ए टेल ऑफ़ टू सिटीज़

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

साँचा:otheruses

A Tale of Two Cities  
Tales serial.jpg
Cover of serial Vol. V, 1859
लेखक Charles Dickens
चित्र रचनाकार Hablot Knight Browne (Phiz)
आवरण कलाकार Hablot Knight Browne (Phiz)
देश United Kingdom
भाषा English
श्रृंखला Weekly: 30 अप्रैल 1859 - 26 नवम्बर 1859[१]
प्रकार Novel
Historical
Social criticism
प्रकाशक London: Chapman & Hall
प्रकाशन तिथि 1859
मीडिया प्रकार Print (Serial, Hardback, and Paperback)
आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ N/A
ओ॰सी॰एल॰सी॰ क्र॰ 21196349
पूर्ववर्ती Little Dorrit
उत्तरवर्ती Great Expectations
लाइब्रेरी ऑफ़ कॉंग्रेस
वर्गीकरण
PR4571.A2 S56 1990

साँचा:italic titleसाँचा:main other

ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़ , फ़्रांसीसी क्रांति के पहले और दौरान पेरिस और लंदन की पृष्ठभूमि में रचित (1859) चार्ल्स डिकेन्स द्वारा लिखित उपन्यास है।

इसकी 200 मिलियन से अधिक प्रतियां बिक चुकी हैं, यह सबसे अधिक मुद्रित मूल अंग्रेज़ी पुस्तक है और उपन्यास विधा की सबसे प्रसिद्ध कृति.[२]

उपन्यास में फ़्रेंच अभिजात्य वर्ग से हतोत्साहित फ़्रांस के कृषकों की दशा जिसके कारण क्रांति ने जन्म लिया, क्रांति के शुरुआती वर्षों में क्रांतिकारियों द्वारा पूर्व अभिजात्य वर्ग के प्रति क्रूरता और उसी अवधि के दौरान लंदन में जीवन की अनेक विषम सामाजिक समानताएं वर्णित हैं। उपन्यास इन घटनाओं के माध्यम से कई नायकों के जीवन का अनुसरण करता है, विशेषकर कभी अभिजात्य वर्ग के रह चुके एक फ़्रांसीसी चार्ल्स डारने के जो अपने भले स्वभाव के बावजूद क्रांतिकारियों के अंधाधुंध क्रोध का शिकार होता है और सिडनी कार्टन, एक व्यस्त ब्रिटिश बैरिस्टर जो डारने की पत्नी, लूसी मैनेट से एकतरफ़ा प्यार करके अपने व्यर्थ गंवाए हुए जीवन को सुधारने का प्रयास करता है।

उपन्यास साप्ताहिक किश्तों (उनके अधिकांश अन्य उपन्यासों के विपरीत मासिक में नहीं) में प्रकाशित हुआ था। पहली किस्त 30 अप्रैल 1859 को डिकेन्स के साहित्यिक आवधिक All the Year Round के पहले अंक में जारी हुई, इकतीसवीं और अंतिम उसी साल 25 नवम्बर को जारी हुई।

कथानक सारांश

पहली पुस्तक: जीवन का स्मरण (Book the First: Recalled to Life)

साँचा:cquote

उपन्यास की पहली पुस्तक वर्ष 1775 में घटित होती है। जार्विस लॉरी, बैंक टेलसन का एक कर्मचारी डॉ॰ एलेक्सेंडर मैनेट को लंदन लाने के लिए इंग्लैंड से फ़्रांस की यात्रा कर रहा है फ़्रांस में प्रवेश से पहले, वह डॉवर में सत्रह वर्षीय लूसी मैनेट से मिलता है और उसे बताता है कि उसके पिता डॉ॰ मैनेट मरे नहीं है, जैसा कि उसे बताया गया था बल्कि वह पिछले 18 सालों से बैस्टिली में बंदी हैं।

लॉरी और लूसी पेरिस के एक उपनगर, सेंट एन्टॉइन को जाते हैं और मस्यूर अर्नेस्ट और मैडम थिरेस डिफ़ार्गे से मिलते हैं। डिफ़ार्गे परिवार एक शराब की दुकान चलाते हैं जिसे वे चोरी से क्रांतिकारियों के एक बैंड का नेतृत्व करने के लिए इसेतमाल करते हैं जो एक दूसरे को "जैक्स" (जो डिकेन्स ने एक वास्तविक फ़्रेंच क्रांतिकारी समूह जैकेरी के नाम से लिया है) के कूटनाम से संबोधित करते हैं।

मस्यूर डिफ़ार्गे (जो मैनेट कारावास से पहले डॉ॰ मैनेट के नौकर थे और अब उसकी देखभाल करते हैं) उन्हें डॉक्टर को दिखाने के लिए ले जाते हैं। लंबे समय के कारावास के कारण डॉ॰ मैनेट ऐसी मनोविकृति का शिकार हो गया है जिससे उस पर जूते बनाने का जुनून सवार हो जाता है, यह हुनर उसने कैद में सीखा था। पहले पहल, वह अपनी बेटी को नहीं पहचानता फिर अंततः वह उसके लंबे सुनहरे बालों की तुलना उसकी माँ (जो वह अपनी आस्तीन पर पाता है जब उसे बंदी बनाया गया था) से करता है और उसके जैसी, आँखों का नीला रंग देखता है। लॉरी और लूसी तब उसे इंग्लैंड वापस ले जाते हैं।

दूसरी पुस्तक: सुनहरी धागा (Book the Second: The Golden Thread)

पांच साल बाद, फ़्रेंच उत्प्रवासी चार्ल्स डारने पर ओल्ड बेली में राजद्रोह के लिए मुकदमा चलाया जा रहा है। दो ब्रिटिश जासूस, जॉन बरसाड और रॉजर क्लाइ, अपने स्वयं के लाभ के लिए निर्दोष डारने को फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका दावा है कि डारने, एक फ़्रांसीसी ने उत्तरी अमेरिका में ब्रिटिश सैनिकों के बारे में फ़्रांस को जानकारी दी। डारने तब बरी हो जाता है जब एक गवाह जिसका दावा था कि वह डारने को पहचान सकता है किन्तु अदालत में मौजूद बैरिस्टर (डारने के पक्ष वाला नहीं), सिडनी कार्टन जो संयोग से उस जैसा ही दिखता है उसमें और डारने में अंतर नहीं कर सकता.

पेरिस में, मारकिस सेंट एवरमॉन्ड (मॉसेन्यूर), डारने का चाचा, एक किसान गैस्पर्ड के बेटे को कुचलकर मार देता है और क्षतिपूर्ति के रूप में गैस्पर्ड की ओर एक सिक्का उछाल देता है। मस्यूर डिफ़ार्गे गैस्पर्ड को दिलासा देता है। जब मारकिस की बग्घी आगे बढ़ जाती है तो डिफ़ार्गे सिक्का वापस बग्घी में फेंक देता है जिससे मारकिस को क्रोध आ जाता है।

अपने महलपहुँचकर मारकिस अपने भतीजे:चार्ल्स डारनेसे मिलता है। (डारने का वास्तविक उपनाम एवरमॉन्ड है, अपने परिवार से घृणा करने के कारण, डारने अपनी माँ का मायके का नाम डी'ऑल्नैस रख लेता है।[३]) उनका तर्क है: डारने को कृषकों से सहानुभूति है जबकि मारकिस क्रूर और बेरहम है:

"दमन ही एकमात्र स्थायी दर्शन है। "डर और गुलामी का काला सम्मान, मेरे दोस्त," मारकिस कहता है,

"कुत्ते को तबतक कोड़े के अधीन रखेगा जबतक इस छत से" ऊपर की ओर देखते हुए, "आकाश दिखाई नहीं देता."[४]

उस रात, गैस्पर्ड (जो बग्घी के नीचे लटककर मारकिस का पीछा करते हुए उसके महल पहुँच जाता है) सोते हुए मारकिस की हत्या कर देता है। पीछे एक पुर्जा छोड़ देता है कि, "इसे जल्दी से इसकी कब्र तक ले जाओ. यह जैक्स की ओर से है।"[५]

लंदन में, लूसी से शादी करने के लिए डारने को डॉ॰ मैनेट की अनुमति मिल जाती है। लेकिन कार्टन भी लूसी के प्रति अपना प्यार कबूल करता है। यह जानते हुए कि वह उसे प्यार नहीं करती, कार्टन "तुम्हारे लिए और तुम्हें प्रिय लोगों के लिए हर कुर्बानी देने का" वादा करता है।[६]

शादी की सुबह, डॉ॰ मैनेट के अनुरोध पर डारने अपने परिवार के बारे में बताता है, जो बात उसने अब तक छुपा रखी थी। इससे डॉ॰ मैनेट पागल हो जाता है और उस पर फिर से जूते बनाने का भूत सवार हो जाता है। लूसी की हनीमून से वापसी से पहले उसका दिमागी संतुलन ठीक हो जाता है लॉरी उसका जूते बनाने वाला वह बेंच नष्ट कर देता है जो डॉ॰ मैनेट अपने साथ पेरिस से लाया था ताकि उस पर दोबारा दौरा न पड़े.

