कालाहांडी (कविता)
‘’’कालाहाण्डि’’’ Kalahandi ओड़िशा के कवि तपन कुमार प्रधान द्वारा लिखित एक कविता का शीर्षक तथा एक कविता पुस्तक का नाम है ।[१][२] कालाहांडी कविता संकलन का अंग्रेज़ी अनुवाद के लिए कवि तपन कुमार प्रधान को वर्ष २००७ में साहित्य अकादमी स्वर्ण जयंती पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।[३]
कालाहांडी कविता संकलन में कवि प्रधान ने असाधु राजनेता, उच्च अधिकारी व ठेकेदारों के हाथों समाज के दलित वर्ग के लोगों का आर्थिक और यौन शोषण का लोमहर्षक वर्णन किया है । [४] कालाहांडी कविता पर आधारित उनकी पुस्तक “कालाहांडी - एक अनकही कहानी” में उन्होंने समाज के विभिन्न स्तरों पर व्यापक भ्रष्टाचार का भरपूर खुलासा किया है ।[५]
प्रधान की कालाहांडी कविता को पाठकों ने एक अर्थपूर्ण रचना की मान्यता दी हैं ।इस कविता की तुलना अन्य आधुनिक भारतीय कविताओं के साथ की गई है ।[६][७] कई आलोचकों ने इस कविता की आख़िरी पंक्ति को एक विप्लवी लेख का दर्जा दिया है ।[८]