कैडिलैक

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Cadillac Motor Car Division
प्रकार Division of GM
उद्योग Automobiles
स्थापना August 22, 1902
मुख्यालय Warren, Michigan, U.S.[१]
प्रमुख व्यक्ति Henry M. Leland, founder
उत्पाद Luxury vehicles
मातृ कंपनी General Motors Company
वेबसाइट cadillac.com

कैडिलैक (आईपीए: /ˈkædɨlæk/ या, "ए ला फ़्रांसेज़": pronounced: [kadiˈlak]) भव्य वाहनों का एक ब्रांड है जिसका स्वामित्व जनरल मोटर्स के पास है। मुख्य रूप से उत्तरी अमरीका के अलावा कैडिलैक वाहन 50 से अधिक देशों व प्रान्तों में बिकते हैं।

बुइक के बाद कैडिलैक विश्व का दूसरा सबसे पुराना वाहन निर्माता होने के साथ साथ दुनिया के सबसे पुराने वाहन ब्रांडों में से भी एक है। यद्यपि यह किसी के चुनने के ढंग पर निर्भर करता है किन्तु कैडिलैक यकीनन बुइक से पुरानी है; चूंकि जीएम ने ओल्ड्समोबाइल को बंद कर दिया, इसलिए बुइक को सबसे पुराना वाहन निर्माता कंपनी होने का दर्ज़ा प्राप्त है।

कैडिलैक की शुरुआत बीसवीं सदी के प्रारंभ में, 1912 में हुई। इसके संस्थापक, हेनरी लेलैंड, जो एक निपुण मिस्त्री तथा उद्यमी थे, ने इस कंपनी का नामकरण अपने पूर्वज एंटोइन डि ला मोथे कैडिलैक के नाम पर किया, जिनका जन्म का नाम एंटोइन लौमेट था और जो डेट्रॉयट के संस्थापक थे। इसे जनरल मोटर्स द्वारा 1909 में खरीद लिया गया और छह वर्षों के भीतर इसके सूक्ष्म पुर्जों के पूर्ण विनियमन के प्रदर्शन द्वारा तथा स्वयं को अमेरिका की प्रमुख भव्य कार के रूप में स्थापित कर के कैडिलैक ने वृहद् स्तर पर आधुनिक उत्पादन की नींव डाली। इस कम्पनी के शीर्ष पर पहुंचने के पीछे भी यही प्रेरणा थी जो डेट्रॉयट के संस्थापक द्वारा "बनाये" गए प्रतीक चिन्ह से शुरू हुई, जो उन्होंने 1687 में क्यूबेक में अपने विवाह के समय बनाया था (फ़्रांस में कोई पुराना "कैडिलैक परिवार" अथवा इसका पर्कीत चिन्ह नहीं है)। कैडिलैक ने वाहन निर्माण में कई सहायक सामग्रियों का प्रथम बार प्रयोग किया, जैसे सम्पूर्ण विद्युतीय प्रणालियां, क्लैशलेस मैन्युअल ट्रांसमिशन तथा स्टील की छत. ब्रांड ने तीन इंजन विकसित किये, उनमें से एक (वी8 इंजन) ने अमेरिकी वाहन उद्योग का मानक निर्धारित किया। कैडिलैक इंग्लैंड के रॉयल ऑटोमेटिव क्लब की प्रतिष्ठित डेवर ट्रॉफी जीतने वाली प्रथम अमेरिकी कार बनी - इसने 1908 में विश्वसनीयता के परीक्षण के दौरान अपने घटक पुर्जों में परस्पर विनिमेयता का सफल प्रदर्शन किया; जिससे कंपनी को प्रचार वाक्य प्राप्त हुआ "विश्व का मानक". 1912 में इसने यह ट्रॉफी दूसरी बार विद्युत् से वाहन को चालू करने तथा विद्युतीय प्रकाश के लिए जीती।

इतिहास

संस्थापना

1903 कैडिलैक

कैडिलैक की शुरुआत हेनरी फोर्ड कंपनी के कर्मचारियों से हुई थी जब हेनरी फोर्ड अपने कई महत्वपूर्ण कर्मचारियों के साथ कंपनी छोड़ गए और कंपनी भंग हो गयी। फर्म की संपत्तियों को बेचने के उद्देश्य से फोर्ड के वित्तीय अधिकारियों, विलियम मर्फी तथा लेमुअल बोवेन ने लीलेंड एंड फौलकोनर निर्माण कंपनी के इंजीनियर हेनरी एम. लीलेंड को प्लांट तथा उपकरणों की बिक्री पूर्व समीक्षा के लिए बुलवाया.