14 जुलाई 1789 है। डिफ़ार्गे परिवार बैस्टिली पर धावा बोलने में मदद करता है। डिफ़ार्गे डॉ॰ मैनेट की पुरानी कोठरी, "एक सौ पांच, उत्तरी टॉवर" में प्रवेश करता है।[७]

पाठक को पुस्तक 3, अध्याय 9 तक पता नहीं चलता कि मस्यूर डिफ़ार्गे को किसकी तलाश है। (यह एक बयान है जिसमें डॉ॰ मैनेट बताता है कि उसे क्यों कैद किया गया था।)

1792 की गर्मियों में, एक पत्र है टेलसन बैंक पहुंचता है। श्री लॉरी, जो टेलसन की फ़्रेंच शाखा को बचाने के लिए पेरिस जाने की योजना बना रहे हैं, घोषणा करते हैं कि पत्र एवरमॉन्ड को संबोधित है। कोई नहीं जानता कि एवरमॉन्ड कौन है क्योंकि डारने ने इंग्लैंड में अपना असली नाम गुप्त रखा हुआ है। डारने यह कहकर पत्र ले लेता है कि एवरमॉन्ड उसका परिचित है। वह पत्र पूर्व मारकिस के एक नौकर गैबेल द्वारा भेजा गया होता है। गैबेल को कैद कर दिया गया है और वह नए मारकिस को उसकी सहायता करने के लिए आने का अनुरोध करता है। डारने, जो स्वंय को दोषी मानता है, गैबेल की मदद करने के लिए पेरिस रवाना हो जाता है।

तीसरी पुस्तक: तूफ़ान के पदचिह्न (Book the Third: The Track of a Storm)

"द सी राइज़िज़","फ़िज़" द्वारा पुस्तक 2, अध्याय 21 का दृष्टांत वर्णन

फ़्रांस में डारने पर फ़्रांस त्यागकर जाने का आरोप लगता है और पेरिस में ला फ़ोर्स जेल में कैद कर लिया जाता है।[८] डॉ॰ मैनेट और लूसी मिस प्रॉस, जेरी क्रंचर और चार्ल्स व लूसी डारने की बेटी "लिटल लूसी" के साथ-पेरिस आते हैं और डारने को स्वतंत्र कराने के प्रयास में श्री लॉरी से मिलते हैं। एक साल और तीन महीने बीतने के बाद अंततः डारने पर मुकदमा चलाया जाता है।

डॉ॰ मैनेट, जिसे बंदी बनाए जाने के कारण बदनाम बैस्टिली में नायक के रूप में देखा जा रहा है उसे रिहा करवाने में सफल हो जाता है। लेकिन उसी शाम डारने को फिर गिरफ़्तार कर लिया जाता है और डिफ़ार्गे परिवार और एक "किसी अज्ञात" द्वारा लगाए नए आरोपों के कारण अगले दिन फिर से मुकदमा चलाया जाता है। हमें जल्द ही उसके बयान की गवाही से पता चलता है कि यह दूसरा डॉ॰ मैनेट है ([उसकी] कैद के दसवें वर्ष के आखिरी महीने में बैस्टिली में लिखा गया उसके अपने कारावास का बयान"), मैनेट नहीं जानता कि उसका बयान मिल गया है और जब उसके शब्दों को डारने की निंदा करने के लिए प्रयोग किया जाता है तो वह घबरा जाता है।

किसी काम पर, मिस प्रॉस अपने गुमशुदा भाई सॉलॉमन प्रॉस को देखकर चकित हो जाती है लेकिन प्रॉस नहीं चाहता कि उसे पहचाना जाए. अचानक सिडनी कार्टन प्रकट होता है (अंधेरे में से निकलते हुए जैसे वह लंदन में डारने के पहले मुकदमे के बाद आता है) और सॉलॉमन प्रॉस को जॉन बरसाड के रूप में पहचानता है, उन लोगों में से एक जिन्होंने लंदन में पहले मुकदमे में डारने को राजद्रोह के लिए फासंने की कोशिश थी।

कार्टन धमकी देता है कि वह सॉलॉमन की शिनाख्त अपनी सुविधानुसार फ़्रांस या ब्रिटेन के लिए जासूसी करने वाले एक अंग्रेज़ और मौक़ापरस्त के रूप में कर देगा।

अगर यह बता दिया गया तो सॉलॉमन को निश्चित रूप से मार दिया जाएगा, इस तरह कार्टन का पलड़ा भारी है।

अधिकरण में डारने का सामना मस्यूर डिफ़ार्गे से होता है जो मारकिस सेंट एवरमॉन्ड के रूप में डारने की पहचान करता है और बैस्टिली में अपने कक्ष में छिपाए हुए डॉ॰ मैनेट के पत्र पढ़ता है।

डिफ़ार्गे एवरमॉन्ड के रूप में डारने की पहचान कर सकता है क्योंकि पुस्तक 2, अध्याय 16 में डिफ़ार्गे परिवार की शराब की दुकान पर जब बरसाड जानकारी इकट्ठी कर रहा था तो बरसाड ने उसे डारने की पहचान बतायी थी।

पत्र में वर्णन किया गया है कि किस तरह एक किसान परिवार के खिलाफ़ उनके अपराधों की रिपोर्ट की कोशिश करने के लिए मृतक मारकिस एवरमॉन्ड (डारने के पिता) और उसके स्वंय के जुड़वां भाई (पुस्तक में शुरू में जिसके पास मारकिस का खिताब होता है और डारने के चाचा गैस्पर्ड के हाथों जिसकी मौत होती है) द्वारा डॉ॰ मैनेट को बैस्टिली में बंद कर दिया गया था। छोटा भाई एक लड़की पर मुग्ध हो गया था। उसने उसका अपहरण किया, उसके साथ बलात्कार किया और उसके पति को मार दिया, जिसकी खबर मिलने पर उसके पिता की मृत्यु हो गई और उसके सम्मान की रक्षा की लड़ाई में उसका भाई मारा गया। जिस किसान स्त्री का बलात्कार हुआ था उसके भाई ने मरने से पहले परिवार के अंतिम सदस्य, अपनी छोटी बहन को, "कहीं सुरक्षित" छिपा दिया था। लेख के अंत में एवरमॉन्ड परिवार, "उनकी और उनके वंशज, नस्ल के अंतिम व्यक्ति" की निंदा की गई है।[९] डॉ॰ मैनेट भयभीत हो उठता है लेकिन उसके विरोध की उपेक्षा कर दी जाती है-उसे अपनी निंदा वापस लेने की अनुमति नहीं है। डारने को कॉनसेरजरी भेज दिया जाता है और अगले दिन गिलोटिन की सज़ा सुना दी जाती है।

कार्टन डिफ़ार्गे परिवार की शराब की दुकान में चला जाता है जहां वह डारने के बाकी के परिवार (लूसी और "लिटल लूसी") को प्रताड़ित करने की मैडम डिफ़ार्गे की योजनाओं के बारे में सुन लेता है।

कार्टन को पता चलता है कि मैडम डिफ़ार्गे उस किसान परिवार की जीवित बची बहन थी जिसे एवरमॉन्ड परिवार ने नष्ट किया था। कथानक की एकमात्र जानकारी जिससे मैडम डिफ़ार्गे के लिए कोई सहानुभूति उत्पन्न हो सकती है वह है कि उसका परिवार खो चुका है और कि उसका कोई (पारिवारिक) नाम नहीं है।

"डिफ़ार्गे" उसकी शादी के बाद का नाम है और डॉ॰ मैनेट को उसके परिवार का नाम नहीं पता चल पाता यद्यपि वह उसकी मर रही बहन से पूछता है।[१०] जब डॉ॰ मैनेट रात भर चार्ल्स को बचाने के विफल प्रयासों से हताश होकर अगली सुबह लौटता है तो उस पर जूते बनाने का पागलपन फिर सवार हो जाता है।

कार्टन लॉरी को लूसी, उसके पिता और "लिटल लूसी" के साथ पेरिस से पलायन करने का आग्रह करता है।

उसी सुबह कार्टन जेल में डारने से मुलाकात करता है। कार्टन डारने को दवा से बेहोश कर देता है और बरसाड (जिसे कार्टन ब्लैकमेल कर रहा है) डारने को जेल से बाहर लाता है। कार्टन- जो इतना ज़्यादा डारने के समान दिखता है कि इंग्लैंड में डारने के मुकदमे में एक गवाह उनमें अंतर नहीं बता सकता-डारने होने का नाटक करने का और उसके स्थान पर मरने का फ़ैसला करता है।

ऐसा वह लूसी के प्यार की खातिर, उसे पहले दिए गए अपने वादे को याद करके करता है। कार्टन के पहले निर्देशों का पालन करते हुए डारने का परिवार और लॉरी बग्घी में एक बेहोश आदमी जिसके पास पहचान पत्र कार्टन के हैं लेकिन वास्तव में डारने है, के साथ पेरिस और फ़्रांस से पलायन कर जाते हैं।

इस बीच मैडम डिफ़ार्गे, एक पिस्तौल से लैस, लूसी परिवार के निवास पर उन्हें डारने के लिए शोक करते हुए पकड़ने की उम्मीद में जाती है (क्योंकि गणतंत्र के शत्रु के साथ सहानुभूति या उसके लिए शोक करना गैरकानूनी था) लेकिन लूसी, उसका बच्चा, डॉ॰ मैनेट और श्री लॉरी पहले से ही जा चुके हैं।

उन्हें बचाव का समय देने के लिए, मिस प्रॉस मैडम डिफ़ार्गे से भिड़ जाती है और उनमें संघर्ष होता है। प्रॉस केवल अंग्रेज़ी और डिफ़ार्गे केवल फ़्रेंच ही बोलती है, इसलिए कोई भी एक दूसरे की बात नहीं समझ सकता. लड़ाई में, मैडम डिफ़ार्गे की पिस्तौल चल जाती है, उसकी मौत हो जाती है; शॉट के शोर और मैडम डिफ़ार्गे की मौत के सदमे के कारण मिस प्रॉस स्थायी रूप से बहरी हो जाती है।

उपन्यास सिडनी कार्टन को गिलोटीन करने के साथ समाप्त होता है। कार्टन के अंतिम विचार भविष्यवाणी करते हैं:[११] कार्टन को दिखाई दे जाता है कि डिफ़ार्गे, बरसाड और द वेन्जेंस (मैडम डिफ़ार्गे का एक लेफ्टिनेंट) सहित कई क्रांतिकारियों को खुद को गिलोटिन करने के लिए भेजा जाएगा और कि डारने और लूसी का एक बेटा होगा जिसका नाम वे कार्टन के नाम पर रखेंगे: बेटा जो कि कार्टन द्वारा अधूरे छोड़े गए सभी वादे पूरा करेगा.

