करज़ोक
साँचा:if empty Karzok, Korzok | |
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ग्राम | |
साँचा:location map | |
देश | साँचा:flag/core |
राज्य | जम्मू और कश्मीर |
ज़िला | लेह |
तहसील | लेह |
ऊँचाई | साँचा:infobox settlement/lengthdisp |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | १,२९१ |
• घनत्व | साँचा:infobox settlement/densdisp |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
२०११ जनगणना code | 899 |
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करज़ोक या कोरज़ोक (Korzok) भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के लद्दाख़ क्षेत्र के लेह ज़िले की लेह तहसील में स्थित एक गाँव है। यह रुपशू पठार पर त्सो मोरीरी (झील) के किनारे बसा हुआ है। इसकी ऊँचाई अलग स्रोतों में समुद्रतल से 15,075 फ़ुट (4,595 मीटर) से लेकर 14,995 फ़ुट (4,570 मीटर) ऊपर बताई जाती है, लेकिन किसी भी माप के अनुसार यह विश्व की उच्चतम मानव बस्तियों में से एक है। यहाँ करज़ोक मठ भी स्थित है जो द्रुकपा बौद्ध समुदाय से सम्बन्धित है।[१]
इतिहास
सन् 1947 तक, करज़ोक रुपशू क्षेत्र की राजधानी था और मध्य एशिया जाने वाले व्यापारी मार्गों पर स्थित था। यहाँ के एक राजा, रुपशू गोबा, ने इधर नौ पक्के घर बनवाये।[२]
आज गाँव में कई घर हैं और यहाँ रहने वाले चांगपा लोग बंजारों की जीवनी व्यतीत करते हुए गर्मियों के मौसम में यहाँ याक की खाल व बालों के तम्बू बनाकर कृषि करते हैं। इन तम्बुओं में धुआँ निकालने के लिए ऊपर की ओर छोटे रोशनदान बने होते हैं। चांगपा लोग बहुमूल्य पश्मीना ऊन और पुगा के चश्मों व अन्य स्रोतों से मिलने वाले नमक का व्यापार करके अन्न और अपनी आवश्यकताओं की अन्य चीज़ें ख़रीदते हैं। आधुनिकरण के साथ-साथ, गत कुछ वर्षों से करज़ोक में निर्माण हो रहा है और बंजर लोगों का जीवनचक्र भी परिवर्तित हो रहा है।[३]
चित्रदीर्घा
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चित्रदीर्घा
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
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