कॅप्लर-२० तारा

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कॅप्लर २० के ग्रहीय मंडल के दो ग्रहों की पृथ्वी और शुक्र ग्रहों से तुलना

कॅप्लर-२० उर्फ़ कॅप्लर-२०ए (Kepler-20a) पृथ्वी से ९५० प्रकाश वर्ष दूर लायरा तारामंडल के क्षेत्र में स्थित एक G8 श्रेणी का तारा है। यह आकार में हमारे सूरज से ज़रा छोटा है - इसका द्रव्यमान (मास) हमारे सूरज के द्रव्यमान का ०.९१ गुना और इसका व्यास (डायामीटर) हमारे सूरज के व्यास का ०.९४ गुना अनुमानित किया गया है। सम्भव है कि यह एक मुख्य अनुक्रम तारा है हालाँकि वैज्ञानिकों को अभी यह पक्का ज्ञात नहीं हुआ है। पृथ्वी से देखा गई इसकी चमक (सापेक्ष कान्तिमान) +१२.५१ मैग्नीट्यूड मापी गई है, यानी इसे देखने के लिए दूरबीन आवश्यक है। इसके इर्द-गिर्द एक ग्रहीय मंडल मिला है, जिसमें पांच ज्ञात ग़ैर-सौरीय ग्रह इस तारे की परिक्रमा कर रहे हैं।[१][२]

पृथ्वी जैसे ग्रह मिले

२० दिसम्बर २०११ में वैज्ञानिकों ने घोषणा की के कॅप्लर-२० तारे के इर्द-गिर्द पृथ्वी के आकार के दो ग़ैर-सौरीय ग्रह परिक्रमा करते हुए पाए गए हैं, जिनके नाम कॅप्लर-२०ई (Kepler-20e) और कॅप्लर-२०ऍफ़ (Kepler-20f) रखे गए हैं। इस से पहले ब्रह्माण्ड में मिलने वाले सभी ग़ैर-सौरीय ग्रह पृथ्वी से बड़े थे - या तो वे गैस दानव ग्रह थे और या फिर महापृथ्वी के श्रेणी के बड़े ग्रह थे। पृथ्वी के आकार के ग्रह को देख पाने का अर्थ है कि अब वैज्ञानिकों में इस अकार के ग्रह इतनी दूरी पर खोज निकालने की क्षमता विकसित होनी शुरू हो गई है। यह याद रखना ज़रूरी है कि हालांकि इन दो ग्रहों का अकार पृथ्वी जैसा भले ही हो, यह अपने तारे के वासयोग्य क्षेत्र में स्थित नहीं हैं। ये कॅप्लर-२० तारे के इतने पास हैं कि कॅप्लर-२०ई ग्रह की सतह पर तापमान लगभग ७६० °सेंटीग्रेड होगा और कॅप्लर-२०ऍफ़ ग्रह पर ४२७ °सेंटीग्रेड।[३][४]

इस मंडल में वरुण (नॅप्टयून) के अकार वाले तीन अन्य गैस दानव ग्रह भी मिले हैं, जिनका नाम कॅप्लर-२०बी (Kepler-20b), कॅप्लर-२०सी (Kepler-20c) और कॅप्लर-२०डी (Kepler-20d) रखा गया है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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