इसके बजाय, लीलेंड ने उन्हें लीलेंड के प्रमाणित एकल सिलेंडर वाले इंजन के साथ वाहन निर्माण जारी रखने का आग्रह किया। हेनरी फोर्ड के जाने के बाद कंपनी को एक नए नाम की आवश्यकता पड़ी और 22 अगस्त 1902 को कंपनी का नाम बदल कर कैडिलैक ऑटोमोबाइल कंपनी कर दिया गया। लीलेंड एंड फौलकोनर निर्माण कंपनी तथा कैडिलैक ऑटोमोबाइल कंपनी का 1905 में विलय हो गया।[२]

कैडिलैक ऑटोमोबाइल का नामकरण 17वीं शताब्दी के फ्रेंच अन्वेषक एंटोइन लौमे डि ला मोथे सायर डे कैडिलैक, जिन्होंने 1701 में डेट्रॉयट की स्थापना की थी, के नाम पर किया गया।[३][४]

मोटर वाहन उद्योग में योगदान

1921 लोगो

अपने शुरुआती वर्षों से ही कैडिलैक ने अपना ध्यान अभियांत्रिकी की शुद्धता तथा सजीली भव्य रूपसज्जा पर केन्द्रित किया जिसकी वजह से इसकी कारों को संयुक्त राज्य की सर्वश्रेष्ठ कारों में से गिना जाने लगा। [५] विनिमय योग्य पुर्जों का उपयोग 1908 में एक महत्वपूर्ण अविष्कार था। कैडिलैक 1910 में पूरी तरह से बंद कैब की प्रथम निर्माता थी, तथा 1912 में इसने पहली बार विद्युतीय प्रणालियों का उपयोग वाहन को शुरू करने, इग्नीशन तथा प्रकाश के लिए किया।[५]

1915 में इसने 90डिग्री फ्लैटहेड वी8 इंजन प्रस्तुत किया जो 2400 आरपीएम पर साँचा:convert तथा साँचा:convert टॉर्क उत्पन्न करता था और जिसकी वजह से इसकी कारें 65 मील प्रति घंटे तक की गति प्राप्त कर लेती थीं।[५] यह उस समय की सड़कों की क्षमता से अधिक गति थी।[५] कैडिलैक ने 1918 में सर्वप्रथम दोहरे-तल की वी8 क्रैंकशॉफ्ट का निर्माण किया।[५] 1928 में कैडिलैक ने पहला क्लैशलेस सिन्क्रो-मेश मैनुअल ट्रांसमिशन बनाया जो सतत मेश गियरों का प्रयोग करता था।[५] 1930 में कैडिलैक ने 45-डिग्री ओवरहेड वाल्व, 452 घन इंच तथा साँचा:convert के साथ पहला वी-16 इंजन बनाया, जो संयुक्त राज्य अमरीका के सबसे शक्तिशाली तथा कम शोर वाले इंजनों में से एक था।[५] वी8, वी16, तथा वी-12 इंजनों को लाने तथा विकसित करने से कैडिलैक को "विश्व का मानक" बनने में सहायता मिली। [५]

वी8 इंजन के बाद के एक मॉडल, जिसे ओवरहेड वाल्व कहा गया, ने 1949 में पूरे अमेरिकी वाहन उद्योग का मानक बदल दिया। [५]

बॉडी डिजाइन

कैडिलैक ने 1927 में गाड़ियों पर डिजाइनर स्टाइल बॉडीवर्क (इंजीनियरों द्वारा बनाये गए बॉडीवर्क के विपरीत) की शुरुआत की। 1926 में इसने टूटने पर ना फैलने वाले कांच का प्रयोग प्रारंभ किया। कैडिलैक ने सवारी कारों में सर्वप्रथम सम्पूर्ण स्टील से बनी 'टरेट टॉप' छतों का प्रयोग प्रारंभ किया।[५] इससे पहले, कार की छतों को कपड़े से ढकी लकड़ी द्वारा बनाया जाता था।