पुस्तक की शुरुआत में लूसी और डारने का पहला बेटा पैदा होता है और एक ही पैरा के भीतर मर जाता है।

यह संभावना है कि यह पहला बेटा उपन्यास में इसलिए आता है ताकि कार्टन के नाम वाला उनका दूसरा बेटा एक और तरीके का प्रतिनिधित्व कर सके जिसमें अपने बलिदान के माध्यम से कार्टन लूसी और डारने को पुनर्स्थापित करता है।[१२]

साँचा:cquote

विश्लेषण

ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़ चार्ल्स डिकेन्स के मात्र दो ऐतिहासिक उपन्यासों में से एक है (दूसरा बार्नबी रज है).

चार्ल्स डिकेन्स के एक विशिष्ट उपन्यास की तुलना में इसमें कम पात्र और उप-कथानक हैं।

लेखक का प्राथमिक ऐतिहासिक स्रोतThe French Revolution: A History थॉमस कार्लाइल द्वारा था: टेल की प्रस्तावना में चार्ल्स डिकेन्स ने लिखा कि "कोई श्री कार्लाइल की अद्भुत पुस्तक[१३] के दर्शन में कुछ भी जोड़ने की आशा नहीं कर सकता" कार्लाइल का विचार कि इतिहास विनाश और पुनर्जीवन के चक्र से गुज़रता है, ने उपन्यास पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला, सिडनी कार्टन के जीवन और मृत्यु द्वारा विशेष रूप से अच्छी तरह से चित्रित किया गया है।


भाषा

डिकेन्स अंग्रेज़ी बोलने में असमर्थ पात्रों के लिए फ़्रांसीसी मुहावरों के शाब्दिक अनुवाद का उपयोग करते हैं जैसे, "उस गैली में तुम क्या करते हो?!!"

और "मेरे पति कहां है? --- यहाँ आप मुझे देखते हैं।" उपन्यास के पेंगुइन क्लासिक्स संस्करण में नोट दिया गया है कि "सभी पाठकों ने प्रयोग को कामयाब नहीं माना है।"[१४]

हास्य

डिकेन्स अपने हास्य के लिए विख्यात हैं लेकिन ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़ उनकी सबसे कम हास्यकारक पुस्तक है। बहरहाल, जेरी क्रंचर, मिस प्रॉस और श्री स्ट्राइवर कॉमेडी प्रदान करते हैं। विभिन्न दृष्टिकोणों को दर्शाने के लिए डिकेन्स पुस्तक में व्यंग्य का उपयोग हास्य के रूप में करते हैं।


पुस्तक दुखद परिस्थितियों से भरी है इसलिए इसमें डिकेन्स के हास्य के लिए ज़्यादा जगह नहीं है।

=

विषय-वस्तु

"जीवन को वापसी"

डिकेन्स के इंग्लैंड में, पुनर्जीवन निश्चित रूप से सदैव एक ईसाई संदर्भ में होता है। मोटे तौर पर, सिडनी कार्टन की आत्मा उपन्यास के अंत में पुनर्जीवित की जाती है (चूंकि यह एक विडंबना है कि वह भी डारने को बचाने के लिए अपने भौतिक जीवन का त्याग करता है-जैसे कि ईसाई विश्वास के अनुसार मसीह ने सब लोगों के पापों के लिए मृत्यु को गले लगाया.)

और अधिक साकार रूप से, "पहली पुस्तक" डॉ॰ मैनेट की क़ैद में जीवित मौत से लेकर पुनर्जन्म से संबंधित है।

पुनर्जीवन पहली बार तब प्रकट होता है जब श्री लॉरी जेरी क्रंचर के संदेश का उत्तर "जीवन को वापसी" शब्दों के साथ देते हैं।

श्री लॉरी की डॉवर को बग्घी की सवारी के दौरान भी पुनर्जीवन प्रकट होता है, जब वह लगातार डॉ॰ मैनेट के साथ परिकल्पित बातचीत पर मनन करता है: ("दफ़न कब से?"

"लगभग अठारह वर्ष." ... "आपको पता है कि आपको जीवन स्मरण कर रहा है?" "वे मुझसे ऐसा कहते हैं।") उनका मानना है कि वह डॉ॰ मैनेट की पुनर्जीवित होने में मदद कर रहे हैं और वह कल्पना करते हैं कि वह खुद "खुदाई" करके डॉ॰ मैनेट को कब्र से निकाल रहे हैं।

पुनर्जीवन उपन्यास का मुख्य विषय है। पुनर्जीवन को एक विषय-वस्तु के रूप में पहले पहल डॉ॰ मैनेट के बारे में जार्विस लॉरी के विचारों में देखा जाता है।

यही अंतिम विषय-वस्तु भी है: कार्टन का बलिदान. डिकेन्स मूलतः पूरे उपन्यास को रीकॉल्ड टू लाइफ़ का नाम देना चाहते थे।

(लेकिन यह उपन्यास की पहली तीन "पुस्तकों" का शीर्षक बन गया।)

जेरी भी इस आवर्ती विषय-वस्तु का हिस्सा है: वह स्वंय मृत्यु और पुनर्जीवन में इस तरीके से शामिल है कि पाठक को अभी तक पता नहीं चलता. इसका पहला पूर्वाभास उसकी अपने लिए की गई टिप्पणी में मिलता है: "जेरी, अगर जीवन को वापसी का फैशन चल निकला तो तुम्हारी तो चांदी हो जाएगी!" इस बयान का मलिन हास्य बहुत बाद में स्पष्ट होता है। पांच साल बाद, एक अंधेरी और बादलों भरी रात (जून 1780 में[१५]), श्री लॉरी जेरी से यह कहकर कि "यह बहुत-कुछ ...मृतकों को कब्र से बाहर लाने की रात है," रहस्यात्मकता में पाठक की रुचि को पुनर्जागृत करते हैं। जेरी दृढ़ता से जवाब देता है कि उसने रात को कभी ऐसा करते नहीं देखा है।[१६]

पता लगता है कि पुनर्जीवन की विषय-वस्तु के साथ जेरी क्रंचर की भागीदारी यही है कि वह विक्टोरियन भाषा में कहा जाने वाला "पुनर्जीवन देने वाला मनुष्य" है, वह जो चिकित्सा से जुड़े लोगों को बेचने के लिए (अवैध रूप से) शवों को खोद निकालता है (उस समय अध्ययन करने के लिए शवों की खरीद-फ़रोख्त का कोई कानूनी रास्ता नहीं था).

निस्संदेह, पुनर्जीवन का विलोम मृत्यु है। मृत्यु और पुनर्जीवन उपन्यास में अक्सर दिखाई देते हैं। डिकेन्स इस बात से रुष्ट हैं कि फ़्रांस और इंग्लैंड में अदालतें तुच्छ अपराधों के लिए मौत की सज़ा दे देती हैं। फ़्रांस में किसी कुलीन की झक पर बिना कोई मुकदमा किए किसानों को मौत के घाट तक उतार दिया जाता है।

मारकिस सहर्ष डारने से कहता है कि "अगले कमरे में (मेरे बेडरूम में), एक आदमी को... उसकी बेटी से किसी स्वादिष्ट भोजन के बारे में गुस्ताखी से बात करने के लिए - उसकी बेटी के सम्मान में स्थल पर ही छुरा भोंक दिया गया था।"[१७]

मज़े की बात है, मिस प्रॉस और श्री लॉरी द्वारा डॉ॰ मैनेट के जूता बनाने वाले बेंच को नष्ट किए जाने को "शरीर जलाने" के रूप में वर्णित किया गया है।[१८] यह स्पष्ट लगता है कि यह एक दुर्लभ मामला है जहां मृत्यु या विनाश (पुनर्जीवन के विपरीत) का सकारात्मक अर्थ है क्योंकि "जलना" डॉक्टर को उसके लंबे कारावास की स्मृति से मुक्त करने में मदद करता है।

लेकिन दयालु और औपचारिक कार्य का इस तरह डिकेन्स का वर्णन बहुत

अजीब है:

"द एकॉम्पलिस", "फ़िज़" द्वारा पुस्तक 2, अध्याय 21 का दृष्टांत वर्णन

सच्चे मन को विनाश और गोपनीयताइतनी खलती है कि अपना काम करते हुए और इसके निशान मिटाने में लगे श्री लॉरी और मिस प्रॉस को ऐसा महसूस होता है और वे ऐसे प्रतीत होते हैं मानो किसी अपराध में संलिप्त हों.[१९]

सिडनी कार्टन की शहादत उसे अतीत में किए गए उसके सभी गलत कामों से मुक्त करती है। अपने जीवन के अंतिम कुछ दिनों के दौरान मसीह के राहत देने वाले शब्दों, "मैं पुनर्जीवन और जीवन हूँ" को दोहराते हुए वह भगवान को भी ढूँढता है।[२०] पुनर्जीवन उपन्यास के अंतिम भाग की प्रमुख विषय-वस्तु है। डारने को अंतिम क्षण में बचा लिया जाता है और जीवन के लिए वापस बुला लिया जाता है, कार्टन अपने जीवन से बेहतर जीवन के स्थान पर मौत और पुनर्जीवन को चुनता है: "वह बेहद शांत आदमी का चेहरा था।.. वह उदात्त और देव समान दिख रहा था".

