कांताजी मंदिर, दिनाजपुर
कांताजी मंदिर | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | साँचा:br separated entries |
देवता | Kantaji (कृष्ण)[१] |
त्यौहार | Rash mela |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | साँचा:if empty |
ज़िला | दिनाजपुर |
राज्य | रंगपुर |
देश | बांग्लादेश |
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भौगोलिक निर्देशांक | साँचा:coord |
वास्तु विवरण | |
प्रकार | नवरत्न |
निर्माता | साँचा:if empty |
निर्माण पूर्ण | 1722 CE[२] |
ध्वंस | साँचा:ifempty |
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कांताजी मंदिर बांग्लादेश के दिनाजपुर में स्थित एक उत्तर मध्यकालीन हिंदू मंदिर है। इस मंदिर के आराध्य देवता भगवान कृष्ण हैं। बंगाल के कृष्ण-भक्त राधा-माधव संप्रदाय का यह प्रमुख मंदिर है, अठारहवीं सदी के शिल्प और स्थापत्य का बेजोड़ नमूना है।[१]
इतिहास
इस मंदिर का निर्माण महाराजा प्राणनाथ द्वारा 1704 में शुरू करवाया गया जो महाराजा रामनाथ के शासनकाल में सन् 1722 में पूर्ण हुआ। टेराकोटा शिल्पकारी के लिए यह मंदिर पूरी दुनिया में विख्यात है। एक समय में इस मंदिर के ऊपर नौ शिखर थे लेकिन सन् 1897 में आए भूकंप में ये सभी शिखर क्षतिग्रस्त हो गए।[३]
स्थापत्य
इस मंदिर का निर्माण नवरत्न शैली में नव शिखरों के साथ हुआ था, जो साल 1897 में आए भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गए।
चित्र दीर्घा
सन्दर्भ
- ↑ अ आ साँचा:cite book
- ↑ साँचा:cite book (pg; 243)
- ↑ साँचा:cite book