1948 में बॉडी के आकार में टेलफिन जोड़े गए।[५] 1957 में एल्डोरेडो ब्रौघम ने एक 'याद रखने वाली सीट' का प्रस्ताव दिया जिसमें विभिन्न चालकों के लिए सीट के विन्यास को संचित करने व पुनः स्थिति में लाने की प्रणाली थी। 1964 में पूरी तरह से स्वचालित हीटर/वातानुकूलन प्रणाली शुरू की गई थी, इसमें चालक किसी वांछित तापमान को सेट कर सकता था जिसे 'क्लाइमेट कंट्रोल' द्वारा बनाये रखा जाता था। 1960 के अंत तक, कैडिलैक ने एक फाइबर ऑप्टिक प्रणाली प्रस्तुत की जो चालक को ख़राब हो चुके प्रकाश बल्बों की जानकारी देती थी। 1974 से 1976 के दौरान कैडिलैक के कुछ मॉडलों में ड्राइवर एयरबैग प्रस्तुत किये गए।

प्रारंभिक वाहन

1903 कैडिलैक मॉडल ए (A)
1908 कैडिलैक मॉडल एस (S)
1929 कैडिलैक

अक्टूबर 1902 में पहली कार,साँचा:convert कैडिलैक बन कर तैयार हुई। यह व्यवहारिक रूप से 1903 के फोर्ड मॉडल ए जैसी ही थी। कई स्रोतों के अनुसार कारखाने में तैयार प्रथम कार 17 अक्टूबर को बनी; पुस्तक हेनरी लीलेंड - मास्टर ऑफ प्रेसिज़न में यह तारीख 20 अक्टूबर दी गयी है; अन्य विश्वसनीय स्रोत के अनुसार कार संख्या 3 अक्टूबर 16 को बन कर तैयार हुई। चाहे जो भी था, अगली जनवरी में न्यूयॉर्क ऑटो शो में नयी कैडिलैक को प्रस्तुत किया गया जहां इसने भीड़ को आकर्षित किया और इसे 2000 पक्के आर्डर प्राप्त हुए. कैडिलैक की सबसे बड़ी विशेषता परिशुद्धता निर्माण थी और विश्वसनीयता थी, तथा इसलिए यह अपने प्रतियोगियों की तुलना में कहीं बेहतर रूप से बना वाहन था। कैडिलैक ने 1908 में यूनाइटेड किंगडम में इंटरचेंजेबिलिटी परीक्षण में भाग लेकर डेवर ट्राफी प्राप्त की जो इसे वाहन उद्योग में वर्ष की सबसे महत्वपूर्ण प्रगति के लिए प्रदान की गयी।

जनरल मोटर्स

कैडिलैक को 1909 में जनरल मोटर्स (जीएम) संगठन द्वारा खरीद लिया गया। कैडिलैक जनरल मोटर्स का प्रतिष्ठित प्रभाग बन गया, जो बड़े आकर के भव्य वाहनों के उत्पादन के लिए समर्पित था। कैडिलैक लाइन जीएम द्वारा "व्यावसायिक चेसिस" वाले संस्थागत वाहनों के लिए प्रयोग की जाने लगी, जैसे लिमोज़िन, एम्बुलेंस, शव वाहन तथा शवयात्रा फ्लावर कारें, जिनमें से आखिरी तीन असंगठित निर्माताओं द्वारा आवश्यकतानुसार बना दी जाती थीं। कैडिलैक किसी भी ऐसे वाहन का उत्पादन अपने कारखाने में नहीं करता है।

जुलाई 1917 में, संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना को भरोसेमंद स्टाफ कार की आवश्यकता पड़ी तो उन्होंने मेक्सिको सीमा पर गहन परीक्षणों के बाद कैडिलैक टाइप 55 टूरिंग मॉडल को चुना। विश्व युद्ध I में फ्रांस में अमेरिकी अभियान बल के अधिकारियों द्वारा प्रयोग किये जाने हेतु ऐसी 2350 कारें खरीदी गयीं। [६]

द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्व की कैडिलैक गाड़ियां सुगठित, शक्तिशाली, बड़ी मात्रा में उत्पादित भव्य कारें होती थीं जो उच्च वर्ग के ग्राहकों को ध्यान में रख कर बनायीं जातीं थीं। 1930 के दशक में, कैडिलैक ने अपनी श्रेणी में वी12 तथा वी16 इंजन युक्त कारें जोड़ीं, इनमें से अधिकांश आवश्यकता के अनुसार बनाये गए कोच के साथ बनी थीं; इनमें लगे इंजन उस समय के लिहाज से अपनी उच्च शक्ति, सहजता तथा कम शोर के समन्वय के कारण विशिष्ट थे।