व्यापक अर्थ में, उपन्यास के अंत में डिकेन्स को फ़्रांस में पुराने की राख से

एक पुनर्जीवित सामाजिक व्यवस्था की उम्मीद दिखती है।

जल

अनेक ठेठ युनियन परंपरा वाले हैंस बीडरमन से सहमत होंगे जो लिखता है कि जल "अचेतन की समस्त ऊर्जा का बुनियादी प्रतीक है-वह ऊर्जा जो अपनी उचित सीमा लांघ जाने पर खतरनाक भी हो सकती है (अक्सर आने वाला सपने का अनुक्रम)."[२१]

यह प्रतीकवाद डिकेन्स के उपन्यास को रास आता हैः ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़ में अक्सर जल का बिम्ब किसानों की भीड़ के बढ़ते क्रोध का प्रतीक है, ऐसा क्रोध जिससे कुछ हद तक डिकेन्स सहानुभूति रखते हैं लेकिन अंततः इसे तर्कहीन और पाशविक भी मानते हैं।

पुस्तक के प्रारंभ में डिकेन्स यह लिखकर यही बताते हैं,"समुद्र ने वही किया जो उसे पसंद है और उसे विनाश पसंद था।"[२२] यहाँ समुद्र भीड़ या क्रांतिकारियों के आने का प्रतिनिधित्व करता है। जब गैस्पर्ड मारकिस की हत्या कर देता है, उसे "वहां चालीस फुट की ऊंचाई पर फांसी पर लटकाया जाता है-और लटकता छोड़ दिया जाता है, जल को विषाक्त करते हुए."[२३]


कुएं की विषाक्तता गैस्पर्ड के वध से किसानों की सामूहिक भावना पर पड़े कटु प्रभाव का प्रतिनिधित्व करती है।

गैस्पर्ड की मृत्यु के बाद, बैस्टिली पर धावे का नेतृत्व (कम से कम सेंट एन्टॉइन के इलाके से) डिफ़ार्गे परिवार द्वारा किया जाता है, "चूंकि उबलते पानी के भँवर का केंद्र बिंदु होता है इसलिए यह सब प्रकोप डिफ़ार्गे की शराब की दुकान के चारों ओर परिक्रमा करता है और भंवर की ओर खिंचने की प्रवृत्ति कड़ाही की हर मानवी बूंद में थी।.."[२४]

भीड़ की एक समुद्र के रूप में कल्पना की गई है। "ऐसी गर्जन के साथ जिससे लगे मानो कि फ़्रांस की समस्त सांस ने एक घिनौने शब्द [शब्द बैस्टिली ] का रूप ले लिया हो, सजीव समुद्र में लहर पर लहर, गहराई पर गहराई का उफ़ान आया और शहर को जलमग्न कर गया।.."[२४]

डारने के जेलर को "भद्दे ढ़ंग से फूले चेहरे और शरीर वाला आदमी जो मानो डूब गया हो और पानी से भर गया हो" के रूप में वर्णित किया गया है।

बाद में, आतंक के शासनकाल के दौरान, क्रांति "इतना अधिक उत्पाती और विचलित हो गई ... कि दक्षिण की नदियां रात में हिंसक तरीके से डुबाए हुए के शवों से भर गई।.."

बाद में एक भीड़

"बढ़ रही है और पास की गलियों में बह निकली है।.. कैर्मनयोला हर एक को अपने में लवलीन कर उन्हें दूर उड़ा ले जाता है।"

मिस प्रॉस के साथ लड़ाई के दौरान मैडम डिफ़ार्गे उसके साथ इस तरह चिपक जाती है जो "एक डूबती हुई महिला की पकड़ से अधिक" है।


उपन्यास पर टिप्पणीकारों ने उस विडंबना पर ध्यान दिया है कि मैडम डिफ़ार्गे अपनी ही बंदूक से मारी जाती है और शायद उपर्युक्त कथन से डिकेन्स संकेत करते हैं कि मैडम डिफ़ार्गे जैसी शातिर प्रतिशोध की भावना अंततः अपने शिकारियों को भी नष्ट कर देगी.

अनेक ने उपन्यास को फ्रायड की रोशनी में पढ़ा (ब्रिटिश) अहम और (फ़्रेंच) अहम. फिर भी कार्टन अपनी अंतिम चाल में एक बवंडर देखता है जो "बेमतलब घूमता रहा जब तक धारा इसे अवशोषित कर समुद्र में नहीं ले गई"-उसकी संतृप्ति भले ही काम और अहम से चालित हो किन्तु अवचेतन के साथ एक उन्मादपूर्ण मिलन है।

अंधकार और प्रकाश

जैसा कि अंग्रेज़ी साहित्य में आम है, प्रकाश और अंधकार अच्छाई और बुराई के प्रतीक हैं।

लूसी मैनेट को अक्सर प्रकाश और मैडम डिफ़ार्गे को अंधेरे के साथ जोड़ा जाता है।

लूसी पहली बार डिफ़ार्गे परिवार द्वारा रखे गए कमरे में

अपने पिता से मिलती है।" लूसी के बाल खुशी का प्रतीक हैं जब वह "उन्हें एक साथ बांधने के लिए सुनहरा धागा" बांधती है।

वह "बहुत उज्जवल और चंमकते हुए हीरों", से अलंकृत है और उसकी शादी के दिन की खुशी का प्रतीक है।

अंधेरा अनिश्चितता, भय और जोखिम का प्रतिनिधित्व करता है। श्री लॉरी अंधेरे में डॉवर को रवाना होते हैं, जेलों में अंधेरा है, काले साये मैडम डिफ़ार्गे का पीछा करते हैं, डॉ॰ मैनेट को गहरा, उदास विषाद परेशान करता है, उसकी गिरफ़्तारी और बंदीकरण अंधेरे में डूबे हैं, मारकिस की संपत्ति को रात के अंधेरे में जला दिया जाता है, जेरी क्रंचर अंधेरे में कब्रें लूटता है, चार्ल्स की द्वितीय गिरफ़्तारी भी रात में होती है।

लूसी और श्री लॉरी दोनों को मैडम डिफ़ार्गे से गहरा खतरा महसूस होता है।

लूसी टिप्पणी करती है, "उस भयानक औरत का मुझ पर साया पड़ा जान पड़ता है". हालांकि श्री लॉरी उसे सांत्वना देने की कोशिश करते हैं, "उस पर भी डिफ़ार्गे परिवार के तौर-तरीके की छाया है।"

मैडम डिफ़ार्गे "सफ़ेद सड़क पर एक छाया की तरह" है, बर्फ शुद्धता का और मैडम डिफ़ार्गे अंधेरे भ्रष्टाचार का प्रतीक है। डिकेन्स खून के गहरे रंग की तुलना भी शुद्ध सफ़ेद बर्फ़ से करते हैं: रक्त इसे बहाने वालों के अपराधों का रंग ले लेता है।

सामाजिक अन्याय

बचपन में कारखाने में काम करने को मजबूर किया गया चार्ल्स डिकेन्स अपने कड़ुवे अनुभव की वजह से सताए हुए गरीबों का हमदर्द था। तथापि क्रांतिकारियों के साथ उसकी सहानुभूति सिर्फ एक सीमा तक ही थी, वह भीड़ के पागलपन की आलोचना करता है जो जल्द ही छा जाता है। जब एक रात में पागल आदमी और औरतें ग्यारह सौ बंदियों का नरसंहार करके सान पर अपने हथियारों को धार देने के लिए जल्दी से लौटते हैं तो वे प्रदर्शित करते हैं "ऐसी आँखें जिसके लिए किसी भी दयालु दर्शक को एक सही तरह से तानी गई बंदूक के साथ जीवन के बीस साल लग गए होते."

पाठक को दिखाया गया है कि फ़्रांस और इंग्लैंड में गरीबों पर एक जैसे ही अत्याचार होते हैं। जैसे जैसे अपराध बढ़ते जा रहे हैं इंग्लैंड में जल्लाद "विविध अपराधियों की लंबी कतारें बांध रहा है, अब सेंधमार को फांसी ... अब लोगों के हाथ जलाना" या छह पेन्स की चोरी करने वाले दिवालिए को लटकाया जा रहा है।

फ़्रांस में, एक लड़के का हाथ काट दिया जाता है और जिंदा जलाने की सज़ा सुनाई जाती है, सिर्फ इसलिए क्योंकि पचास गज की दूरी पर गुज़र रही भिक्षुओं की एक परेड के सामने उसने बारिश में घुटने नहीं टेके. मॉसेन्यूर के भव्य निवास में मिलता है, " सबसे बुरे सांसारिक विश्व के बेशर्म पादरी, कामुक आँखें, बेलगाम ज़ुबान और निर्लज्ज जीवन ...

