ओड़व ओड़व
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"जाति" शब्द राग में प्रयोग किये जाने वाले स्वरों की संख्या का बोध कराती है। रागों में जातियां उनके आरोह तथा अवरोह में प्रयोग होने वाले स्वरों की संख्या पर निर्धारित होती है। जिन रागों के आरोह में पाँच व अवरोह में भी पाँच स्वर प्रयोग होते हैं वे राग ओड़व ओड़व जाति के राग कहलाते हैं।