ऑटोमोबाइल स्टाइलिस्ट हार्ले अर्ल, जिन्हें 1926 में कैडिलैक ने नियुक्त किया था और जो जनवरी 1928 में नए कला एवं रंग विभाग के प्रमुख बनने वाले थे, ने 1927 में कैडिलैक के लिये एक नयी एवं छोटी "कम्पेनियन मार्क" कार का निर्माण किया, जिसे उन्होंने एक अन्य फ्रांसीसी अन्वेषक रेने रोबर्ट कावेलिएर, सियूर डे ला सेले के नाम पर ला सैले नाम दिया। इस ब्रांड का उत्पादन 1940 तक होता रहा।

महान मंदी

1940 कैडिलैक 90 टाउन कार

1932 में, कैडिलैक को रिकॉर्ड कम बिक्री और काले ग्राहकों के खिलाफ भेदभाव करने के आरोप का सामना करना पड़ा, अल्फ्रेड स्लोन ने कैडिलैक लाइन के विच्छेदन पर विचार समिति बनाई। बोर्ड की एक परिणामी बैठक में कैडिलैक अध्यक्ष निकोलस ड्रेस्टाट ने सुना कि महान बॉक्सर जो लुई डीलर से कार खरीदने नहीं जा सकता क्योंकि वह काला था और उसने अपने एक सफ़ेद दोस्त की मदद से कार खरीदी. ड्रेस्टाट ने निदेशक मंडल को एक 10 मिनट का भाषण देकर काले उपभोक्ताओं के बीच विज्ञापन देकर बिक्री बढ़ाने की वकालत की। मंडल ने उन्हें नतीजे दिखाने के लिए 18 महीने का समय दिया। जीएम का हिस्सा होने के कारण, कैडिलैक महान मंदी से बचने में सफल हो गई। 1940 तक कैडिलैक की बिक्री 1934 की तुलना में दस गुना बढ़ गयी थी।

1934 का साल असेम्बली-लाइन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति लाया। हेनरी एफ. फिलिप्स ने बाजार में फिलिप्स स्क्रू और ड्राइवर को उतारा. उन्होंने जनरल मोटर्स के साथ बातचीत की और कैडिलैक समूह को विश्वास दिलाया कि उनके नए स्क्रू असेम्बली के समय को कम करके मुनाफे को बढ़ा सकते हैं। 1940 में व्यापक रूप से अपनायी गयी फिलिप्स प्रोद्योगिकी को अपनाने वाला पहला वाहन निर्माता कैडिलैक ही था। 1941 में कई वर्षों में पहली बार कंपनी द्वारा निर्मित सभी कारों में मूल इंजन तथा ड्राइवट्रेन एक ही थे।[७]

युद्ध के बाद

1948 कैडिलैक

युद्ध के बाद की कैडिलैक, जनरल मोटर्स के स्टाइलिंग प्रमुख हार्ले जे. अर्ल के विचारों का प्रयोग करते हुए, कई डिजाईनिंग विशेषताओं को प्रदर्शित करती हैं जो क्लासिक (1940 का उत्तरार्ध तथा 1950 का दशक) अमेरिकी वाहनों की विशेषताओं की समानार्थी ही मालूम होती हैं, इनमें टेलफिन, रैपअराउंड विंडशील्ड, तथा गहन बाहरी व आतंरिक चमकदार काम (क्रोम और पॉलिश किया हुआ स्टेनलेस स्टील) शामिल हैं। नवेली ऑटोमोटिव पत्रिका मोटर ट्रेंड ने अपना पहला "कार ऑफ दि इयर" पुरस्कार वर्ष 1949 में कैडिलैक को दिया; कंपनी ने इसे ठुकरा दिया। [८] 25 नवम्बर 1949 को कैडिलैक ने अपनी दस लाखवीं कार का उत्पादन किया, यह एक 1950 कूप डे विल थी।[९] इसने प्रति वर्ष 100,000 से अधिक कारों के उत्पादन का रिकार्ड भी बनाया,[९] जिसे इसने 1950 व 1951 में दोहराया.[१०] कैडिलैक के पहले टेलफिन 1948 में आये लॉकहीड पी-38 लाईटनिंग के दोहरे रडर से प्रेरित थे; 1959 की कैडिलैक टेलफिन के प्रति जूनून का साक्षात् उदाहरण थी, इसमें किसी भी सामान्य उत्पादन कार की तुलना में पहचाने जा सकने योग्य टेलफिन लगे थे। 1960 से 1964 के बीच टेलफिन छोटे होते गए और 1965 के मॉडल में ये गायब हो गए (1965 की सिरीज़ 75 चेसिस को छोड़कर जो कि 1964 से चली आ रही थी)। बाहरी और आंतरिक सतहों पर किया गया भड़कीला काम भी 1959 से प्रत्येक वर्ष कम होने लगा जिसकी गति 1966 मॉडल से काफी बढ़ गयी जिसमें पीछे के बम्पर पूरी तरह क्रोम के न होकर इनके एक बड़े हिस्से पर पेंट किया गया था तथा इसकी हेडलाईट के बेज़ल भी पेंट किये गए थे।

