ओखी चक्रवात
बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान (आईएमडी पैमाना) | |
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श्रेणी 3 उष्णकटिबंधीय चक्रवात (SSHWS) | |
गठन | 29 नवंबर , 2017 |
व्यस्त | 6 डिसंबर , 2017 |
उच्चतम हवाएं | 3-मिनट निरंतर : 155 किमी/घंटा (100 मील प्रति घंटा) 1-मिनट निरंतर : 185 किमी/घंटा (115 मील प्रति घंटा) |
सबसे कम दबाव | 976 hPa (mbar); 28.82 inHg |
मौत | 318 कुल |
नुकसान | 920 मिलियन डोलर |
प्रभावित क्षेत्र | दक्षिण पश्चिम भारत, श्रीलंका और मालदीव |
2017 उत्तर हिंद महासागर चक्रवात मौसम का हिस्सा |
ओखी चक्रवात तूफान एक सक्रिय उष्णकटिबंधीय चक्रवात हैं। जोकि वर्तमान में भारत के दक्षिणी क्षेत्र में सक्रिय हैं, और 2015 के मेघ चक्रवात के बाद अरब सागर में मौजूद सबसे तीव्र हैं। 2017 के उत्तर हिंद महासागर का सबसे तेज़ तूफान, ओखी 29 नवंबर को श्रीलंका के पास अशान्त मौसम के क्षेत्र से उत्पन्न हुआ हैं। भूमि के निकटता ने इस तुफान को महत्वपूर्ण रूप से सुदृढ़ होने से को रोका हुआ था, हालांकि इसके अरब सागर में प्रवेश करते ही, अनुकूल परिस्थितियों के कारण 1 दिसंबर से इसमें तेजी देखे जाने लगी। अब तक, इस तुफान द्वारा कम से कम 26 लोग मारे गए हैं।[१]
मौसम संबंधी इतिहास
साँचा:storm path 20 नवंबर को, कीरोगी उष्णकटिबंधीय तूफान की शेष ऊर्जा से, थाईलैंड की खाड़ी के ऊपर एक नए निम्न दबाव वाले क्षेत्र का निर्माण होने लगा।[२] अगले कई दिनों के दौरान, यह प्रणाली धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बंगाल की खाड़ी में चली गई, लेकिन प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण तूफान सदृण नहीं हो पाया।[२] 29 नवंबर को, तूफान ने श्रीलंका के दक्षिण-पूर्वी तट से सदृण होना चालु हो गया, और आईएमडी ने तूफान को पहचानके रूप में BOB 07 नाम दिया।[३] इसकी बढ़ती ताकत के कारण आईएमडी ने जल्द ही इसे ओखी चक्रवर्ती तूफान का नाम दे दिया। तूफान भारत में स्थित एक उपोष्णकटिबंधीय रिज की दक्षिणी परिधि के आसपास पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर चलने लगा।[४] 1 दिसंबर तक तूफान पश्चिम की ओर बढ़ते हुए एक तीव्र चक्रवात तूफान में बदल गया था।[५] जैसे ही ओखी अरब सागर में आगे बढ़ता गया[६], यह 31 डिग्री सेल्सियस (89 डिग्री फ़ारेनहाइट) समुद्री सतह के तापमान और कम हवा के दबाव के साथ घूम रहा था; और अब इसे सैटेलाइट द्वार एक 23 मील (37 किमी) के केन्द्र को साफ देखा जा सकता था।[७]
वर्तमान तूफान की जानकारी
2 दिसंबर 11:30 आईएसटी (06:00 यूटीसी) में , ओखी चक्रवात तूफान साँचा:coord के पास , मिनाइकय से लगभग 280 किमी (170 मील) उत्तर-पश्चिम में और अमिनिदिवि से लगभग 240 किमी (150 मील) दक्षिण पश्चिम कि ओर स्थित हैं। अधिकतम 3 मिनट की निरंतर हवा की गति लगभग 150 किमी/घंटा (90 मील प्रति घंटा) हैं, जबकि 1 मिनट की निरंतर हवाओं की गति लगभग 155 किमी/घंटा (100 मील प्रति घंटे) हैं; भावावेग 165 किमी/घंटा (105 मील प्रति घंटे) तक पहुंच रहे हैं। न्यूनतम केंद्रीय दबाव का अनुमान 978 एचपीए (28.88 एचएचए) हैं। तूफान का ड्वोरैक टी-संख्या टी5.0 हैं, और यह पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर 10 किमी/घंटा (6.2 मील प्रति घंटे) में बढ़ रहा हैं।
