करनाल शहर

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करनाल शहर

इतिहास

करनाल शहर की स्थापना राजा कर्ण द्वारा की गयी थी इसका जिक्र प्रशिद्ध महाभारत ग्रन्थ में स्पष्ट तौर पर मिलता है, सन 1739 में जब नादिर शाह ने करनाल में मुहम्मद शाह को हराया था तथा सन 1785 में मराठों ने करनाल में खुद को स्थापित कर लिया। इसके बाद सन 1863 में जींद के राजा गोपाल सिंह ने करनाल[१] पर कब्जा कर लिया था।

ऐतिहासिक स्थल कलंदर शाह का मकबरा कलंदर शाह का मकबरा शाह का मकबरा शहर में स्थित है। कब्र संगमरमर से बनी है जिसे मूर्तिकला से सजाया गया है। यह कब्र दिल्ली-सम्राट-गयासुदीन द्वारा बनवायी गयी थी। इसी के नाम पर शहर के एक द्वार का नाम कलन्दरी गेट के नाम से जाना जाता है।

सीता माई मंदिर सीता माई मंदिर करनाल जिला के सीतामाई गांव में स्थित एक प्राचीन मंदिर की अनूठी विशेषताएं हैं। यह शायद भारत में देवी सीता का एकमात्र मंदिर है। जैसा कि किंवदंती है, यह कहा जाता है कि सीता माई मंदिर वह सटीक स्थान है जहां धरती माता ने देवी सीता माता को निगल लिया था, जब उन्होंने अपनी पवित्रता साबित करनी थी। यह गांव करनाल -पिहोवा रोड पर करनाल से 25 किलोमीटर दूर पश्चिम में स्तिथ है। सीतामाई के पास गांव मोहड़ी में लकवा का झाड़ा लगवाने लोग आते हैं ऐसी मान्यता है कि यहाँ पर लकवा के मरीज़ ठीक हुए हैं।


एनडीआरआई

डेयरी अनुसंधान के लिए भारत के प्रमुख संस्थान में से एक करनाल शहर की शान है । यह संसथान खाद्य और दूध उत्पादों से संबंधित R&D में सर्वश्रेष्ठ में से एक हैं। यहाँ पर Dairy Engineering के छात्र की शिक्षा  है, तथा मवेशियों के यार्ड, मवेशियों की विभिन्न नस्लों, भैंस और बकरी, मशीनों के माध्यम से पशु आहार और स्वचालित दूध देने की प्रक्रिया को नियंत्रित करने के तरीकों से संस्थान में प्रयोग किया जाता है। NDRI परिसर के अंदर डेयरी की खुदरा दुकान है जहा पर कोई भी विभिन्न डेयरी उत्पादों जैसे पनीर, मक्खन, खोआ और गाढ़ा दूध आदि  खरीद सकता है इसके अलावा NDRI के प्रसंस्करण और पैकेजिंग को देखने के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है।
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नमस्ते चौक करनाल

उद्योग:

करनाल में वैसे तो छोटे बड़े हजारों उद्योग हैं पर मुख्यता कृषि उपकरण और दवा निर्माण के उद्योग ज्यादा संख्या में हैं। लिबर्टी फुटवियर शहर का सबसे बड़ा और विख्यात उद्योग है।  लिबर्टी की करनाल तथा घरौंडा में विनिर्माण इकाइयां हैं। 

सेक्टर -3 इंडस्ट्रियल एरिया करनाल[२] का सबसे बड़ा उद्योगिक क्षेत्र है। यहाँ पर हजारों छोटे और मध्यम आकार के उद्योग कार्य कर कर रहे हैं। यहाँ पर ज्यादा फार्मास्यूटिकल कंपनी हैं। इसके अलावा बहुत सारे कृषि उपकरण के कारखाने भी यही पर कार्यरत हैं, यहाँ से पुरे भारत तथा अन्य एशिआई देशों में कृषि उपकरणों का निर्यात किया जाता है। करनाल अपने चावल उद्योग के लिए भी विख्यात है करनाल के तरावड़ी कसबे में बासमती चावल की काफी उन्नत किस्मे होती हैं जिनको देश विदेश में निर्यात किया जाता है। तरावड़ी चावल के मिल के लिए काफी प्रशिद्ध जगह है। यहाँ पर हर बड़ी चावल कंपनी का मिल है। जैसे इंडिया गेट और दुनार बासमती चावल।

विशिष्ट व्यक्तित्व : करनाल शहर में अति विशिष्ट व्यक्तित्व में सबसे बड़ा नाम उड़नपरी कल्पना चावला[३] का आता है जिसका जन्म 17 मार्च 1962 को कर्नल में हुआ था। कल्पना चावला की शुरुवाती शिक्षा करनाल में ही हुई थी। उन्हें बचपन से ही हवाई जहाज में बैठने का शौक था , पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से Aeronautical Engineering में डिग्री लेने पश्चात वो मास्टर डिग्री के लिए 1982 में अमेरिका चली गयी। वह पर उन्होंने मास्टर और पीएचडी की डिग्री हासिल की , वही पर उन्होंने जीन पिएरे हैरिसन नाम के व्यक्ति से शादी कर ली। 1 फरवरी 2003 में डिस्कवरी नमक स्पेस शटल के दुर्घटना गश्त होने के कारन उनकी मृत्यु हो गयी।

atal park karnal image

दूसरा बड़ा नाम है हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर[४] का जिनका जन्म करनाल नहीं है परन्तु यह उनकी कर्म भूमि अवश्य बन गयी है। 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में वो करनाल से विधायक बने और उन्ही को राज्य का मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उसके पश्चात 2019 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा की और से वही मुख्यमंत्री बने और इस तरह लगातार दो बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड भी बनाया। चौधरी भूपेंदर सिंह हूडा के बाद लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने वाले नेता बने। श्री मनोहर लाल खट्टर अब शठायी रूप से करनाल के प्रेम नगर में अपने घर में रहते हैं जबकि चंडीगढ़ में वो मुख्यमंत्री निवास में रहते हैं।