कैडिलैक की एक अन्य विशिष्ट स्टाइल विशेषता इसके सामने के बम्पर का डिजाइन था जिसे डगमर बम्पर या सिर्फ डगमर कहते थे। युद्ध के बाद से तोप के गोले के आकार का बम्पर गार्ड का प्रयोग कैडिलैक की जटिल सामने की ग्रिल तथा बम्पर प्रणाली का अभिन्न हिस्सा बन गया। 1950 के दशक के बीतने के साथ ही बम्पर गार्ड के रूप में अपने उद्देश्य को नकारने के साथ यह फ्रंट-एंड डिजाइन में रखा जाने लगा। ये 1950 की टेलीविज़न शख्सियत डगमर की प्रसिद्धि के साथ ही और प्रमुख हो गए तथा पसंद किये जाने लगे। 1957 में बम्पर के डिजाइन में काले रबर के सिरे जोड़ दिए गए जिसने स्टाइल तत्व तथा स्टाइल किये गए अतिरंजित बम्पर डिजाइन के सम्बन्ध को और अधिक बढ़ावा दिया। 1958 से इस तत्व का प्रयोग कम हो गया और 1959 के मॉडलों से यह पूरी तरह से गायब हो गया।

1966 में, कैडिलैक ने 192,000 से भी अधिक इकाइयों के साथ अभी तक की सर्वाधिक वार्षिक बिक्री के अंक को छुआ, (इनमें से 142,190 डे विल थीं),[११] यह 60% से भी अधिक की बढ़त थी।[१२] 1968 में इस बार पहले से अधिक बिक्री हुई जब कैडिलैक ने पहली बार 200,000 इकाइयों का आंकड़ा छुआ.[१३]

1967 में निजी भव्य कूप के रूप में अपने सौम्य, शानदार डिजाइन - जो 1950 की टेल-फिन और क्रोम की अधिकता से कोसों दूर था - के साथ लांच की गई फ्रंट व्हील ड्राइव वाली एल्डोरेडो ने कैडिलैक के लिए लिंकन तथा इम्पीरियल के एक प्रत्यक्ष प्रतिद्वंद्वी का काम किया, तथा 1970 में पहली बार कैडिलैक की बिक्री क्रिसलर से अधिक हुई। [१४] 1968 में पहली बार आया साँचा:convert इंजन जो साँचा:convert क्षमता की सामर्थ्य के साथ डिजाइन किया गया था, के साथ 1970 की एल्डोरेडो के लिए [38] को बढ़ा कर [39] कर दिया गया। यह 1975 से सभी मॉडल श्रेणियों में अपनाया जाने लगा।

1960 कैडिलैक

संख्या में कमी और मंदी से उबार

1970 के दशक के वाहन उनके आकार के लिए जाने गए, ऐसे आकार जो 1960 के दशक के बाद से नहीं देखे गए थे। 1972 की फ्लीटवुड 1960 की सीरीज़ 75 फ्लीटवुड से व्हीलबेस में कुछ साँचा:convert लम्बी तथा कुल आकार में साँचा:convert बड़ी थी, जबकि 1972 की शुरूआती सीरीज़ की कालेस अपनी समकक्ष 1960 की सीरीज़ 62 से समान व्हीलबेस में साँचा:convert लम्बी थी।[१५] वजन और मानक उपकरणों में वृद्धि के कारण इंजन की विस्थापन क्षमता बढ़ाने की जरुरत पड़ी और यह दशक के अंत में आकार छोटे करने के चलन से पहले की बात है। पहले वर्ष का प्रदर्शन साँचा:convert (सकल) तथा साँचा:convert टॉर्क पर पहुंचने के बाद फीका पड़ने लगा था तथा 1971 तथा उसके बाद संपीडन अनुपात को कम ऑक्टेन वाले सीसारहित ईंधन तथा दिन पर दिन सख्त होते जा रहे उत्सर्जन मानकों के कारण कम किया जाने लगा था। 1973 और 1970 के दशक के अंत में एक बार फिर रिकॉर्ड बिक्री होने के बावजूद, कैडिलैक अमेरिकी वाहन उद्योग में 1970 तथा 1980 के दशकों में फैली बेचैनी का शिकार होने लगी, इसका आंशिक कारण प्रभावशाली ढंग से सुरक्षा, उत्सर्जन तथा ईंधन दक्षता सम्बन्धी नए सरकारी नियमों से निपट पाने में असफलता थी।

