कृपाल सिह शेखावत
कृपाल सिंह शेखावत | |
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जन्म |
1922 राजस्थान, भारत |
मृत्यु |
15 फरवरी 2008 जयपुर, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा | शान्तिनिकेतन |
प्रसिद्धि कारण | चित्रकला, मृद्भाण्ड |
पुरस्कार | पद्मश्री |
कृपाल सिंह शेखावत (१९२२ -- २००८) भारत के एक प्रसिद्ध हस्तशिल्पी एवं कलाकार थे। वे जयपुर के नील मृदभाण्ड के कलात्मक निर्माण में सिद्धहस्त थे। उन्होने इस कला को पुनर्जीवित किया।
कृपाल सिंह ने कला की आैपचारिक शिक्षा जहां शांति निकेतन जैसे विश्वप्रसिद्ध कला संस्थान से ली वहीं जापान के टोक्यो विश्वविद्यालय से ओरिएंटल आर्ट में डिप्लोमा भी प्राप्त किया। शांतिनिकेतन की कला शिक्षा ने जहां उन्हें भारतीय कला परम्परा की बारिकियों से अवगत कराया वहीं जापान में अपने अध्ययन के क्रम में उन्होंने जापानी चित्रकला में बरते जाने वाले प्राकृतिक रंगों, स्याहियों व कागज से जुड़ी तकनीकी जानकारियों को जाना आैर समझा। जयपुर की ब्लू पॉटरी को पुर्नजीवित करने के उनके कारनामे ने उन्हें अपार प्रसिद्धि दिलाई। भारत के स्वतन्त्र होने के बाद भारतीय संविधान की जो मूल प्रति कलागुरू नन्दलाल बोस के सौजन्य से तैयार की गई उसमें कृपाल सिंह शेखावत का भी कलात्मक योगदान है। वे जयपुर स्थित सवाई राम सिंह कला मंदिर के निदेशक के तौर पर भी कार्यरत रहे जहां वह अपने छात्रों को चित्रकला आैर ब्लू पॉटरी की शिक्षा देते रहे। कला में उनके इस अप्रतिम योगदान के कारण 1974 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया । वर्ष 2002 में उन्हें भारत सरकार द्वारा शिल्प गुरू की उपाधि से भी सम्मानित किया गया।[१]