क़ासिम याकूत खान
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क़ासिम याकूत खान (अंग्रेजी: Qasim Yakut Khan) मुग़ल समुंद्री सेना का नोसेनापति था। पहले तो वह बीजापुर सल्तनत की समुंद्री सेना का नोसेनापति था उसके बाद मुग़ल नोसेना का सेनापति बना।[१]
नौसेनाध्यक्ष काशिम याकुत खान शान-ए-सागर | |
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जन्मजात नाम | पाटिल |
उपनाम | याकुत शेख़जी |
जन्म | साँचा:br separated entries |
देहांत | साँचा:br separated entries |
निष्ठा | औरंगजेब |
सेवा/शाखा | मुगल समुद्री सेना |
उपाधि | नौसेनाध्यक्ष (एडमिरल) |
युद्ध/झड़पें | चाइल्ड का युद्ध, जॉर्ज दुर्ग, मुंबई की लड़ाई, मझगांव दुर्ग की लड़ाई |
सम्बंध | गूहागार के शाही कोली परिवार में उनका जन्म हुआ था |
परिवार
क़ासिम याकूत खान का जन्म एक हिन्दू कोली परिवार में हुआ था वह परिवार गुहागर का पाटिल था। जब क़ासिम खान छोटे थे तभी उनको जेल में डाल दिया गया था और जब वो बाहर निकले तो उनको एक सिद्दी मुस्लिम परिवार ने रख लिया जहां उनको क़ासिम खान का नाम मिला। बड़े होकर क़ासिम खान पहले बीजापुर नोसेना के अध्यक्ष बने बाद में मुग़ल नोसेना के प्रधान सेनापति बने। सुल्तान औरंगज़ेब ने उन्हें जंजीरा का जागीरदार बना दिया और याकूत खान की उपाधि से सम्मानित किया। 1689 में मुग़ल-ब्रिटीश लड़ाइयों के दौरान क़ासिम याकुत खान ने बॉम्बे को घेर लिया था।[२][३]
इतिहास
अक्टूबर 1672 में क़ासिम याकूत खान ने मुम्बई के सभी द्वीपों में घुस गया और मराठों पर आक्रमण कर दिया। 10 अक्टूबर 1673 को पेन और नघोठने को नष्ट करके बापिस लोटा।[४]
क़ासिम याकुत खान ने पुर्तगालीयो को मराठों से बचाया। जिससे मुग़ल और पुर्तगालियों के बीच अच्छे सम्बंद बने।[५]
1686 में अंग्रेजों ने मुग़ल जहाज लूट लिए जिसके बदले में 1689 में क़ासिम याकुत खान ने बॉम्बे पर आक्रमण कर दिया और दक्षणी हिस्से को घेर लिया। इसके बाद सर जॉन चाइल्ड ने क़ासिम याकुत खान से माफी मांगी। 1690 में क़ासिम याकुत खान राजी हो गया और लड़ाई बन्द कर दी लेकिन इसके बदले में क़ासिम याकूत खान ने 150,000 रुपए लिए और समझौता हुआ।[६] 1690 में सर जॉन चाइल्ड मर गया और दुवारा से क़ासिम याकूत खान ने आक्रमण कर दिया।[७]
1690 में क़ासिम याकूत खान ने मज़गाएँ किला उड़ा दिया फिर से ब्रिटीश सरकार ने समझौता किया और क़ासिम याकूत खान ने 8 जून 1690 को सेना बापिस ली।[७] 1733 में क़ासिम याकूत खान की मृत्यु हो गई।[४]
सन्दर्भ
- ↑ The African dispersal in the Deccan: from medieval to modern times, By Shanti Sadiq Ali, Published by Orient Blackswan, 1996,Public Domain, ISBN 81-250-0485-8स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, ISBN 978-81-250-0485-1स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
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