कालयावन

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

कालयावन एक यवन असुर था, जो हिमालय के अति-उतुंग पर्वतों पर शासन करता था, वह भगवान कृष्ण का शत्रु था और राजा मुचुकुन्द ने इस राक्षस को मारा था। श्री हरिवंश पुराण के अनुसार कालयवन का पिता गार्ग्य एक यवन योद्धा था किंतु हिमाचल की अप्सरा गोपाली संग विवाह कर के उस ने हिमालय में ही यवन सार्वभौम स्थापित किया था।

चढ़ाई

कालयावन ने तीन करोड़ राक्षस सेना के साथ मथुरा को घेर लिया। चढ़ाई के बाद भगवान कृष्ण ने समस्त मथुरावासियों को द्वारका भेज दिया।

मृत्यु

इसके बाद भगवान कृष्ण ने इस असुर को एक गुफा में लुभाया। इस गुफा में राजा मुचुकुन्द योग-निद्रा में था। कालयवन कृष्ण का गुफा तक पिछा किया लेकिन कृष्ण को न देख, राजा मुचुकुन्द को जागा दिया। मुचुकुन्द को बहुत गुस्सा आया और कालायवन को जलाकर राख कर दिया।

बहार

  • बेहेन निवेदिता और आनन्द कुमारस्वामी Myths and Legends of the Hindus and Bhuddhists, कोल्कत्ता २००१ ISBN 81-7505-197-3
  • Pictorial Stories for Children Volume 15 - श्रि रामक्रिश्न माथ, चेन्नै - ISBN ८१-७१२०-८४२-८