सैन्य ज्ञान रहित सैन्य अधिकारी ... [और] डॉक्टर जो धनवान बने ... काल्पनिक विकारों के उपचार से".[२५]

मारकिस सानन्द उन दिनों को याद करते हैं जब उनके परिवार का उनके दासों के जीवन और मौत पर अधिकार था, "जब ऐसे कई कुत्तों को फांसी पर लटकाने के लिए बाहर ले जाया जाता था". वह दूसरों की कब्र से अलग पहचान के लिए एक विधवा को उसके मृत पति के नाम का बोर्ड लगाने की अनुमति भी नहीं देता था।

वह मैडम डिफ़ार्गे के बीमार देवर को पूरे दिन गाड़ी भरने और रात में मेंढ़कों को दूर भगाने का आदेश देता है ताकि जवान आदमी की बीमारी बढ़ जाए और वह जल्दी मर जाए.

इंग्लैंड में, बैंक भी असंतुलित दंड देते थे: घोड़े को दांता लगाने या कोई पत्र खोलने के लिए आदमी को मौत की सज़ा दे दी जाती थी। जेलों की हालत भयानक होती थी। "अनेक प्रकार के भ्रष्ट आचरण और दुष्टता होती थी और ... भयानक रोग पलते थे", कभी कभी अभियुक्त से पहले न्यायाधीश मारे जाते थे।

अंग्रेज़ी कानून की क्रूरता से डिकेन्स इतना उखड़े हुए हैं कि वह इसके कुछ दंड पर व्यंग्य करते हैं: "कोड़े लगाने वाला खंबा, एक और पुराना प्रिय संस्थान, देखने में बहुत मानवीय और वहां की गतिविधियां बहुत दयालुतापूर्ण".

सुधार न करने के लिए वह कानून को दोषी ठहराते हैं: "जो भी सही है" बेली की पुरानी उक्ति है।[२६] चार टुकड़ों में चीरने का भीषण चित्रण इसकी क्रूरता पर प्रकाश डालता है।

पूरी तरह से उसे क्षमा किए बिना, डिकेन्स समझता है कि जेरी क्रंचर अपने बेटे का पेट भरने के लिए कब्रें लूटता है और पाठक को याद दिलाता है कि संभव है कि श्री लॉरी जेरी को किसी और कारण की बजाए उसकी निम्न सामाजिक स्थिति के लिए अधिक कोसते हैं।

जेरी श्री लॉरी को याद दिलाता है कि डॉक्टर, बजाज, चंडाल और चौकीदार भी शरीर बेचने की साजिश में शामिल हैं।

डिकेन्स अपने पाठकों को सावधान करना चाहता है कि जिस क्रान्ति ने फ़्रांस को इतना बरबाद किया वह ब्रिटेन में नहीं होगी जिसे (कम से कम पुस्तक की शुरुआत में)[२७] फ़्रांस की तरह अन्यायपूर्ण दिखाया गया है।

लेकिन उनकी चेतावनी ब्रिटेन के निचले वर्गों को संबोधित नहीं है बल्कि अभिजात्य वर्ग के लिए है। वह बार बार बुवाई और कटाई के रूपक का उपयोग करता है, अगर अभिजात्य वर्ग अन्यायपूर्ण व्यवहार के माध्यम से क्रांति के बीज बोते रहेंगे तो समय आने पर उन्हें क्रांति की कटाई अवश्य करनी पड़ेगी.

इस रूपक में निम्न वर्ग का कोई अभिकरण नहीं हैं: वे केवल अभिजात्य वर्ग के व्यवहार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। इस मायने में यह कहा जा सकता है कि यद्यपि डिकेन्स गरीबों के साथ सहानुभूति रखते हैं लेकिन वह स्वंय की पहचान अमीरों के साथ करते हैं: वे पुस्तक के श्रोता हैं, यह "हम" है न कि "वे". "एक बार और इसी तरह के हथौड़ों से मानवता को कुचलो और यह अपने आप ही प्रताड़ित रूप धारण कर लेगी. फिर से लालच और उत्पीड़न के बीज बोने से वैसे ही फल उगेंगे.[२८]

डिकेन्स के निजी जीवन से संबंध

कुछ का कहना है कि ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़ में डिकेन्स ने अठारह वर्षीय अभिनेत्री एलेन टेरनन के साथ हाल ही में शुरू अपने संभवतः अलैंगिक लेकिन निश्चित रूप से रोमांटिक प्रेम संबंध को दर्शाया है

लूसी मैनेट शारीरिक तौर पर टेरनन जैसी दिखती है और कुछ को डॉ॰ मैनेट और उसकी बेटी के बीच रिश्ते में "एक निहित भावनात्मक कौटुम्बिक यौनाचार" दिखाई दिया। [२९]

विकी कॉलिन्स के नाटक द फ़्रोज़न डीप में अभिनय करने के बाद पहले पहल डिकेन्स टेल लिखने के लिए प्रेरित हुए.

नाटक में, डिकेन्स एक ऐसे आदमी की भूमिका निभाता है जो अपने जीवन का इसलिए बलिदान कर देता है ताकि उसके प्रतिद्वंद्वी को वह औरत मिल सके जिससे वे दोनों प्यार करते हैं, नाटक का प्रेम त्रिकोण टेल में चार्ल्स डारने, लूसी मैनेट और सिडनी कार्टन के बीच रिश्तों का आधार बना.

सिडनी कार्टन और चार्ल्स डारने ने भी डिकेन्स के व्यक्तिगत जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला. कथानक सिडनी कार्टन और चार्ल्स डारने के बीच निकट परिपूर्ण सादृश्य पर टिका है, दोनों में इतनी समानता है कि कार्टन दो बार उन्हें अलग से पहचान न पाने की दूसरों की असमर्थता से डारने को बचाता है। इसका अर्थ यह निकलता है कि कार्टन और डारने न केवल एक जैसे दिखते हैं बल्कि उनकी "आनुवंशिक" वृत्तियां (इस शब्द से डिकेन्स परिचित न होंगे) भी एक सी हैं: कार्टन डारने का बुरा रूप है . कार्टन के रूप का ज्यादा पता चलता है:

'तुम्हें आदमी [डारने] विशेष रूप से पसंद है क्या?' वह अपने स्वयं की छवि [जो वह एक आईने में देख रहा है] देखकर बुदबुदाता है; 'तुम्हें विशेष रूप से ऐसा आदमी क्यों पसंद होना चाहिए जो तुम जैसा ही दिखता है? तुम जानते हो, तुम में पसंद करने लायक कुछ भी नहीं है। आह, तुम उलझ गए! आप अपने आप में क्या परिवर्तन किया है तुमने! एक आदमी से बात करने का एक अच्छा कारण, कि वह तुम्हें दर्शाता है कि तुमने क्या खोया है और क्या हो सकते थे! उसकी जगह स्वंय को रखकर देखो तो उन नीली आँखों [लूसी मैनेट की] को खुद को देखता पाओगे और उसके उत्तेजित चेहरे से समवेदना जागेगी? चलो और इसे सादे शब्दों में कहो! तुम्हें उससे नफ़रत है।'[३०]

कईयों ने महसूस किया है कि कार्टन और डारने प्रतिछाया हैं जिसे एरिक रैब्किन ऐसी जोड़ी के रूप में परिभाषित करते हैं "पात्र जो कथा में एक साथ एक मनोवैज्ञानिक व्यक्तित्व का प्रतिनिधित्व करें".[३१]

यदि ऐसा है तो इस तरह के कार्यों में उन्हें रॉबर्ट लुई स्टीवन्सन के डॉ॰ जेकाइल और मिस्टर हाइड की झलक दिखाई देगी.

डारने योग्य और सम्मानजनक लेकिन उबाऊ है (कम से कम अधिकतर आधुनिक पाठकों के लिए), कार्टन बदनाम है लेकिन आकर्षक है।

केवल अनुमान लगाया जा सकता है कि कार्टन और डारने एक साथ किसके मनोवैज्ञानिक व्यक्तित्व का प्रतीक हैं (अगर वे करते हैं), लेकिन इसे अक्सर डिकेन्स का ही मानस माना जाता है।

डिकेन्स को पता था कि कार्टन और डारने उसके ही प्रथमाक्षर हैं।[३२]

पात्र

डिकेन्स के कई पात्र, उपन्यासकार ई. एम. फॉर्स्टर के प्रसिद्ध शब्दों में, "फ्लैट" हैं "राउंड" नहीं यानि कि मोटे तौर पर उनका भाव एक सा ही है।

उदाहरण के लिए टेल में, मारकिस लगातार दुष्ट है और उसे इसी में आनंद आता है, लूसी पूरी तरह से प्यार और सहायता करने वाली है।

(प्रसंग के रूप में, डिकेन्स अक्सर इन पात्रों को मौखिक पहचान या दिखाई पड़ने वाले चिह्न दे देते हैं जैसे कि मारकिस की नाक पर चोट.