कला और विज्ञान युग

कैडिलैक कन्वर्ज

कैडिलैक ने पुराने "रेट्रो" मॉडलों के पुनर्निर्माण की प्रवत्ति का विरोध किया, इनमें पुनर्जीवित की गयी फोर्ड थंडरबर्ड तथा वोक्सवैगन की नयी बीटल शामिल थीं। इसके विपरीत इसने 21वीं सदी में एक नयी सोच के साथ प्रवेश किया जिसे "कला व विज्ञान"[१६] कहा गया, इसमें कहा गया कि "यह तीक्ष्ण, परिशुद्ध तथा स्पष्ट कोनों का प्रयोग कटे हुए - ऐसे शब्दकोश को बनाये जो निर्भीक, उच्च प्रौद्योगिकी की झलक दिखाए तथा इसको बनाने के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी का विकास किया जाये." यह नयी डिजाइन की भाषा मौलिक सीटीएस से प्रारंभ होकर एक्सएलआर रोडस्टर तक जाती है। कैडिलैक की मॉडल श्रृंखला में पिछले तथा चारों पहियों से चालित सिडान, रोडस्टर, क्रॉसओवर तथा एसयूवी (SUV) शामिल हैं। इसके अपवादों में अगले पहियों से चालित कैडिलैक बीएलएस (जो उत्तरी अमरीका में नहीं बेची जाती)[१७] तथा कैडिलैक डीटीएस शामिल हैं। इनमें से अधिकांश सक्रिय रूप से जर्मन व जापानी निर्माताओं द्वारा बनायी गयीं प्रतिष्ठित उच्च-श्रेणी की भव्य कारों से टक्कर लेती हैं। इन प्रयासों में सबसे प्रमुख दूसरी पीढ़ी की सीटीएस-वी (CTS-V) है, जो बीएमडब्ल्यू एम5 (BMW M5) की प्रत्यक्ष प्रतिद्वंद्वी है।साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed] सीटीएस-वी के एक स्वचालित संस्करण ने नरबर्गरिंग का चक्कर 7:59.32 में पूरा किया जो उत्पादित सिडान के लिए एक समय का रिकॉर्ड है।[१८]

कैडिलैक के पुनः विकास के बावजूद, कैडिलैक ब्रांड पर कम प्रयास किये गए हैं और इसका मुख्य कारण जीएम का दीवालिया हो जाना है। कैडिलैक सिक्सटीन की श्रेणी के एक उच्चतम मॉडल, जिसमें बदल कर नॉर्थस्टार इंजन लगाया जाना था, को बंद कर दिया गया। एसटीएस (STS) व डीटीएस (DTS) के उत्पादन बंद करने के साथ ही कैडिलैक के पास श्रेणी के उच्चतम मॉडल नहीं रह जायेंगे. एक छोटी आरडब्ल्यूडी सिडान पर काम चल रहा था पर कुछ रिपोर्टों से पता चलता है कि इसे एप्सिलोन II प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित कर दिया जायेगा जहां इसे सीटीएस श्रेणी से नीचे रखा जायेगा. हालांकि, कैडिलैक ने दूसरी पीढ़ी की शुरुआत 2009 में एसआरएक्स (SRX) के साथ ही कर दी थी। एसआरएक्स अब थीटा प्रीमियम प्लेटफॉर्म पर आधारित है तथा इसे अगला-पहिया चालित (FWD) अथवा सभी-पहिये चालित (AWD) संस्करण में उपलब्ध कराया जाता है।

