के सन्तानम
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कस्तूरीरंग संतानम (1895 – फरवरी 28, 1980) भारत के एक राजनेता थे।
1962 में लाल बहादुर शास्त्री ने सन्तानम को भ्रष्टाचार-विरोधी समिति का अध्यक्ष बनाया। इस समिति को 'सन्तानम समिति' कहते हैं। समिति ने बहुत गहराई में जाकर भारतीय भ्रष्टाचार की छानबीन की और अपना प्रतिवेदन दिया। इस समिति की सिफारिशों के आधार पर ही प्रथम और द्वितीय श्रेणी के सरकारी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच के लिए 1964 में 'केन्द्रीय सतर्कता आयोग' (सीवीसी) की स्थापना हुई।
संतानम समिति ने भ्रष्टाचार के चार प्रमुख कारणों की पहचान की। वे इस प्रकार थे :
- (१) प्रशासनिक विलम्ब,
- (२) सरकार द्वारा विनियामक कार्यों के रूप में इतने कामों की जिम्मेदारी लेना, जितना वह निभा नहीं सकती।
- (३) सरकारी कर्मचारियों के विभिन्न वर्गों में निहित शक्तियों के प्रयोग में व्यक्तिगत विवेक की गुंजायश, तथा
- (४) नागरिकों के लिए दैनिक महत्त्व के कार्यों से सम्बन्धित विभिन्न मामलों पर कार्रवाई की भारी-भरकम प्रक्रिया।
संतानम समिति के मतानुसार मंत्री, विधायक तथा राज्याधिकारी सभी स्वतंत्र रूप से दंडविधान से निश्चिन्त, बेरोक-टोक भ्रष्टाचार में डूबे हैं।