केरल हिंदी प्रचार सभा, तिरुवनंतपुरम
स्थापना
सन् १९३९ ई. में इस सभा की स्थापना के. वासुदेवन पिल्ले ने की।
कार्य एवं उद्देश्य
केरल राज्य में राष्ट्रभाषा हिन्दी का प्रचार-प्रसार करने के लिए हिन्दी की छोटी-बड़ी सभी परीक्षाओं को संचालित करना, हिन्दी की पुस्तकें एवं पत्र-पत्रिकाएँ प्रकाशित करना तथा हिन्दी नाटकों को अभिनीत करना इस सभा के मुख्य उद्देश्य रहे हैं। सन् १९४८ ई. से 'केरल हिन्दी प्रचार सभा' स्वतंत्र रूप से अपनी परीक्षाएँ हिन्दी प्रथमा, हिन्दी प्रवेश, हिन्दी भूषण और साहित्याचार्य संचालित करती है। हिन्दी, मलयालम और तमिल भाषाओं में सामंजस्य स्थापना करने के प्रयोजन से 'राष्ट्रवाणी' नाम की एक त्रिभाषा साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन किया गया। इसके अतिरिक्त 'केरल ज्योति' नामक एक मासिक पत्रिका का प्रकाशन भी हो रहा है। सभा भवन में एक केन्द्रीय हिन्दी महाविद्यालय कार्य कर रहा है। सभा का प्रकाशन विभाग भी सुचारू रूप से चल रहा है।
प्रकाशित पत्रिका
केरल ज्योति (मासिक), संपादक :प्रो॰डॊ.तंकप्पन नायर
पता : केरल हिन्दी प्रचार सभा, तिरुवनन्तपुरम-६९५०१४
बाहरी कड़ियाँ
- दक्षिण भारत में हिंदी का प्रचलनसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] (डॉ॰ सी. जय शंकर बाबू)
- राष्ट्रभाषा के प्रचार-प्रसार में स्वैच्छिक संस्थाओं का योगदान (वीरेन्द्र सिंह यादव)