर का प्रमुख नियुक्त किया गया, जो भारतीय बाघ को विलुप्त होने से बचाने का प्रयास करते हैं।[६]

बाघ संरक्षण

कैलाश सांखला पहले ऐसे संरक्षणवादी थे जिन्होंने 1956 के शुरूआती दिनों में बाघ की रक्षा करने के पक्ष में अपनी आवाज़ उठाई थी। उन्होंने एक समय के दौरान जवाहर लाल नेहरू फेलोशिप के तहत एक व्यापक अध्ययन किया था। जब बाघों की आबादी शिकार के कारण खतरनाक दर से घट रही थी। [७] बाद में उनका शोध उन्हें 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के निदेशक बनने के बाद करना पड़ा। [८] 1989 में, उन्होंने बाघ संरक्षण के प्रति अपनी वचनबद्धता को जारी रखने के लिए टाइगर ट्रस्ट की स्थापना की थी। [९]

व्यक्तिगत जीवन

कैलाश सांखला का जन्म 30 जनवरी 1925 को राजस्थान के जोधपुर में हुआ था। जयपुर में 15 अगस्त 1994 को सांखला का निधन हो गया था। सांखला के बेटे प्रदीप सांखला ने अपने पिता की मृत्यु के बाद टाइगर ट्रस्ट का प्रभार संभाला और 2003 में उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र अमित सांखला ने कदम बढ़ाए रखा है।[१०]

पुरस्कार और सम्मान

ये 1969 में बाघ के अध्ययन के लिए जवाहर लाल नेहरू फैलोशिप पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले सिविल सेवक थे। 1965 में, राजस्थान सरकार ने वन्यजीव संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान के लिए सांखला को मेरिट पुरस्कार दिया। इसके बाद 1982 में उन्हें शेर पर अपनी पुस्तक के लिए एक मेरिट पुरस्कार मिला, और 1992 में उन्हें देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत के राष्ट्रपति द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया। पर्यावरण और वन मंत्रालय ने संरक्षण प्रयासों के लिए कैलाश सांखला फैलोशिप पुरस्कार की भी स्थापना की है।

ग्रन्थ सूची

सन्दर्भ