कुंवर चूड़ा

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कुंवर चुण्डा सिसोदिया मेवाड़ के महाराणा लाखा के  बड़े  पुत्र थे । महाराणा लाखा का वृद्धावस्था में मंडोर के राव रणमल राठौड़ की बहन हंसा बाई के साथ विवाह हुआ और लाखा के बड़े पुत्र चूडा़ ने मेवाड़ का राज्य हंसाबाई की होने वाली संतान को देने की भीष्म प्रतिज्ञा की । हंसा बाई ने मोकल को जन्म दिया  ! महाराणा लाखा की मृत्यु के बाद चूडा़ ने मोकल को राज्य सिंहासन पर बैठाया।

रघुकुल में या तो रामचंद्र ने पितृ भक्ति के कारण ऐसा उदाहरण दिखलाया या फिर  चूड़ा सिसोदिया ने ।माण्डू के शासक हुशंगशाह द्वारा निवासित जीवन के दौरान चूड़ा को रावत की उपाधी दी गयी।