फॉर्स्टर का मानना था कि डिकेन्स ने कभी पेचीदा पात्र सृजित नहीं किए, लेकिन कार्टन जैसा एक चरित्र निश्चित रूप से कम से कम पेचीदगी के करीब आता है।

  • सिडनी कार्टन - एक तेज़ दिमाग लेकिन निराश अंग्रेज़ बैरिस्टर, शराबी और सनकी, उसका मसीह की तरह स्वयं अपने ही जीवन का बलिदान उसका और चार्ल्स डारने को मुक्ति दिलाता है।
  • लूसी मैनेट - हर तरह से परिपूर्ण, एक आदर्श पूर्व-विक्टोरियन काल की औरत. कार्टन और चार्ल्स डारने (जिससे वह शादी करती है) दोनों उसे प्यार करते हैं और वह डॉ॰ मैनेट की बेटी है। वह "सुनहरा धागा" है जिसके नाम पर पुस्तक दो का नाम रखा गया है, ऐसा उसे इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह अपने पिता और अपने परिवार के जीवन को एक साथ बांधे रहती है (और क्योंकि अपनी मां की तरह उसके बाल भी सुनहरे हैं).

पुस्तक में वह लगभग हर चरित्र को भी एक साथ बांधती है।[३३]

  • चार्ल्स डारने - एवरमॉन्ड परिवार का एक कुलीन फ़्रेंच नौजवान. फ़्रेंच कृषकों के प्रति अपने परिवार की क्रूरता से घृणा करते हुए वह अपना नाम (अपनी माँ के मायके के नाम, डी 'ऑल्नैस पर) "डारने" रख लेता है और फ़्रांस छोड़कर इंग्लैंड चला जाता है।[३४]
  • डॉ॰ एलेक्जेंडर मैनेट - लूसी के पिता हैं, अठारह वर्षों से बैस्टिली में कैद हैं।
  • मस्यूर अर्नेस्ट डिफ़ार्गे - फ़्रांसीसी शराब की दुकान के मालिक और

जैकेरी के नेता, मैडम डिफ़ार्गे के पति, एक युवा के रूप में डॉ॰ मैनेट के नौकर. एक प्रमुख क्रांतिकारी नेता जो अन्य क्रांतिकारियों के विपरीत एक नेक उद्देश्य के साथ क्रांति का नेतृत्व करता है।

  • मैडम थिरेस डिफ़ार्गे - एक प्रतिहिंसक महिला क्रांतिकारी, तर्कसाध्य रूप से उपन्यास की प्रतिपक्षी
  • द वेन्जन्स - मैडम डिफ़ार्गे का साथी जिसे उनकी "छाया" और लेफ्टिनेंट के रूप में संदर्भित किया जाता है, सेंट एन्टॉइन में महिला क्रांतिकारियों के समुदाय का एक सदस्य और कट्टरपंथी क्रांतिकारी. (क्रांति के प्रति अपना उत्साह दर्शाने के लिए कई फ़्रांसिसी पुरूषों और महिलाओं ने अपने नाम बदले.[३५])
  • जार्विस लॉरी - टेलसन बैंक में एक बुजुर्ग प्रबंधक और डॉ॰ मैनेट के प्रिय दोस्त.
  • मिस प्रॉस - जब लूसी दस साल की थी तब से लूसी मैनेट की संरक्षिका. लूसी और इंग्लैंड के प्रति घोर वफ़ादार .
  • मारकिस सेंट एवरमॉन्ड[३६] - चार्ल्स डारने के क्रूर चाचा।
  • जॉन बरसाड (असली नाम सॉलॉमन प्रॉस) - ब्रिटेन का जासूस जो बाद में फ़्रांस के लिए जासूसी करता है (जहां उसे छिपाना पड़ता है कि वह एक ब्रिटिश है). वह मिस प्रॉस का गुमशुदा भाई है।
  • रॉजर क्लाइ - एक अन्य जासूस, बरसाड का सहयोगी.
  • जेरी क्रंचर - टेलसन बैंक के पोर्टर और दूत और खुफ़िया "Resurrection Man" (body-snatcher).

उनका पहला नाम जेरेमाया का संक्षिप्त नाम है।

  • यंग जेरी क्रंचर - जेरी और श्रीमती क्रंचर का पुत्र. यंग जेरी छोटे मोटे काम करते अपने पिता के आसपास अक्सर मंडराता रहता है और कहानी में एक बिंदु पर, रात में अपने पिता का अनुसरण करता है और उसे पता चलता है कि उसके पिता ही रीसरेक्शन मैन हैं।

यंग जेरी अपने पिता को एक आदर्श के रूप में देखता है और बड़ा होने पर खुद भी रीसरेक्शन मैन बनना चाहता है।

  • श्रीमती क्रंचर - जेरी क्रंचर की पत्नी. वह एक बहुत ही धार्मिक स्त्री है, लेकिन उसके पति जिस पर थोड़ा उन्माद सवार है, दावा करता है कि वह उसके खिलाफ़ प्रार्थना करती है और यही वजह है कि वह अक्सर अपने काम में सफल नहीं हो पाता है। वह अक्सर मौखिक रूप से उसके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है और लगभग अक्सर, जेरी शारीरिक रूप से उसके साथ दुर्व्यवहार करता है लेकिन कहानी के अंत में, वह इस बारे में खुद को अपराधी महसूस करता है।
  • श्री स्ट्राइवर - एक अभिमानी और महत्वाकांक्षी बैरिस्टर, कार्टन सिडनी का वरिष्ठ.[३७] यह एक आम गलत धारणा है कि स्ट्राइवर का पूरा नाम है "सी.जे. स्ट्राइवर" है

लेकिन इसकी बहुत संभावना नहीं है। यह त्रुटि पुस्तक 2, अध्याय 12 की एक पंक्ति में आती है: "After trying it, Stryver, C. J., was satisfied that no plainer case could be."[३८]

आद्यक्षर C. J. का उल्लेख लगभग निश्चित रूप से एक कानूनी पदवी (शायद "मुख्य न्यायाधीश") के लिए किया गया है, स्ट्राइवर कल्पना करता है कि वह मुकदमे की हर भूमिका निभा रहा है जिसमें वह लूसी मैनेट को उससे शादी करने के लिए धमकाता है।

  • दर्जिन - टेरर में जकड़ी एक युवती. वह सिडनी कार्टन से पहले आती है जो उसे आराम के लिए गिलोटिन देता है।
  • गैबेल - गैबेल "डाकपाल और कुछ अन्य चुंगी पदाधिकारी है, संयुक्त रूप से"[३९] मारकिस सेंट एवरमॉन्ड के किरायेदारों के लिए.
गैबेल क्रांतिकारियों द्वारा कैद है और उसका अनुनय भरा पत्र डारने को फ़्रांस ले आता है। गैबेल "घृणित नमक कर के नाम पर रखा गया" है।[४०]
  • गैस्पर्ड - गैस्पर्ड वह आदमी है जिसका बेटा मारकिस द्वारा कुचला गया है। वह मारकिस को मार देता है और एक वर्ष के लिए छुप जाता है। अंततः वह खोज लिया जाता है, गिरफ़्तार करके मार दिया जाता है।

रूपांतरण

फ़िल्में

पुस्तक पर आधारित कम से कम पांच फ़ीचर फ़िल्में बन चुकी हैं:

  • ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़, 1911 मूक फ़िल्म.
  • ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़, 1917 मूक फ़िल्म.
  • ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़, 1922 मूक फ़िल्म.
  • ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़ 1935 रॉनल्ड कॉल्मन, एलिज़ाबेथ एलन, रेजिनल्ड ओइन, बैसिल रैथबोन और एडना मॅई ऑलिवर अभिनीत MGM की श्याम और श्वेत फ़िल्म.

इसे सर्वश्रेष्ठ चित्र के लिए अकादमी पुरस्कार के लिए नामित किया गया था।

  • ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़, 1958 संस्करण, डर्क बोग्रेड, डोरोथी टयुटिन, क्रिस्टोफ़र ली, लियो मैक्कर्न और डोनाल्ड प्लैजंस अभिनीत.

1981 की फ़िल्म History of the World, Part I, the French Revolution भाग ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़ पर आधारित प्रतीत होती है।

फ़िल्म A Simple Wish में नायक का पिता ऑलिवर (संभवतः डिकेन्स के अन्य प्रसिद्ध उपन्यास, ऑलिवर ट्विस्ट में से) अपनी थिएटर कंपनी के ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़ के म्युज़िकल निर्माण का हिस्सा बनने की कोशिश में है जिसके प्रारम्भ और अंत में दो प्रसिद्ध उद्धरणों का प्रयोग मिलता है, "It is a far, far better thing that I do", कुछ एकल गायन के हिस्से के रूप में.