रिपोर्टों से मालूम हुआ कि एस्केलेड को 2014 में लैम्डा प्लेटफार्म में स्थानांतरित कर दिया जायेगा परन्तु फिर यह पता चला कि एस्केलेड फ्रेम-पर-बॉडी वाली बनावट के साथ ही 2013 में पुनः डिजाइन की जाएगी. लैम्डा आधारित कैडिलैक को अगली एस्केलेड का साथ देने के लिए ज़ारी किया जायेगा जिसका मूल्य संभवतः वर्तमान मॉडल से अधिक होगा। कैडिलैक ने एक्सटीएस प्लेटिनम कांसेप्ट गाडी को 2010 में प्रदर्शित किया तथा सुपर एपसाइलन प्लेटफॉर्म पर आधारित एफडब्ल्यूडी/एडब्ल्यूडी सिडान बनाने की इच्छा की घोषणा की। इसके अलावा, 2009 के अंत में, जीएम (GM) ने घोषणा की कि 3-सिरीज़ के प्रतिद्वंदी एटीएस (ATS) को आरडब्ल्यूडी (RWD)/एडब्ल्यूडी (AWD) आधारित अल्फा (Alpha) प्लेटफॉर्म पर 2013 से बनाया जायेगा. यह रिपोर्ट भी सामने आई हैं कि जीएम ने न सिर्फ जीटा (Zeta) आधारित 7-सिरीज़ के प्रतिद्वंदी, बल्कि एक अन्य जीटा आधारित पूर्ण-आकार वाले वाहन को, जो कि सिक्सटीन संकल्पना पर आधारित है, को हरी झंडी दिखा दी है। रिपोर्ट के अनुसार इनमें से दूसरी की कीमत अधिक से अधिक $125,000 होगी तथा इसका नाम कैडिलैक हैलो होगा। यह भी मालूम हुआ है कि अगली सीटीएस, जिसको 2013 में लाया जाना है, का व्हीलबेस बढाया जायेगा जिसे आने वाले अल्फा प्लेटफॉर्म से लिया जायेगा. इसके आकार और कीमत में वृद्धि और इसके कूप और वैगन विकल्पों के हट जाने की उम्मीद है। इस के साथ ही 2010 के मध्य तक कैडिलैक के पास वाहनों की सम्पूर्ण श्रृंखला उपलब्ध होने की उम्मीद है।[१९][२०]

अमेरिकी संस्कृति पर प्रभाव

चित्र:Cadillac Eldorado.png
1959 कैडिलैक एल्डोराडो

कैडिलैक वर्षों से अमेरिकी सफलता तथा अमेरिकी सपनों का प्रतीक बना हुआ है। यह आज भी नहीं बदला है जबकि कैडिलैक के मॉडल जैसे सीटीएस-वी, जो विश्व की सर्वाधिक तेज सिडान में से एक है, तथा कई अन्य विश्व-स्तरीय वाहन जो कि इसके द्वारा बनाए जा रहे हैं। 1950 के प्रतिष्ठित कैडिलैक एल्डोरेडो मॉडल के साथ ही कैडिलैक ने वाहन डिजाइन करने में अमेरिकी मुखरता और विसंगतता को परिलक्षित किया है। कई कारों जैसे सीटीएस कूप के बाहरी डिजाइन का अनुपात केवल संकल्पित वाहनों में पाया जा सकता है। इसके अलावा अमरीका के समय को प्रस्तुत करते हुए, विशेष रूप से 1980 तथा 1990 के दशक में, कैडिलैक का दर्ज़ा मर्सिडीज़, बीएमडब्ल्यू तथा लेक्सस के समकक्ष ही था। 21 वीं सदी में अमेरिकी संस्कृति के बदलने के साथ ही कैडिलैक की बाहरी डिजाइन भी पूरी तरह से बदल गयी, जिसे कंपनी ने कला तथा विज्ञान डिजाइन कहा. कैडिलैक की कला और विज्ञान को अवधारणा वाहनों जैसे सिक्सटीन तथा कन्वर्ज़ में देखा जा सकता है। इस शैली को कैडिलैक सीटीएस (CTS) और 2010 कैडिलैक एसआरएक्स (SRX) जैसे उत्पादन वाहनों में भी देखा जा सकता है।

