कालापानी
कालापानी | |
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निर्देशक | प्रियदर्शन |
निर्माता |
मोहनलाल आर॰ मोहन (सह-निर्माता) |
पटकथा |
टी॰ दामोदरन प्रियदर्शन |
कहानी | प्रियदर्शन |
अभिनेता |
मोहनलाल प्रभु गणेशन तब्बू अमरीश पुरी जॉन कोल्वेंबच नेदुमुदी वेणु श्रीनिवासन टीनू आनंद अन्नू कपूर एलेक्स ड्रेपर विनीत |
संगीतकार | इलैयाराजा |
छायाकार | संतोष सीवान |
संपादक | एन॰ गोपालकृष्णन |
स्टूडियो |
प्रणवम आर्ट्स शोगुन फ़िल्म्स लिमिटेड (के सहयोग से) |
प्रदर्शन साँचा:nowrap |
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समय सीमा | 160 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | मलयाली |
लागत | ₹५.५ करोड़ (US$०.७२ मिलियन) |
कालापानी प्रियदर्शन निर्देशित एवं मोहनलाल, प्रभु गणेशन, तब्बू, नेदुमुदी वेणु, श्रीनिवासन, टीनू आनंद, अन्नू कपूर, एलेक्स ड्रेपर, अमरीश पुरी और विनीत अभिनीत भारतीय महाकाव्य फिल्म है। यद्यपि यह मूल रूप से मलयाली फ़िल्म है लेकिन इसे हिन्दी (सज़ा-ए-कालापानी), तमिल (शिरायचलाई) तथा तेलुगू (काला पानी) नामों से जारी की गयी।
यह फ़िल्म ब्रितानी भारत के उन कैदियों के बारे में है जिनको पोर्ट ब्लेयर, अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह की सेल्यूलर जेल में काला पानी की सजा पाकर पहुँचे हैं। शब्द कालापानी कारावास के एक तरीके से व्युत्पन्न हुआ। फ़िल्म में इलैयाराजा ने संगीत की रचना की, संतोष सीवान ने सिनेमेटोग्राफी (चलचित्रण) और एन॰ गोपालकृष्णन ने सम्पादित की। मलयाली सिनेमा में फ़िल्म डोल्बी स्टीरियो ने प्रस्तावित की। यह फ़िल्म ₹ 5.5 करोड़ में बनी।[१] मोहनलाल ने अपने स्टूडियो प्रणवम आर्ट्स इंटरनेशनल के बैनर तले फ़िल्म निर्मित की।
फ़िल्म ने सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशन (साबू सिरिल), सर्वश्रेष्ठ विशेष प्रभाव (एस॰टी॰ वेंकी) और सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी (संतोष सीवान) सहित विभिन्न राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त किये। इसले साथ इसने छः केरल राज्य फ़िल्म पुरस्कार भी प्राप्त किये। यह विश्वभर के 450 सिनेमाघरों में एक साथ प्रदर्शित की गयी।[२]
पटकथा
फ़िल्म ब्रितानी भारत के वर्ष 1915 पर आधारित है। यह कहानी एक युवा चिकित्सक गोवर्धन मेनन (मोहनलाल) की है जिनपर ब्रितानी अधिकारियों सहित ५५ लोगों से सवार एक ट्रैन में बब हमले का गलत आरोप है। उन्हें अण्डमान निकोबार के पोर्ट ब्लेयर में स्थित सेलुलर जेल में भेजा जाता है। इस कारावस में सैकड़ों भारतीय काला पानी की सजा पाकर पहुँचे थे जिनमें अधिकतर स्वतंत्रता सैनानी थे। यहाँ पर कैदियों पर कारावास में होने वाले अत्यंत अमानवीय कृत्यों को ठीक रूप में दिखाया गया है।
एलेक्स ड्रेपर ने परपीड़क जलिक डेविड बेरी का अभिनय किया है जो आयरिश मूल का है तथा जॉन कोल्वेंबच ने दयालु-दिल अंग्रेज़ चिकित्सक लेन हटन का अभिनय किया है।
अन्नू कपूर ने विनायक दामोदर सावरकर का अभिनय किया है जो कारावास में अविश्वसनीय यातना से गुजर रही कैदियों की भावनायें रखने के लिए अपनी भरपूर कोशिश करते हैं। तब्बू ने मोहनलाल की प्रेमिका का अभिनय किया है जो उसकी वापसी की प्रतीक्षा करती है। ब्रितानी चिकित्सक लेन हटन की कोशिशों से कैदियों को दी जाने वाली यातना की जाँच करने का निर्णय लेती है। 14 लोगों को मुक्त करने के आदेश दिये जाते हैं। इनमें से एक मुकुंदन (प्रभु गणेशन) हैं। डेविड बेरी और कारावस अधिक्षक मिर्ज़ा खान (अमरीश पुरी) एक योजना बनाते हैं और कारावास छोड़ते से निकलते समय 13 कैदियों गोली मार देते हैं।
संगीत
फ़िल्म के संगीत इलैयाराजा ने दिया है।
गीतसूची
मलयालम (मूल संस्करण) साँचा:tracklist
तमिल (डब संस्करण) साँचा:tracklist
हिन्दी (डब संस्करण) साँचा:tracklist
तेलुगू (डब संस्करण) साँचा:tracklist