टेरी गिलियम ने भी 1990 के दशक के मध्य में मेल गिब्सन और लियाम नेसन के साथ एक फ़िल्मी रूपांतरण विकसित किया। अंततः परियोजना को छोड़ दिया गया।

Star Trek II: The Wrath of Khanमें ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़ को श्रद्धांजलि दी गई है, स्पॉक कर्क को उसके जन्मदिन पर पुस्तक की प्रतिलिपि देता है, बाद में सिडनी कार्टन की तरह एंटरप्राइज़ को बचाने के लिए अपने जीवन का बलिदान कर देता है।


कर्क पुस्तक की शुरुआती और आखिरी लाइनों का क्रमशः फ़िल्म के पहले और आखिरी दृश्यों में उद्धरण देता है।

रेडियो

1938 में, मरक्युरी थिएटर ऑन द एयर (उर्फ़ द कैंपबेल प्लेहाऊस) ने ऑर्सन वेल्स अभिनीत रेडियो अनुकूलित संस्करण का निर्माण किया।

1945 में, उपन्यास के एक भाग का अनुकूलन सिंडिकेटेड कार्यक्रम द वीयर्ड सर्किल में "डॉ॰ मैनेटस मैन्युस्क्रिप्ट" के रूप में किया गया था।

1950 में, टेरेंस रैटीगन और जॉन गिल्गुड द्वारा लिखित रेडियो अनुकूलन बीबीसी द्वारा प्रसारित किया गया। उन्होंने इसे 1935 में एक मंच नाटक के रूप में लिखा था लेकिन इसे बनाया नहीं गया था।

जून 1989 में, बीबीसी रेडियो 4 ने निक मैक्कार्टी द्वारा लिखित और इयान कॉटेरेल द्वारा निर्देशित, रेडियो के लिए अनुकूलित 7-घंटे के नाटक का निर्माण किया।

यह अनुकूलन बीबीसी रेडियो 7 पर कभी कभी दोहराया जाता है। शामिल कलाकार हैं:
  • सिडनी कार्टन के रूप में चार्ल्स डान्स
  • डॉ॰ एलेक्सेंडर मैनेट के रूप में मॉरिस डेनहम
  • लूसी मैनेट के रूप में शार्लेट एटनबरो
  • जार्विस लॉरी के रूप में रिचर्ड पास्को
  • चार्ल्स डारने के रूप में जॉन डटाइन
  • मिस प्रॉस के रूप में बारबरा ली-हंट
  • मैडम डिफ़ार्गे के रूप में मार्गरेट रॉबर्टसन
  • जेरी क्रंचर के रूप में जॉन हॉलिस
  • अर्नेस्ट डिफ़ार्गे के रूप में जॉन बुल
  • श्री स्ट्राइवर के रूप में ऑब्रे वुड्स
  • श्रीमती क्रंचर के रूप में ईवा स्टुअर्ट
  • मारकिस सेंट एवरमॉन्ड के रूप में जॉन मॉफ़ैट
  • जॉन बरसाड और जैक्स #2 के रूप में जेफ़री व्हाइटहेड
  • द वुडकटर और जैक्स #3 के रूप में निकोलस कोर्टनी

टेलीविज़न कार्यक्रम

1957 में बीबीसी के द्वारा एक 8-भाग मिनी-सीरीज़ का निर्माण किया गया जिसमें पीटर विनगार्डे ने "सिडनी कार्टन" के रूप में, एडवर्ड डी सोज़ा ने "चार्ल्स डारने" के रूप में और वेन्डी हचिन्सन ने "लूसी मैनेट" के रूप में अभिनय किया।

एक और मिनी सीरीज़, यह 10 भागों में था, बीबीसी द्वारा 1965 में निर्मित किया गया।

1980 में एक तीसरा बीबीसी मिनी-सीरीज़ (8 भागों में) बनाया गया जिसमें पॉल शैली ने "कार्टन / डारने" के रूप में, सैली ओसबोर्न ने "लूसी मैनेट" के रूप में और नाइजेल स्टॉक ने "जार्विस लॉरी" के रूप में अभिनय किया।

उपन्यास को 1980 टेलीविज़न फ़िल्म के रूप में रूपांतरित किया गया जिसमें क्रिस सैरन्डन ने "सिडनी कार्टन / चार्ल्स डारने" के रूप में अभिनय किया। पीटर कुशिंग "डॉ॰ एलेक्जेंडर मैनेट" के रूप में, एलिस क्रिज "लूसी मैनेट" के रूप में, फ़्लोरा रॉब्सन "मिस प्रॉस" के रूप में, बैरी मोर्स "द मारकिस सेंट एवरमॉन्ड" के रूप में और बिली व्हाइटलॉ "मैडम डिफ़ार्गे" के रूप में.

1989 में ग्रेनेडा टेलीविज़न ने "सिडनी कार्टन" के रूप में जेम्स विल्बी, "लूसी मैनेट" के रूप में सेरेना गॉर्डन, "चार्ल्स डारने" के रूप में ज़ेवियर डीलक, "मिस प्रॉस" के रूप में ऐना मैसी और जॉन मिल्स "जार्विस लॉरी" के रूप में अभिनीत एक मिनी-सीरीज़ बनाया जिसे PBS टेलीविज़न सीरीज़ मास्टरपीस थिएटर के भाग के रूप में अमेरिकी टेलीविज़न पर दिखाया गया था।

1970 में मोंटी पायथॉन के फ्लाइंग सर्कस एपिसोड "द अटिला हुन शो", स्केच "द न्यूज़ फ़ॉर पैरट्स" में ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़ (एज़ टोल्ड फ़ॉर पैरट्स) का एक दृश्य शामिल किया गया।

एनिमेटेड सीरीज़ King of the Hill में यह उपन्यास पैगी की पसंदीदा पुस्तक थी और Full Metal Dust Jacket एपिसोड में इसने एक प्रमुख भूमिका निभायी.

बच्चों के टेलीविज़न सीरीज़ Wishbone ने एपिसोड "ए टेल ऑफ़ टू सीटर्स" के लिए उपन्यास का अनुकूलन किया।

निकलोडियन शो हे आर्नल्ड में भी इस उपन्यास का उल्लेख किया गया था जहां ऑस्कर पढ़ना सीख रहा होता है।

पुस्तकें

निकोलस मेयेर के उपन्यास द कैनरी ट्रेनर में चार्ल्स और लूसी के वंशज, एक बार और मारकिस डी सेंट एवरमॉन्ड का खिताब उनके पास है, द फ़ैंदम ऑफ़ द ओपरा की घटनाओं के दौरान पेरिस ओपरा में आते हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका में 2000 में प्रकाशित अमेरिकी लेखक सुज़ैन एलिन का उपन्यास A Far Better Rest , सिडनी कार्टन के दृष्टिकोण से ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़ की पुनर्कल्पना थी।

डाएन मेयर ने 2005 में आईयुनीवर्स के माध्यम से अपने उपन्यास एवरमॉन्ड को स्वंय प्रकाशित किया, इसमें फ़्रांसीसी क्रांति के बाद चार्ल्स और लूसी डारने और उनके बच्चों की कहानी बतायी गयी है।

अंग्रेज़ी भाषा सीख रहे लोगों के लिए ए टेल ऑफ़ टू सिटिज़ का सरलीकृत संस्करण कठिनाई के कई स्तरों में Penguin Readers द्वारा प्रकाशित किया गया है।

स्टेज म्युज़िकल्स

उपन्यास पर आधारित चार म्युज़िकल्स बन चुके हैं:

जेफ़ वेन का म्युज़िकल, जेरी वेन के गीत और एडवर्ड वुडवर्ड द्वारा अभिनीत 1968 का मंच रूपांतरण, टू सिटिज़, द स्पेक्टैकुलर न्यू म्युज़िकल .

जिल सांतोरेलो के म्युज़िकल अनुकूलन, ए टेल ऑफ़ टू सिटिज़ का अक्टूबर व नवंबर, 2007 में सरसोटा, फ्लोरिडा के एसोलो रिपर्टरी थिएटर में प्रदर्शन किया गया था।

जेम्स स्टेसी बार्बर ("सिडनी कार्टन") और जेसिका रश ("लूसी मैनेट") कलाकारों में शामिल थे। म्युज़िकल के एक निर्माता ने 19 अगस्त 2008 को ब्रॉडवे पर प्रीव्यू शुरू किया

जो 18 सितम्बर को अल हियर्षफ़ेल्ड थिएटर में आरम्भ हुआ।

वॉरेन कार्लाइल कोरियोग्राफ़र / निर्देशक है, कलाकारों के रूप में शामिल हैं "सिडनी कार्टन" के रूप में जेम्स स्टेसी बार्बर,"लूसी मैनेट" के रूप में ब्रैंडी बर्खर्त, "चार्ल्स डारने" के रूप में एरॉन लाज़र, "डॉ॰ मैनेट" के रूप में ग्रेग इडलमैन, "मिस प्रॉस" के रूप में कैथरीन मैक्ग्रैथ, "जार्विस लॉरी" के रूप में माइकल हेवर्ड-जोन्स और 

"मैडम डिफ़ार्गे" के रूप में नैटली टोरो.[४१][४२][४३]

2006 में, हावर्ड गुडॉल ने टू सिटिज़ उपन्यास के अलग म्युज़िकल अनुकूलन के लेखन के लिए जोएना के साथ गठबंधन किया।

केंद्रीय कथानक और पात्र वही थे हालांकि गुडॉल ने पृष्ठभूमि रूसी क्रांति के दौरान की रखी।

जापान की पूर्णतया महिला ओपरा कंपनी रेव्यू टकारज़ुका ने म्युज़िकल के लिए उपन्यास का अनुकूलन किया है।

पहला निर्माण 1984 में, ग्रांड थियेटर में किया गया था जिसमें माओ डाइची ने अभिनय किया और दूसरा 2003 में, बो हॉल में किया गया था यह जून सेना द्वारा अभिनीत था।

ओपरा

आर्थर बेंजामिन द्वारा उपन्यास के ओपरा संस्करण का रोमांटिक मेलोड्रामा इन सिक्स सीन्स के उपशीर्ष से 17 अप्रैल 1953 को बीबीसी पर मंचित, म्युज़िकलकार द्वारा आयोजित, 22 जुलाई 1957 को सैडलर्स वेल्स में लियॉन लवेट के संरक्षण में, पहली बार स्टेज पर मंचन किया गया।[४४]