कला और मूर्तिकला में कैडिलैक

कैडिलैक रैंच, अमेरिलो, टेक्सास, अमेरिका में सार्वजनिक कृति और प्रतिमा संस्थापन है। इसकी स्थापना 1974 में चिप लॉर्ड, हडसन मार्केज़ तथा डग माइकल्स द्वारा की गयी थी जो एक कला समूह एन्ट फार्म का हिस्सा थे और यह (जब यह 1974 में मूल रूप से बनाया गया था) पुराने, चल रहे अथवा कबाड़ हो चुके कैडिलैक वाहनों का संकलन था, इसके जरिए उन्होंने 1949 से 1963 तक की कार श्रेणियों में हो रहे विकास क्रम (विशेष रूप से शुरूआती कैडिलैक के विशिष्ट हिस्से टेलफिन की शुरुआत व अंत) को दर्शाने का प्रयास किया गया था, ये कारें मिस्र में गीज़ा के महान पिरामिड के समान कोण पर सामने की ओर से जमीन में आधी धंसी हुई थीं।[२१] यह भाग समकालिक अमेरिकी विरोधाभास के प्रति दीवानगी को दर्शाता है जिसमें "स्थान के प्रति जागृति" - तथा सड़क के आकर्षण, जैसे कि स्वयं रैंच, तथा वाहनों की चलनशीलता तथा स्वच्छन्दता शामिल हैं।साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed]
कैडिलैक रैंच के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए इसे वाल्ट डिस्नी तथा पिक्सर की फिल्म कार्स में शामिल किया गया था। एक नक़्शे में दर्शाया गया क्षेत्र "कैडिलैक रेंज" में स्थित एक गांव रेडीयेटर स्प्रिंग्स की कल्पना का चित्रण है, तथा पूरी फिल्म में पत्थरों का आकार क्षितिज पर लगी खड़ी कारों जैसा है।

विज्ञापन

1911 कैडिलैक विज्ञापन - "ओनली द गुड एनड्युर्स" - सिरैक्यूज़ पोस्ट-स्टैण्डर्ड, 31 जनवरी 1911
1917 कैडिलैक विज्ञापन - "शैली, उपयोगिता, सुविधा"-, सिरैक्यूज़ हेराल्ड, 30 सितंबर 1917
1919 कैडिलैक विज्ञापन - फेटन, ४-यात्री दौरा - सिरैक्यूज़ हेराल्ड, 30 सितंबर 1917

इन्हें भी देखें

  • कैडिलैक नॉर्थस्टार इंजन
  • कैडिलैक वी8 इंजन
  • कैडिलैक वी-सीरीज
  • लासल्ले, कैडिलैक के लिए साथी, 1927-1940
  • कार ब्रांडों की सूची
  • कैडिलैक्स और डायनासोर

फूटनोट्स

  1. साँचा:cite web
  2. [१] स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। रॉब लिसेस्टर द्वारा वैगनर "कैडिलैक: अ सेंचरी ऑफ़ एक्सीलेंस" (ISBN 978-1-58663-168-0)
  3. S9.com वेबसाइट पर टाइमलाइन जीवनी स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  4. ग्रैंजो टी डेट्रोइट का इतिहास स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  5. साँचा:cite news
  6. बेंटले, जॉन द ओल्ड कार बुक, फौसेट बुक्स (1952) पृष्ठ 12
  7. बौन्सल, पृष्ठ 17
  8. फ्लोरी, जे. "केली", जूनियर अमेरिकन कार्स 1946-1959 (जेफरसन, एनसी: मैकफ़ारलैंड और कॉय, 2008), पृष्ठ.190.
  9. फ्लोरी, पृष्ठ 255.
  10. फ्लोरी, पृष्ठ 323.
  11. फ्लोरी, जे. "केली", जूनियर अमेरिकन कार्स 1946-1959 (जेफरसन, एनसी: मैकफ़ारलैंड और कॉय, 2004), पीपी.423 और 425-8.
  12. फ्लोरी, पृष्ठ 423.
  13. फ्लोरी, पृष्ठ 570. नौर्थी, टॉम, एड में कार्ल लुडविगसेन के "कैडिलैक: द ग्रेट अमेरिकन ड्रीम कम ट्रू". वर्ल्ड ऑफ़ ऑटोमोबाइल (लंदन: ओर्बिस, 1974), खंड 3, पृष्ठ.297, भूल से 1967.
  14. फ्लोरी, पृष्ठ 721.
  15. फ्लोरी, पीपी 20, 23, 878 और 880.
  16. साँचा:cite news
  17. साँचा:cite web
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  19. साँचा:cite web
  20. साँचा:cite web
  21. साँचा:cite news

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

सरकारी लिंक

अन्य

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