अधिक नवीनतम जानकारी के लिए, देखें:
- आईएमडी द्वारा भारतीय तट के लिए नवीनतम उष्णकटिबंधीय चक्रवात चेतावनी (अंग्रेजी में)
- आरएसएमसी, नई दिल्ली द्वारा नवीनतम उष्णकटिबंधीय चक्रवात सलाह (अंग्रेजी में)
- आईएमडी उष्णकटिबंधीय चक्रवात पूर्वानुमान ट्रैक नक्शे (अंग्रेजी में)
- जेटीडब्ल्यूसी द्वारा नवीनतम उष्णकटिबंधीय चक्रवात चेतावनी (अंग्रेजी में)साँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- जेटीडब्ल्यूसी उष्णकटिबंधीय चक्रवात पूर्वानुमान ट्रैक नक्शे (अंग्रेजी में)
तैयारी
ज्वारीय लहर के हमले से बचने के लिये लगभग 220 परिवारों को कोच्चि के तटीय इलाकों से विस्थापित किया गया।[८] मुख्य रूप से पुन्थेथुदोउ और बाजार क्षेत्र के करीब 100 घर, डुब जाने के कारण स्कूलों को पुनर्वास शिविरों में बदल दिये गए हैं। चेलानम के 180 परिवार, कन्नमली के 17 और एडवानकाडु के 18 परिवारों को पुनर्वास केन्द्रों में स्थानांतरित कर दिया गया और शिविरों में दवा और भोजन सहित सभी आवश्यक उपलब्ध कराए जा रहे हैं।[८]
प्रभाव
श्री लंका
एक कम द्वाब के इस प्रणाली के कारण श्रीलंका में भारी वर्षा हुई, जिससे कम से कम 15 लोग मारे गए और 200,000 लोगों अपने स्थान से विस्थापित करना पड़ा।[९] श्री लंका के आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार, 16 जिलों के लगभग 77,000 लोग प्रभावित हुए हैं, जिसमें दक्षिणी तट सबसे अधिक प्रभावित हुआ हैं।[१०] 2 दिसंबर, 2017 को, चक्रवात श्रीलंका से भारत कि ओर मुड़ गया हैं।[११]
भारत
भारत में, केरल और तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों के लोग इस चक्रवात से प्रभावित होने वाले पहले थे।[११] एक प्रचंड़ तुफान के रूप में, यह चक्रवात तमिलनाडु[१२] और केरल के तट पर आ धमका, और यहाँ के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुँचाते हुए करीब 15 लोगों की जान ले ली।[१३] इस चक्रवात में अनुमानित 14 लोग मारे गये हैं, और कई अन्य लोग लापता हैं।[१४] 2 दिसंबर 2017 को, चक्रवात लक्षद्वीप तक पहुँच गया।[१०] एक्युवैदर के मुताबिक, गुजरात में भी बारिश की संभावना हैं।[१५]
भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल ने लक्षद्वीप के तटीय क्षेत्रों में फंसे मछुआरों के लिए एक खोज अभियान चलाया हैं। 223 लोगों को बचाया गया, जबकी कुछ शव भी पाए गए हैं।[१०][१६] केरल के एरनाकुलम जिले के तटीय क्षेत्रों में चक्रवात से कफी प्रभावित हैं। लगभग 2,648 लोगों को कोच्चि के बाहर सात आश्रयों में रखा गया हैं।[१७] चक्रवात के 3-4 दिसंबर 2017 से पाकिस्तान के तटीय इलाकों की ओर बढ़ने की संभावना हैं।[१८]
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ अ आ साँचा:cite web
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