टिप्पणियां

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. ब्रॉडवे.कॉम ऑन ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़ स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।: "30 अगस्त 1859 को इसके प्रारंभिक प्रकाशन की कई भाषाओं में 200 लाख प्रतियां बिक चुकीं हैं, यह उपन्यास साहित्य के इतिहास में सबसे प्रसिद्ध पुस्तक है।" (24 मार्च 2008)
  3. डिकेन्स 2003, पी. 191 (पुस्तक 2, अध्याय 16).
  4. डिकेन्स 2003, पी. 128 (पुस्तक 2, अध्याय 9). यह कथन (छत के बारे में) मारकिस की जानकारी की तुलना में सत्य है और पूर्वाभास का एक और उदाहरण: पुस्तक 2, अध्याय 23 में विद्रोही किसानों द्वारा एवरमॉन्ड महल को नष्ट कर दिया गया है।
  5. डिकेन्स 2003, पी. 134 (पुस्तक 2, अध्याय 9)
  6. डिकेन्स 2003, पी. 159 (पुस्तक 2, अध्याय 14)
  7. डिकेन्स 2003, पी. 330 (पुस्तक 3, अध्याय 9)
  8. उत्प्रवास को अवैध घोषित किया जाने वाला है लेकिन अभी तक अवैध नहीं है। देखें डिकेन्स 2003, पी. 258 (पुस्तक 3, अध्याय 1)
  9. डिकेन्स 2003, पी. 344 (पुस्तक 3, अध्याय 10)
  10. डिकेन्स 2003, पी. 340 (3 पुस्तक, अध्याय 10)
  11. डिकेन्स 2003, पी. 390 (पुस्तक 3, अध्याय 15)
  12. डिकेन्स 2003, पी. 219 (पुस्तक 2, अध्याय 21)
  13. डिकेन्स 2003, पी. 398
  14. डिकेन्स 2003, पी. 455
  15. डिकेन्स 2003, पी. xxxix
  16. डिकेन्स 2003, पीपी 107-108 (पुस्तक 2, अध्याय 6)
  17. मारकिस जिस बेटी की बात कर रहा है वह निश्चित रूप से वही लड़की है जिसके साथ उसने बलात्कार किया और जिसे मरने दिया, इस बात को छुपाने के लिए ही उसने डॉ॰मैनेट को कैद करवाया. मारकिस उसकी पर जोर देता है क्योंकि डिकेन्स Droit de seigneur (शायद पौराणिक) की ओर इशारा करते हैं जिसके अनुसार मारकिस की भूमि की हर लड़की अपने माता पिता की बजाए मारकिस की होती है। डिकेन्स 2003, पी. 127 (पुस्तक 2, अध्याय 9)
  18. डिकेन्स 2003, पी. 212 (पुस्तक 2, अध्याय 19)
  19. डिकेन्स 2003 पी. 214 (पुस्तक 2, अध्याय 19)
  20. जॉन 11.25-6
  21. बिडरमन 1994, पी. 375
  22. डिकेन्स 2003, पी. 21 (पुस्तक 1, अध्याय 4)
  23. डिकेन्स 2003, पी.178 (पुस्तक 2, अध्याय 15)
  24. इस तक ऊपर जायें: डिकेन्स 2003, पी. 223 (पुस्तक 2, अध्याय 21)
  25. डिकेन्स 2003, पी. 110 (पुस्तक 2, अध्याय 7)
  26. डिकेन्स 2003, पी. 63 (पुस्तक 2, अध्याय 2). डिकेन्स अलेक्जेंडर पोप के 1733 के ऐसे ऑन मैन से उद्धरण लेते हैं।
  27. रुथ ग्लैंसी ने तर्क दिया है कि उपन्यास के शुरु में डिकेन्स ने फ़्रांस और इंग्लैंड को लगभग बराबरी का चित्रित किया है लेकिन उपन्यास की प्रगति के साथ इंग्लैंड बेहतर लगने लगता है और उपन्यास के अंत में मिस प्रॉस के ब्रिटेन समर्थक भाषण में चरमोत्कर्ष पर है।
  28. डिकेन्स 2003, पी. 385 (पुस्तक 3, अध्याय 15)
  29. डिकेन्स 2003, पी. XXI
  30. डिकेन्स 2003, पी. 89 (पुस्तक 2, अध्याय 4) पी. 89
  31. रैब्किन 2007 कोर्स पुस्तिका पी. 48
  32. श्लिक 2008, पी. 53
  33. डिकेन्स 2003 पी. 83 (पुस्तक 2, अध्याय 4)
  34. डॉ॰ मैनेट का पत्र पढ़े जाने के बाद, डारने कहता है कि "मैंने अपनी गरीब मां के विश्वास को छोड़ने का व्यर्थ प्रयास किया जिसके कारण मेरी यह घातक उपस्थिति तुम्हारे पास है।" (डिकेन्स 2003, पी. 347 [पुस्तक 3, अध्याय 11]). डारने शायद तब का जिक्र रहा है जब बचपन में पुस्तक 3, अध्याय 10 में उसकी मां उसे डॉ॰ मैनेट के साथ मुलाकात में साथ लाती है। लेकिन कुछ पाठकों को भी लगता है कि डारने समझा रहा है कि उसने अपना नाम क्यों बदला और वह इंग्लैंड क्यों गया: अपनी पहचान का खुलासा किए बिना डॉ॰ मैनेट के प्रति अपने परिवार का कर्ज चुकाने के लिए.(पेंगुइन क्लासिक्स संस्करण के नोट देखें: डिकेन्स 2003, पी. 486.)
  35. डिकेन्स 2003, पी. 470
  36. कभी कभी मारकिस को "मॉसेन्यूर द मारकिस सेंट एवरमॉन्ड" के रूप में संदर्भित किया जाता है। इस लेख में उसे ऐसे नहीं बुलाया जाता क्योंकि "मॉसेन्यूर" का खिताब समूह में हर उच्च पद के लिए लागू होता है, इस प्रकार, यह खिताब कभी कभी मारकिस के लिए लागू होता है और कभी नहीं.
  37. कार्टन की तरह स्ट्राइवर एक बैरिस्टर है और सॉलिसिटर नहीं; डिकेन्स 2003, पी. ग्यारह
  38. डिकेन्स 2003, पी. 147
  39. डिकेन्स 2003, पी. 120 (पुस्तक 2, अध्याय 8)
  40. डिकेन्स 2003, पी. 462
  41. प्लेबिल.कॉम, 25 सितम्बर 2008 स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।: "बेस्ट ऑफ़ टाइम्स: ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़ ओपन्स ऑन ब्रॉडवे सितम्बर 18"
  42. प्लेबिल.कॉम, 25 मार्च 2008 स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।: "टेल ऑफ़ टू सिटिज़, द म्युज़िकल, टू ओपन ऑन ब्रॉडवे इन सेपटेम्बर"
  43. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  44. बूसी एंड हॉक्स स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। पृष्ठ

सन्दर्भ

  • बीडरमन, हैंस. प्रतीकों का शब्दकोश. न्यू यॉर्क: मेरीडियन (1994) ISBN 978-0-452-01118-2
  • डिकेन्स, चार्ल्स. ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़. रिचर्ड मैक्सवेल द्वारा संपादित और परिचय व टिप्पणियों के साथ. लंदन: पेंगुइन क्लासिक्स (2003) ISBN 978-0-14-143960-0
  • ड्रेबल, मार्गरेट, एड. The Oxford Companion to English Literature 5th ed. ऑक्सफ़र्ड, ब्रिटेन: ऑक्सफ़र्ड यूनिवर्सिटी प्रेस (1985) ISBN 0-19-866130-4
  • फ़ॉर्स्टर, ईएम Aspects of the Novel (1927)

. 2005 पुनर्मुद्रण: लंदन: पेंगुइन.ISBN 978-0-14-144169-6

  • ऑरवेल, जॉर्ज. "चार्ल्स डिकेन्स". A Collection of Essays में. न्यू यॉर्क: Harcourt Brace Jovanovich (1946) ISBN 0-15-618600-4
  • रैब्किन, एरिक. Masterpieces of the Imaginative Mind: Literature's Most Fantastic Works . Chantilly, VA: The Teaching Company (2007)
  • Schlicke, Paul. Coffee With Dickens. लंदन: डंकन बेयर्ड पब्लिशर्स (2008) ISBN 978-1-84483-608-6

अतिरिक्त पाठ्य सामग्री

  • ग्लैंसी, रुथ. चार्ल्स डिकेन्स ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़: ऐ सोर्सबुक . लंदन: रटलेज (2006) ISBN 978-0-415-28760-9
  • सैंडर्स, एंड्रयू. द कॉम्पैनियन टू ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़ . लंदन: Unwin Hyman (1989) ISBN 978-0-04-800050-7 आउट ऑफ़ प्रिंट.

बाहरी कड़ियाँ

ग्रेशम कॉलेज में डॉ॰ टोनी विलियम्स द्वारा व्याख्यान (डाउनलोड के लिए उपलब्ध वीडियो और ऑडियो फ़ाइलें तथा प्रतिलिपि).

एसोलो रिपर्टरी का पाठन-पठन और समुदाय सम्पर्क को प्रेरित करने के लिए समुदाय का साक्षरता प्रयास - 2007-08 के दौरान ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़ फ़िल्मायी गई