काला जादू

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कला जादू से बचने का सरल तरीका क्या है?

जादू, टोना क्या होता है?...

काले जादू से बचाव के उपाय…काले जादू, टोना-टोटका, करा-धरा से बचने के लिए माथे पर महादेव की भस्म का त्रिपुण्ड लगाकर रखें। 
शिव पुराण के अनुसार अगर गले में रुद्राक्ष की माला रहती है, तो बहुत, प्रेत, जादू आदि का असर नहीं होता है। 

जाने 7 बाते कला जादू के बारे में.

1. वर्तमान समय में काला जादू करने वाले अब दुनिया में बचे नहीं हैं। इस तरह की तांत्रिक क्रियाओं का मूल जनक स्थान कभही कामाख्या आसाम था। यह से 15 किलोमीटर की दूरी पर एक प्राचीन नवग्रह का मंदिर है, जहां 9 ग्रह शिवलिंग के रूप में स्थापित हैं। जिन्हें स्वयंभू बताते हैं।

2. तन्त्र में कभही उच्चाटन, मारन, चेतक विद्या, यक्षिणी, कर्ण पिशाचिनी, भ्रमजाल, इंद्रजाल आदि मारण शक्तियों का बोलबाला था। अब इसके जानकार ज्यादा उपलब्ध नहीं है।

3. कालाजादु के अंतर्गत परिवर्तन, बहाली, भ्रम, बुद्धि विनाश, दूर भेजना, बच निकलने, उत्तोलन, भेदन, भविष्यवाणी, कीलित करना आदि कार्य होते हैं।

4. बहुत से लोग इस भय-भ्रम में जी रहे हैं कि किसी ने कुछ कर दिया है। मेरी दुकान या कारोबार को बांध दिया है। फिर प्रसन्न है कि क्या लोग काला जादू कर सकते हैं?

5. संस्गआर में सब सम्भव है…..यदि ऊर्जा, एनर्जी का सकारात्मक उपयोग है, तो ऐसे ही नकारात्मक इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

6. चारों वेदों में एक अथर्ववेद सिर्फ सकारात्मक और नकारात्मक चीजों के लिए ऊर्जाओं के इस्तेमाल को ही समर्पित है।

7. वैसे ये सब बातें, जादू, टोना आदि चीजें दिमागी रूप से पैदा की गई या मनोवैज्ञानिक व ज़हनी होती हैं। काले जादू का असर थोड़ा बहुत अवश्य होता है।


काला जादू पारम्परिक रूप से पराप्राकृतिक शक्तियों अथवा दुष्ट शक्तियों की सहायता से अपने स्वार्थी उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए किया जाने वाला एक जादू है।


काला जादू एक ऐसी बुरी शक्ति या बुरी ऊर्जा जो किसी पर बुरा प्रभाव डालती है यह एक प्रकार नकारात्मक दृष्टि है और इस नकारात्मक दृष्टि से बचाने के लिए वास्तुशास्त्र में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ने के लिए प्रावधान है वास्तुशास्त्र के अनुसार ये सकारात्मक ऊर्जा कला जादू और नकारत्मक ऊर्जा का प्रभाव काम करती है सकारत्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए वास्तुशास्त्र मे कई प्रकार के प्रावधान भी इंगित है जैसे उदहारण के लिए किसी भी प्रकार के वास्तु दोष को दूर करने के लिए घर की छत या छाजे पर उत्तर पूर्व दिशा में पांच तुलसी के पौधे लगाना चाहिए। अगर पांच नहीं लगा सकते तो कम से कम एक तुलसी का पौधा इस दिशा में जरुर लगाएं। इससे घर में आने वाले नकारात्मक प्रभाव में कमी आती है। वास्तुविज्ञान और वास्तुशास्त्र में विस्तार से बताया गया है बाहर से घर में आने वाले लोग भी कई बार कोई नकारात्मक उर्जा को अपने संग लेकर आते हैं। और वास्तु विज्ञानं के आधार पर जिनके घर के प्रवेश द्वार पर तुलसी का पौधा होता है उनके घर में इस तरह के नकारात्मक उर्जा का प्रवेश नहीं हो पाता है।

क्या काला जादू सच में होता है?

ऐसा कोई नहीं है जो वास्तव में आपको बता सके कि काला जादू मौजूद है या नहीं। इस सवाल पर लंबे समय से बहस चल रही है, और लोग अभी भी जवाब नहीं दे सकते हैं। ऐसी चीजें होती हैं जो तर्क द्वारा नहीं बताई जा सकती हैं, और यह आपको तय करना है कि रहस्यमय व्याख्याओं पर विश्वास करना है या नहीं। आखिरकार, अभी भी, ऐसे लोग हैं जो खुद को चुड़ैल या जादूगर कहते हैं।

सन्दर्भ