कुल्लियात
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कुल्लियात (उर्दू: کلیات) शायरी में किसी शायर की रचनाओं के संग्रह को कहते हैं। मसलन ग़ालिब की ग़ज़लों और नज्मों के संकलन को 'कुल्लियात-ए-ग़ालिब' कहा जाता है। यह शब्द 'कुल' से आया है, यानि शायर का 'कुल' काम इस संग्रह में मौजूद होना चाहिए, लेकिन वास्तव में अगर शायर की कुछ-बहुत रचनाएँ भी उसमें सम्मिलित हों तो उसे कुल्लियात ही कहा जाएगा।
पुराने ज़माने में कभी-कभी यह शब्द शायारी के अलावा और सन्दर्भों में भी प्रयोग हुआ करता था। उदाहरण के लिए अगर किसी पुस्तक में चिकित्सा (अरबी में 'तिब्ब') के बारे में बहुत कुछ लिखा हो तो उसे 'कुल्लियात-ए-तिब्बी' कह दिया जाता था। यही शब्द बिगड़कर अंग्रेज़ी में भी 'कॉलिजॅट' (Colliget) के रूप में आ गया।[१]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ A History of Medicine: Byzantine and Islamic medicine स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, Plinio Prioreschi, Horatius press, 2001, ISBN 978-1-888456-04-2, ... The word Colliget has no relation to the Latin colligere ('to gather together,' ; 'to collect'); it is simply a corruption of kulliyat, which means here 'generalities', that is, generalities of medicine ...